प्रदेश सरकार किसी अधिकारी पर विश्वास ही नहीं कर पा रही - कंाग्रेस
लखनऊ 22 फरवरी।
उत्तर प्रदेश सरकार चुनाव के पूर्व जिस तरह से सभी सरकारी अधिकारियों का स्थानान्तरण कर रही है ऐसा लगता है कि उसके पास अब इसके अलावा कोई कार्य ही नहीं बचा है। चुनाव आयोग ने यह निर्देश दिया था कि जो अधिकारी एक स्थान पर तीन वर्ष तक रहे उसका स्थानान्तरित करके उन्हें सूचित किया जाये, उसकी आड़ में यह सरकार सभी अधिकारियों को स्थानान्तरित करने में जुट गयी है।
उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के प्रवक्ता ओंकार नाथ सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार इतने बृहद स्तर पर स्थानान्तरण कराकर वह समझ रही है कि यह सम्बन्धित अधिकारी उसके आदेशों का पालन करेंगे और चुनावों में उसके हिसाब से कार्य करेंगे। प्रदेश सरकार को यह नहीं मालूम कि अधिकारी और कर्मचारी सरकार का कार्य करते हैं, मंत्री और मुख्यमंत्री का कार्य नहीं करते हैं। ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री जी इतने घबराये हुए है कि वह किसी अधिकारी पर विश्वास ही नहीं कर पा रहे हैं। इसी लिए प्रदेश में कानून व्यवस्था बद से बदतर हालत में पहुॅंच चुकी है। बेरोजगारी चरम सीमा पर है, जिसकी वजह से आये दिन चोरी, डकैती, बलात्कार आदि की घटनाएं खुलेआम हो रही है और सरकार का प्रशासन तंत्र मूकदर्शक बना हुआ है। सरकार को चाहिए कि निष्पक्ष और ईमानदार अधिकारियों का चयन करे और अपने निजी स्वार्थो से उन्हें मुक्त करे ताकि प्रदेश की व्यवस्था में सुधार हो। उन्हें मालूम होना चाहिए कि चुनाव आयोग इन सब चीजों को बड़े नजदीक से देख रहा है और सरकार की हर कार्यविधि पर उसकी नजर है। यदि कोई भी अधिकारी या कर्मचारी चुनाव के समय में कोई ऐसा कार्य करेगा जिसमें पक्षपातपूर्ण रवैया नजर आयेगा तो निश्चित रूप से चुनाव आयोग इसको संज्ञान में लेगा और सम्बन्धित अधिकारियेां के विरूद्ध कठोर कार्यवाही होगी।