नागरिक  आवास न मिलने के कारण खुले आसमान के नीचे 

चकरनगर(इटावा)  तहसील के तुर्कपुर पहाडपुर के दबंग प्रधान ने वर्ष 2016-17 में इंदिरा आवास योजना के स्थान पर प्रधानमंत्री आवास योजना की शुुरुआत की । इस व्यवस्था को प्रधान सहित अधिकारियों और कर्मचारियों ने तार-तारकर दिया। सूची को गांव के पंचायत भवन आदि पर चस्पा भी किया जाना था ताकि चयन में किसी प्रकार की गड़बड़ी होने पर लाभार्थी शिकायत कर सकें लेकिन अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से इस व्यवस्था के विपरीत कार्य किया गया। इतना ही नहीं, मनचाहे लाभार्थियों के चयन के लिए कर्मचारियों ने अंकित पात्रों को हटाने के लिए या जो गांव में नहीं रहते या फिर अज्ञात लिखकर खेल कर दिया।इंदिरा आवास योजना को वर्ष 2015-16 में बंदकर प्रधानमंत्री आवास योजना को लागू किया गया। जिले में वर्ष 2016-17 में 9810 और वर्ष 2017-18 में 4631 लाभार्थियों को आवास निर्माण के लिए धनराशि आवंटित की गई। कुल 14 हजार 441 आवासों के निर्माण के लिए अधिकारियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। विभागीय आंकड़ों के अनुसार, अभी भी 1101 आवास नहीं बन सके हैं। उधर, जिले के लिए वर्ष 2018-19 में चार हजार प्रधानमंत्री आवास बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। एक माह पहले तक सभी लाभार्थियों को प्रथम किश्त भी भेजी जा चुकी है। वर्तमान में 620 लाभार्थियों को दूसरी किश्त भी दी जा चुकी है लेकिन धरातल पर इन आवासों को खोजना काफी मुश्किल होगा। अधिकांश आवास पूर्व के आवास योजनाओं से लाभान्वित लाभार्थियों को देकर पुराने आवासों को नया लुक करने में लगे हुए हैं। कुछ ऐसे भी नागरिक हैं कि जिन्हें आवास न मिलने के कारण खुले आसमान के नीचे अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं क्योंकि उनके पास आवास लेने के लिए धन देने की व्यवस्था नहीं है


 


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