मतदान ड्यूटी में लगे कर्मचारी पोस्टल बैलेट के लिये आवेदन करके  जागरूक मतदाता का परिचय दें- श्री नाईक

 

                                                              लखनऊः 15 अप्रैल, 2019

          आज विधानसभा के तिलक हाॅल में उत्तर प्रदेश सचिवालय राजपत्रित अधिकारी संघ द्वारा भारत रत्न बाबासाहब डाॅ0 भीमराव आंबेडकर के जन्मदिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक, कार्यक्रम के अध्यक्ष न्यायमूर्ति खेमकरण, विशिष्ट अतिथि सेवानिवृत्त विशेष सचिव श्री महेन्द्र सिंह, राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव श्री हेमन्त राव, संघ के अध्यक्ष श्री शिव गोपाल सिंह सहित अन्य पदाधिकारी एवं सदस्य उपस्थित थे। संघ की ओर से राज्यपाल व अन्य अतिथियों को पुष्प गुच्छ व अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। राज्यपाल ने बाबासाहब डाॅ0 भीमराव आंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण कर अपनी आदराजंलि अर्पित की। 

            राज्यपाल ने इस अवसर पर कहा कि देश में जनतंत्र के महोत्सव यानी लोकसभा के आम चुनाव की शुरूआत हो चुकी है। चुनाव प्रक्रिया को सम्पन्न कराने के लिये सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाती है, जिसके कारण उनको अपना मतदान करने का अवसर नहीं मिलता। चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारी और अधिकारी मतदान से वंचित न हों इसलिये पोस्टल बैलेट का प्रयोग करें। उन्होंने कहा कि मतदान ड्यूटी में लगे अधिकारी व कर्मचारी पोस्टल बैलेट के लिये आवेदन करके जागरूक मतदाता का परिचय दें।  

           श्री नाईक ने कहा कि संविधान ने मतदान का अधिकार दिया है, उसको निभाना प्रत्येक मतदाता का दायित्व है। खुद भी मतदान करें और दूसरों को भी प्रेरित करें। समस्त दानों में मतदान सर्वश्रेष्ठ दान है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में विधानसभा 2017 तथा नगरीय निकाय चुनाव में सर्वाधिक मतदान वाले केन्द्रों से जुड़े लोगों का राजभवन में सत्कार किया गया था, उसी प्रकार लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र, विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, मतदान केन्द्र से सर्वाधिक मत प्रतिशत से जुडे़ लोगों का राजभवन में सत्कार किया जायेगा। 

            राज्यपाल ने डाॅ0 भीमराव आंबेडकर को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि बाबासाहब में असाधारण बौद्धिक क्षमता और दृढ़ संकल्प शक्ति थी। उन्होंने ज्ञान की शक्ति को पहचाना, स्वयं शिक्षा ग्रहण करने विदेश गये तथा दूसरों को भी शिक्षित होने के लिये प्रेरित किया। कई शिक्षण संस्थानों की स्थापना की। समाज के उत्थान के लिये उन्होंने किताब, ग्रंथ और लेखों के माध्यम से अपना सन्देश पहुंचाया। संविधान के शिल्पकार के नाते उन्होंने दूरदर्शिता का परिचय देते हुए ऐसे संविधान का निर्माण किया जिस पर भारत का जनतंत्र आज तक सफलता से चल रहा है। उन्होंने कहा कि बाबासाहब के विचारों पर चलने का संकल्प लें। 

            श्री नाईक ने कहा कि उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के रूप में आने पर उनके संज्ञान में आया कि डाॅ0 आंबेडकर का सही नाम लिखा-पढ़ी में नहीं लिया जाता। इस दृष्टि से सबूत के तौर पर डाॅ0 आंबेडकर द्वारा स्वःहस्ताक्षरित संविधान की मूल प्रति मंगाकर देखा जिसमें डाॅ0 आंबेडकर ने स्वयं अपना पूरा नाम लिखा था तथा बाबासाहब की जन्म शताब्दी के अवसर पर भारत सरकार द्वारा उनके नाम पर जारी डाक टिकट पर भी वही नाम लिखा था जो हस्ताक्षर संविधान की मूल प्रति पर थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने उनकी सलाह पर अध्यादेश के माध्यम से नाम सही करने की प्रक्रिया की। 

           कार्यक्रम के अध्यक्ष न्यायमूर्ति खेमकरण ने कहा कि राजनैतिक लोकतंत्र का आधार सामाजिक लोकतंत्र है। बाबासाहब ने समानता और भाईचारे का सन्देश दिया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के लिये संविधान का रास्ता ही सबसे उचित है। 

          विशेष अतिथि श्री महेन्द्र सिंह ने कहा कि डाॅ0 आंबेडकर समानता और समता मूलक समाज के पक्षधर थे। बाबासाहब ने महिलाओं के विकास को प्राथमिकता दी। डाॅ0 आंबेडकर का मानना था कि महिलाओं के विकास से ही देश का विकास होगा। 

            कार्यक्रम में अन्य लोगों ने भी अपने विचार व्यक्त किये। 

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