बुंदेलखंड जल घोषणापत्र’ पानी की कमी के कारण आपसी सौहार्द में कमी आ रही 

 



बुंदेलखंड  एक सूखाग्रस्त  क्षेत्र है, जहाँ  पिछले कई वर्षो से कम वर्षा के कारण जल संकट एक गम्भीर औरस्थाई  समस्या का रूप ले चुका है। जिसका कृषि के अतिरिक्त पेयजल, स्वास्थ्य, पोषण एवं अन्य क्षेत्रों पर भीदीर्घकालिक प्रतिकूल प्रभाव दिखाई देने लगा है। इसने न केवल बुंदेलखंड के आर्थिक बल्कि सामाजिक तानेबाने पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है।


पानी की कमी के कारण आपसी सौहार्द में कमी आ रही है, खेती से जुड़ी रोजगार में लगातार गिरावटआई है और  आजीविका के संसाधनों के अभाव में, लोग या तो गांवों से पलायन कर रहे हैं या फिर कर्ज के बोझमें दबे जा रहे हैं। सामाजिक रूप से पिछड़े और  आदिवासी,  गरीबो, महिलाओं और बच्चों के लिए इसके प्रभावऔर भी ज्यादा चिंताजनक हैं।परमार्थ समाज सेवी संस्था, बुंदेलखंड जल सहेली मंच एवं पानी पंचायत संघ इस समस्या के समाधानके लिए निरंतर प्रयासरत है। इसी क्रम में जल सहेली मंच एवं पानी पंचायत संघ ने बुंदेलखंड के अनेक गाँवों में समुदाय एवं अन्य हितग्राहियों से चर्चा करके और विभिन्न राजनीतिक दलो के घोषणा पत्रो का अध्ययन करके  सामूहिक प्रयासों से समस्याओं के प्रभावी समाधान की दिशा में प्रयास किए हैं जो देश में सामुदायिक प्रयास की अनूठी पहल है। इस पहल के अंतरगत गाँवों से रास्ट्रीय स्तर तक विविध संवादो का आयोजन किया गया, जिसमें समस्याओं और उनके समाधान दोनो को चिन्हित किया गया है तथा स्तानीय समुदायों की आवश्यकताओं और समस्या निवारण में उनकी भूमिका का विशेष ध्यान दिया गया है।  इस घोषणापत्र को जल सहेलियों द्वारा गाँव गाँव में राजनीतिक दलो और प्रत्याशियों के साथ परिसंवाद किया जा रहा है। जल सहेलियों ने  इस अवसर पर अपने घोषणा पत्र के निर्माण की प्रक्रिया और जन  प्रतिनिधियो से संवाद, राजनीतिक दलो से सम्पर्क के अपने अनुभवो को साझा किया। परमार्थ के प्रमुख,जल-जन जोड़ो के रास्ट्रीय समन्वयक संजय सिंह का कहना है कि, इस प्रकार के सामूहिक प्रयास ही वर्तमान समय की आवश्यकता हैं। जिसे लागू करके प्रभावी और स्थायी समाधान प्राप्त किए जा सकते हैं। इंदिरा खुराना ने कहा कि  जल सहेलियों और पानी पंचायत को अपनी माँगो को सरकार की बजट प्रक्रिया का हिस्सा बनाने का प्रयास करना चाहिए।इस अवसर पर जल सहेली पुष्पा, गीता, श्रीकुवर, मायादेवी, लक्ष्मी देवी, कमलेश आदि की प्रमुख उपस्थिति रही। 


इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सबसे बड़ा वेद कौन-सा है ?