आज के दौर में भी सर्वाधिक प्रासंगिक हैं महात्मा गाँधी की शिक्षाएं - हरि ओम शर्मा
लखनऊ, । गणतन्त्र दिवस परेड में प्रथम पुरष्कृत सिटी मोन्टेसरी स्कूल की अनूठी झाँकी से आज लगभग 15,000 से अधिक छात्रों ने एकता व समरसता का पाठ पढ़ा, साथ ही उल्लास व उमंग से सराबोर वातावरण में अपनी उपस्थिति से लघु विश्व का अनूठा दृश्य उपस्थित किया। गणतंत्र दिवस परेड में प्रदर्शन के उपरान्त
सी.एम.एस. की झाँकी लखनऊ के सभी बच्चों, अभिभावकों, शिक्षकों व आम जनता के अवलोकनार्थ सी.एम.एस. कानपुर रोड प्रांगण में रखी गई। यह झाँकी ‘ऐसा मस्तिष्क बनाओ, जैसा था गाँधी का’ विषय पर आधारित है एवं महात्मा गाँधी की ‘त्याग, सत्य और अहिंसा की नीति’ के जरिये विश्व समाज में एकता व शान्ति स्थापना का संदेश देती है। इस झाँकी को नजदीक से देखने व इससे प्रेरणा ग्रहण करने हेतु हजारों की संख्या में छात्र व अभिभावक झाँकी स्थल पर पधार रहे हैं। आज सी.एम.एस. गोमती नगर (प्रथम कैम्पस), राजाजीपुरम (द्वितीय कैम्पस), अशर्फाबाद कैम्पस, राजेन्द्र नगर (तृतीय कैम्पस) एवं आर.डी.एस.ओ. कैम्पस के लगभग 15,000 छात्र इस झाँकी से प्ररेणा ग्रहण करने हेतु पधारे।
इस अवसर पर ‘झाँकी स्थल’ सी.एम.एस. कानपुर रोड कैम्पस में आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में झाँकी के विभिन्न पहलुओं, इसकी विशेषताओं व इसमें समाहित विचारों से पत्रकारों को अवगत कराते हुए सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के विचारो व उनकी शिक्षाओं की जितनी जरूरत आज के दौर में हैं, उतनी शायद पहले कभी नहीं रही। आज हमारी सामाजिक मान्यताएं बदल रही है, युवा पीढ़ी के कंधो पर समाजनिर्माण की महती जिम्मेदारी है, ऐसे में महात्मा गाँधी का जीवन दर्शन, उनके विचार, आदर्श व शिक्षाएं ही भावी पीढ़ी को रास्ता दिखायेंगी, तभी भारत विश्व में ‘जगत गुरू’ कहलायेगा।
सी.एम.एस. के मोरल एजुकेशन डिपार्टमेन्ट की हेड श्रीमती वंदना गौड़ ने कहा कि अधिकांश नन्हें-मुन्हें बच्चे गणतन्त्र दिवस परेड में झाँकी को नहीं देख पाते हैं, उनके लिए यह एक अभूतपूर्व अवसर है कि झाँकी को नजदीक से देखकर इसके विचारों को ग्रहण करें। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर 28 जनवरी से 2 फरवरी तक ‘शिक्षात्मक झाँकी मेला’ का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने सभी शिक्षकों व अभिभावकों से अपील की है कि अपने बच्चों को संस्कारवान व चरित्रवान बनाने हेतु सी.एम.एस. इस अनूठी झाँकी को अवश्य दिखाएं और इसके विचारों से उन्हें अवगत करायें।