पुरानी पेंशन बहाली के लिए राष्ट्रव्यापी आन्दोलन तय: हरिकिशोर तिवारी

लखनऊ,18 दिसम्बर। पुरानी पेंशन बहाली मंच के संयोजक और राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने कहा कि नई पेंशन योजना के तह्त राज्य कर्मचारियों से की जा रही कटौती के रखरखाव में बड़ा गड़बड़ झाला हो रहा इससे मुक्ति एवं पुरानी पेंशन बहाली के लिए पिछले वर्ष बड़ा आन्दोलन किया जा चुका है। नई पेंशन योजना में हर स्तर पर खामियों की शंका शुरूआती दौर से पुरानी पेंशन बहाली मंच एवं राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद द्वारा व्यक्त की जा रही थी। अब तो एक बार फिर भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक (सीएजी ) 2005 अप्रैल से लागू हुई अंशदायी पेंशन योजना को समय से लागू करने में राज्य सरकार को असफल करार देते हुए कहा है कि सरकार नई पेंशन योजना के तहत मैचिग शेय नही दे सकी और न ही अंशदान की राशि को एनएसडीएल के माध्यम से नामित फंड मैनेजर को ट्रंासफर कर सकी। श्री तिवारी ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली मंच एक बार फिर पुरानी पेंशन बहाली के लिए राष्ट्रीय स्तर पर आन्दोलन करने जा रहा है। उन्होंने कहा कि कई राज्यों के कर्मचारी अधिकारियों के संगठन से उनकी वार्ता चल रही है। अतिशीघ्र लखनऊ में देश के हर प्रान्त से शामिल कर्मचारी अधिकारी और शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधि मण्डल का सम्मेलन कर राष्ट्र व्यापी आन्दोलन शुरू किया जाएगा।
श्री तिवारी ने कहा कि इसके पहले भी सीएजी नई पेंशन योजना में सरकार के घालमेल ओर अनियमितता पर उगली उठा चुका है। पिछले वर्ष भी सीएजी ने नई पेंशन योजना में सरकार पर कर्मचारियों का 2017.18 में 700 करोड़ जमा न करने का खुलासा किया था। उन्होंने बताया कि सीएजी की इस वर्ष सदन में प्रस्तुत रिपोर्ट में नई पेंशन योजना के तहत 2017.18 मे ंसरकारी सहायता प्राप्त संस्थाओं और स्वायत निकायों के कर्मचारियों के लिए सरकार समान मैचिंग शेयर के रूप में 465.1 करेाड रूपये का योगदान करने में विफल रही है। यही नही वर्ष 2008-9 से 2017 तक यह मैंचिग शेय के रूपमें 211.69 करोड का अंशदान नही किया। इसके अलावा राज्य सरकार ने 2008.09 से 2017.18 की वधि में राज्य कर्मचारियों, सरकारी सहायता प्राप्त संस्थाओं और स्वायत निकायों के कर्मचारियों व राज्य सरकार के अंशदान के लिए 8205.66 करोड़ जुटाए लेकिन योजना के अनुसार आगे निवेश केक लिए नामित प्राधिकारी को 703.16 रूपये जमा नही किए गए। इस तरह 31 मार्च 2018 तक नामित प्राधिकारी को 1379.95 करोड रूपे कम हस्तांतरित किये गए। इससे राज्य सरकार ने भविष्य में कर्मचारियों को दिये जाने वाले लाभ से वंचित कर दिया। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री शिवबरन सिंह यादव ने बताया कि राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उ.प्र. और उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने मिलकर 2018 ममें लम्बा आन्दोलन कर राज्य सरकार को आगह किया था कि कर्मचारियेां के नई पेंशन योजना में बड़ा गोलमाल किया जा रहा है। कर्मचारियों का पैसा तो काटा जा रहा है किन्तु उसे सही स्थान पर नही भेजा जा रहा है। भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक  ने भी इस पर आपत्ति जताते हुए अपने अपने प्रतिवेदन वर्षवार सरकार की नाकामी को दर्शाया है। एक बार फिर महालेखा परीक्षक की रिपार्ट के बाद परिषद की तरफ से कहा गया है कि कर्मचारियेां की मेहनत का पैसा कहा जा रहा है यह न तो सरकार को पता है  और नही ही कर्मचारी को इसकी जानकारी है। उन्होंने कहा कि नई पेंशन योजना पूरी तरह से विफल है। उन्होंने कहा कि जैसा कुछ चल रहा है उसका परिणाम यह होगा कि आने वाले समय में सेवानिवृत्त कर्मचारी के सामने यह नई पेंशन योजना एक आफत बनकर गिरेगी। उन्होंने कहा कि इसका ताजा उदाहारण पिछले दिनों उत्तर प्रदेंश पावर कारपोेशन के पेंशन घोटाले में देखा जा चुका है।


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