बेटी बचाओ
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कहां है सरकार जो कहती है बेटी बचाओ, सिर्फ नारे लगाती है।
गरीब की बेटी खुद को बचाने हेतु, सडक पर रिक्शा चलाती है।
सरकारे हमेशा रूप बदल-बदल कर ही सत्ता में आती-जाती है।
गरीब के आगंन में खुशी ठिठकी सी हमेशा क्यों रह ही जाती है।
पेट की आग हमेशा वक्त पर गरीब की बेटी भारी पड जाती है।
सिर्फ नारे में बेटी बचाओ की बात गूंज कर हमेशा रह जाती है।
-सुरेन्द्र अग्निहोत्री
ए-305, ओ.सी.आर. बिल्डिंग
विधानसभा मार्ग, लखनऊ, उ0प्र0
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