प्रयागराज संग्रहालय में ‘आजाद विथिका‘ का निर्माण होगा-राज्यपाल 

 लखनऊः 27 फरवरी, 2019  

उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक ने अमर शहीद चन्द्रशेखर आजाद की पुण्यतिथि पर घोषणा की है कि प्रयागराज संग्रहालय, प्रयागराज में 1857 से 1947 तक के स्वाधीनता समर में भाग लेने वाले क्रांतिकारियों को समर्पित ‘आजाद विथिका’ का निर्माण किया जायेगा। केन्द्रीय संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ0 महेश शर्मा ने दूरभाष पर अपनी सैद्धान्तिक सहमति देते हुए प्रथम चरण में 10 करोड़ रूपये देने की बात कही है। राज्यपाल ने कहा कि जिन नागरिकों के पास शस्त्र क्रांति करने वाले सेनानियों से जुड़े हुए वारंट, सबूत या दस्तावेज हों उसे संग्रहालय को दान करें जिससे वह वस्तु संग्रहालय की प्रमाणिकता एवं भव्यता का हिस्सा बने। राज्यपाल प्रयागराज संग्रहालय के पदेन अध्यक्ष भी हैं। 

उक्त घोषणा आज राज्यपाल श्री राम नाईक अमर शहीद चन्द्रशेखर आजाद की पुण्यतिथि पर लखनऊ के गोल मार्केट महानगर स्थित चन्द्रशेखर आजाद की प्रतिमा पर माल्यार्पण के उपरान्त किया। राज्यपाल ने महान क्रांतिकारी को अपनी ओर से तथा प्रदेश की जनता की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर लखनऊ की महापौर श्रीमती संयुक्ता भाटिया सहित अन्य विशिष्टजन उपस्थित थे। 

श्री नाईक ने कहा कि चन्द्रशेखर आजाद में बचपन से ही मातृभूमि को स्वाधीन कराने की धुन थी। 15 वर्ष की आयु में जब उन्हें गिरफ्तार किया गया और न्यायाधीश ने उनसे माफी मांगने की बात कही तो चन्द्रशेखर ने निडरता से कहा कि ‘मैं अपने देश पर मिटना पसन्द करूंगा, पर अंग्रेजों से माफी नहीं माँगूगा’। वे मानते थे कि देश की आजादी के लिये सशस्त्र संघर्ष जरूरी है। इसी दृष्टि से उन्होंने काकोरी में रेलगाड़ी लूटकर अंग्रेजों के खजाने को प्राप्त करने का प्रयास किया था, जिससे हथियार खरीदे जा सकें। चन्द्रशेखर ने यह प्रण किया था कि अंग्रेजों के हाथों नहीं मरना है। प्रयागराज (तत्कालीन इलाहाबाद) में उन्होंने अंग्रेजों से संघर्ष किया पर जब लगा कि आगे नहीं लड़ पायेंगे तो अपनी पिस्तौल की आखिरी गोली कनपटी पर मारकर देश के लिये आत्मार्पण कर दिया। राज्यपाल ने कहा कि उसी पार्क में उनकी आदमकद मूर्ति लगाई गई है। आगे कहा कि मैं ऐसे वीर शहीद को शत्-शत् नमन करता हूँ।

राज्यपाल ने कहा कि भारत की सेना पूरे विश्व में सर्वश्रेष्ठ है। पूरे देश ने कल ही देखा कि भारत की सेना एक बार जो तय करती है तो किस प्रकार उस पर काम करती है। पुलवामा में हुए आतंकी हमले से देश के सशस्त्र पुलिस बल के लोग शहीद हो गये थे, पूरा देश शोकाकुल और क्षुब्ध भी था। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सेना का मनोबल बढ़ाया कि देश की सेना स्वतंत्र है कब, कहां और कैसे कारवाई करनी है, सेना तय करे। उन्होंने कहा कि वायु सेना ने 30 मिनट में आतंकी शिविरों को नष्ट कर दिया। 

इस अवसर पर महापौर श्रीमती संयुक्ता भाटिया ने भी अपने विचार रखें। 

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