चित्रकूट में पॉस मशीन के विरोध में मजदूर पहुचे तहसील पर धरना देने


चित्रकूट।पॉस मशीन के विरोध में मजदूर पहुचे तहसील पर धरना देने।पॉस मशीन से लगातार हो रहे राशन वितरण की समस्या के विरोध में मनरेगा मजदूर यूनियन और महिला चेतना समिति संगठन के मजदूरों ने तहसील पर हुंकार भरी।पिछले तीन माह से राशन न मिलने या राशन वितरण में कई तरह की समस्या आने पर तहसील का घेराव किया।मजदूरों का मानना है कि पहले तो सिर्फ घटतौली की ही समस्या थी परन्तु अब तो अगूठा न मिलने पर महीनो बिल्कुल ही राशन नही मिल पा रहा है।ना समिति और मनरेगा संगठन के तत्वाधान में 2 ब्लॉक चिरईगांव और चोलापूर के 50 पंचायत से सैकड़ो मजदूरों ने शांति न भंग हो इसलिए चुपचाप नारे की तख्ती ले कर तहसील पर आये हैं,। समस्याओं को लगातार झेलने पर हम सब मुख्यमंत्री से मांगें की ह ।ैंअभी तक हम ग्रामवासियों को अपनी ग्रामपंचायत में कोटेदार से राशन मिलता रहा है। कहीं-कहीं कोटेदारों द्वारा खाद्यान्न वितरण में दिक्कते भी आती थी लेकिन इसका निस्तारण जिला स्तर पर हो जाता था। नवम्बर 2018 से राशन वितरण पॉस मशीनों द्वारा किया जा रहा है। इन पॉस मशीनों से राशन वितरण में कई तरह की दिक्कते आ रही हैं। जैसेऽ हम छोटे किसान और मजदूर हैं। हम खेतों में काम करते हैं। बहुत अलग-अलग क्षेत्रों में मजदूरी करते हैं। इससे हमारे हाथों के निशान बनते बिगड़ते रहते हैं। अंगूठे के निशान का मिलान नहीं होने पर राशन नहीं मिल पा रहा है। दूरदराज गांवों में सरवर डाउन होने से नेटवर्क नहीं मिल रहा है। राशन लेने के दूरदराज गांवों में सरवर डाउन होने से नेटवर्क नहीं मिल रहा है। राशन लेने के लिए लम्बी लाइन लग रही है। कमजोर नेटवर्क के कारण वितरण व्यवस्था बाधित है। पूरे दिन-दिन लाइन में खड़े होने के बावजूद राशन नहीं मिल पा रहा है। लेने वाले हम सब अधिकांशतः मजदूर किसान है। हममें से बहुत सारे मजदूर साथी, कई बार पूरा परिवार मजदूरी के लिए शहरों की ओर पलायन करते हैं। अगर तीन महीने राशन नहीं लिया तो कार्ड डिलीट हो जाएगा और लौट कर आने के बाद हमें राशन नहीं मिल पायेगा? कई लोगों के तो आधार में ही निशान नहीं मिलते वह राशन कैसे लेंगे?  हमारे राशन पर हमारे गांव/क्षेत्र/जला का नियन्त्रण होने के बजाय किसी कम्पनी का नियन्त्रण होगा। पंचायत की अन्य मजरों से दूरी दो से पांच किलोमीटर है। महिला मुखिया होने के कारण महिलाएं ही राशन लेने जायेंगी कई बार आना जाना घंटों लाइन में लगना इससे उन्हें ही सबसे अधिक परेशानी हो रही है।ऽ महिला का अंगूठा न मिलने पर बच्चों को भी अंगूठा मिलान हेतु घंटों लाइन में लगने हेतु स्कूल की शिक्षा से वंचित करना पड़ रहा ह।ैउपरोक्त कठिन स्थितियों का खामियाजा हम गरीबों को ही भुगताना पड़ेगा। इसलिए हमें पॉस मशीन से राशन लेना मंजूर नहीं है।


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