सिद्धांन्तहीन व अवसरवादी दलों की राष्ट्र विरोधी व अलोकतांत्रिक गतिविधियों से जनता का कोई भला होने वाला नहीं है-विपक्षी दल मोर्चा

                                 


लखनऊ। आगामी लोकसभा चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाने हेतु छोटे राजनीतिक दलों के संघ विपक्षी दल मोर्चा ने आज राजधानी लखनऊ में सपा-बसपा गठबंधन के विरूद्ध गठबंधन की शवयात्रा निकालकर विरोध-प्रदर्शन किया। निशातगंज से हजरतगंज तक चली इस शवयात्रा का नेतृत्व मोर्चा संयोजक केशव चन्द्र व महासचिव रन्जीत सिंह ने संयुक्त रूप से किया।
पूर्वघोषित कार्यक्रम के अनुसार विपक्षी दल मोर्चा ने आज पूरे प्रदेश में सड़क पर उतरकर सपा-बसपा गठबंधन की शवयात्रा निकालकर गठबंधन को देश-प्रदेश के लिए विनाशकारी बताया।विपक्षी दल मोर्चा संयोजक व बहुजन विजय पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव चन्द्र ने कहा कि सिद्धांन्तहीन व अवसरवादी दलों की राष्ट्र विरोधी व अलोकतांत्रिक गतिविधियों से जनता का कोई भला होने वाला नहीं है तथा ऐसे गठबंधनों से जनता को सावधान करने के लिएआज पूरे प्रदेश में घटक दलों द्वारा यह प्रतीकात्मक शवयात्रा निकाली गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा व बसपा ने पिछले 3 दशकों में प्रदेश को भरपूर लूटकर घोटालों व भ्रष्टाचार का विश्व रिकार्ड बनाया है। एक-दूसरे के खून के प्यासे ये दोनों दल 1995 के बाद सत्ता प्राप्ति का कोई और रास्ता न देख राजनीतिक मूल्यों व नीतियों की हत्या कर गठबंधन को मजबूर हो गये। परिवादवाद में आकंठ डूबे हुए दोनों दलों में एक दौलत की बेटी है, दूसरा बाप को धक्का मारकर पार्टी अध्यक्ष की कुर्सी हथियाने वाला बेटा है।
मायावती ने प्रदेश को लूटकर खजाना खाली किया तो जाते-जाते अखिलेश ने आलीशान मुख्यमंत्री आवास को खंडहर बना दिया। 1995 के गेस्ट हाउस कांड के बाद एक-दूसरे के जानी-दुश्मन रहे दोनों दल अब देश में दलदल करंेगे। पिछली लोकसभा में खाता तक न खोल पाने वाली बसपा जो ‘तिलक, तराजू और तलवार, इनको मारो जूते चार’ का नारा देती थीं अब सर्वसमाज का कल्याण करने चली हैं तथा अयोध्या में रामभक्तों पर गोली चलवाने वाली सपा ने अब ‘हाथ’ छोड़कर ‘हाथी’ की पूंछ में साइकिल बांध दी है।
बीवीपी अध्यक्ष ने कहा कि आगे राममंदिर वह बसपा बनवायेगी जिसके नेता कांशीराम ने कहा था कि जन्मभूमि पर शौचालय बना देना चाहिए। अतः देशवासी फैसला कर लें कि अब अयोध्या में राम मंदिर बनाना है या शौचालय। मोर्चा संयोजक ने जोर देकर कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या करने व घोटालों का विश्वरिकार्ड बनाने वाले इन दोनों दलों को कोई मौका देना आत्महत्या से कम नहीं है। यह दोनों दल कहीं से सर्वसमाज या सर्वहारा वर्ग का प्रतिनिधित्व नहीं करते।दौलत कीबेटी मायावती व सपा अध्यक्ष के पूरे ख़ानदान ने प्रदेश को भरपूर लूटकर अगले सौं पुश्तों के लिये अकूत दौलत जमा कर ली है तथा सबके विरूद्ध आय से अधिक सम्पत्ति मामले चल रहे हैं।
मोर्चा संयोजक ने कहा कि इन दोनों दलों से देश व प्रदेश को खतरा है क्योंकि बसपा ने जहां डा. अम्बेडकर के नाम पर दलितों का छला वहीं सपा ने लोहिया के आदर्शाें का गला घोंट दिया। बसपा के पास दलितों के लिए कोई कार्ययोजना नहीं इसके साथ ही वह बिना घोषणापत्र के काम करने वाली अकेली पार्टी है। साथ ही सपा का समाजवाद सिर्फ अपने परिवार तक सीमित है जिसमें 30 से भी अधिक लोग विभिन्न राजनीतिक पदों पर काबिज हैं। वहीं माया ने अपने भतीजे आकाश की ताजपोशी को अब अपने जीवन का अंतिम व सर्वोच्च लक्ष्य मान लिया है। वहीं टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के अनुसार माया के भाई आनंद कुमार द्वारा चलाई जा रही कंपनियों ने महज 7 साल के भीतर 18000 प्रतिशत का मुनाफा कमाया है तथा 1300 करोड़ रूपये की संपत्ति कमाई है।
आंकड़ों के हवाले उन्होंने कहा कि इन परिस्थितियों में प्रदेश में छोटे दलों को साथ लेकर चल रहा विपक्षी दल मोर्चा एक अच्छा विकल्प हो सकता है। मोर्चे ने दलितों, पिछड़ों व सर्वहारा वर्ग को साथ लेकर लोकसभा चुनावों में उतरने का फैसला किया है, इसके साथ ही हमने सभी विकल्प खुले रखे हैं।
इस शवयात्रा में बहुजन विजय पार्टी, बहुजन क्रान्ति पार्टी (मा.अ.), राष्ट्रीय महान गणतंत्र पार्टी, मजदूर किसान यूनियन पार्टी, भारतीय सर्वोदय क्रान्ति पार्टी, भारतीय वंचित समाज पार्टी, पिछड़ा समाज पार्टी, समाज रक्षक पार्टी, किसान सेना सहित जनता जागृति सेवा संगठन, राष्ट्रीय मछुआरा अतिपिछड़ा मंच तथा संयुक्त संघर्ष समिति नामक राजनीतिक संगठन शामिल थे।


 


इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सबसे बड़ा वेद कौन-सा है ?