रोज़ा रखे लेकिन एहतियात से (डा0 ए0के0 तिवारी की मुधमेह के मरीज़ों को सलाह)


लखनऊ मई 03ः प्रख्यात डायबिटीज़ स्पेशलिस्ट और निदेशक ''जय क्लीनिक और डायबिटीज़ केयर सेन्टर'' नें आज रमज़ान माह में रोज़ा रखने वालों को सलाह दी कि डायबिटीज़ के मरीज़ों को रोज़ा रखते समय कुछ बातों को ध्यान रखना होगा ताकि किसी प्रकार की तकलीफ़ का सामना न करना पड़े। इस सिलसिले में एक जागरूक्ता अभियान की शुरूआत करते हुए डा0 तिवारी नें कहा कि रोज़ा रखते समय डायबिटीज़ का उचित प्रबन्धन अति आवश्यक है।
आज पत्रकारों से बात करते हुए डा0 तिवारी नें कहा कि सबसे महत्वपूर्ण है मधुमेह रोगियों की व्यक्तिगत देखभाल, परामर्श और दवाओं का प्रबन्धन। इस सम्बन्ध में डा0 तिवारी नें आज अपने सेन्टर पर भी मधुमेह के रोगियों को नवीनतम निर्देशों के अनुसार जानकारी दी। डा0 तिवारी नें कहा कि इस अभियान का प्रमुख उद्देश्य रमज़ान के पवित्र माह में मधुमेह रोगियों को जागरूक करना है और परामर्श प्रदान करना है ताकि रोज़ा रखते वक़्त किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।
अन्तराष्ट्रीय डायबिटीज़ फेडरेशन और रमज़ान एलाइन्स की दिशा निर्देशों का हवाला देते हुए डा0 तिवारी नें कहा जो मधुमेह रोगी ठीक है वह रोज़ा रख सकते हैं परन्तु इस सम्बन्ध में कुछ जानकारी का होना अति आवश्यक है। इस सम्बन्ध में कुरान का सूरहअल-बकरआयत का हवाला देते हुए डा0 तिवारी नें कहा कि कुरान भी यही कहता है कि (कि अल्लाह नें तुम्हें सारी सहूलियतें अदा की हैं और तुम्हें मुश्किल में डालना नही चाहता) डा0 तिवारी नें कहा कि अन्तराष्ट्रीय फेडरेशन के अनुसार मधुमेह मरीज़ो ंमें तीन प्रकार के जोखिम हैं-जिनको अत्यधिक जोखिम, अधिक जोखिम और कम जोखिम की श्रेणी में रखा गयाहै। उन्होेनें कहा कि रोज़ा रखने वाले मधुमेह मरीज़ों को अपने ब्लड शूगर की जाँच बराबर कराते रहना चाहिये और इस दौरान डाक्टर के द्वारा अपनी दवाइयों को ठीक प्रकार से एडजेस्ट करवा लेना चाहिये साथ ही रोज़ा शुरू करने से पहले डाक्टर द्वारा ठीक प्रकार से जाँच करवा लेना चाहिये। डा0 तिवारी नें कहा कि मरीज़ों को खुद दवा में कमी या ज्यादती नही करनी चाहिये, उन्होनें कहा कि शहरी में खाना खाना अति आवश्यक है। डा0 तिवारी नें कहा कि अगर शूगर का स्तर 70 या 300 हो जाये तो रोज़े को तर्क कर देना चाहिये, डा0 तिवारी नें कहा कि खून में कम शुगर या अति बढ़ी शुगर को चेक करते रहना अति आवश्यक है और इसी प्रकार आगे रोज़ा रखना तय करना होगा।
डा0 तिवारी नें कहा कि रमज़ान से पूर्व मधुमेह रोगियों को मूल्यांक अतिआवश्यक है उन्होनेें कहा सोने और जागने में होने वाले बदलाव का भी प्रभाव रोगी के शुगर लेबल पर पड़ता है डा0 तिवारी नें कहा रोज़ा रखना फर्ज़ है पर अपने जीवन की रक्षा करना भी फर्ज है शुगर कम या ज़्यादा होने पर तुरंत चिकित्सक से सम्पर्क करें। उन्होनें इस सम्बन्ध में इजिप्ट के मुफ्ती शाकी इब्राहीम के एक फतुए का भी ज़िक्र किया जिसमें उन्होनें मधुमेह के रोगियों को ज़रूरी हिदायत दी है।
प्रमुख आहार विशेषज्ञ अमरीन कुरैशी जो पत्रकार सम्मेेलन में मौजूद थीं उन्होनें आहार प्रबंधन के बारे में विस्तृत जानकारी दी उन्होनें कहा कि दैनिक अनुशासित कैलरीज़ को समझदारी से तीन भोजन में विभाजित किया जाना चाहिये, सहरी ज़रूर खाएँ और आफतारी और एक या दो छोटे आहार लेें उन्होनें कहा कि आहार संतुलित होना चाहिये, अमरीन नें आगे बताया कि कम और मध्यम ग्लासिमिक इंडेक्स वाले फल सब्ज़ियाँ अहार में ज़रूर शामिल करें। कैफीन वाले पेय चाय, काॅफी कोल्डिंªक्स आदि कम से कम लें, बाज़ार में मिलने वाले शर्बत से भी बचे तरावट के लिये बिना चीनी के फाइबर युक्त घर में बने फलों के ताज़े जूस बेल व शर्बत नारियल पानी छाछ सत्तू आदि ज़रूर लें, पान तम्बाकू सिगरेट आदि से परहेज़ करे सूर्यास्त से सूर्य उदय तक तरल पदार्थों का भरपूर सेवन करें, रमज़ान प्लेट विधि को ध्यान में रखकर अहार नियत करें।


डाॅ0 अजय तिवारी
संस्थापक अध्यक्ष
हिदा फाउंडेशन (हेल्थ इनिशिएटिव एण्ड डायबिटीज एक्शन)
निदेशक
जय क्लीनिक एवं डायबिटीज केयर सेंटर तहसीनगंज क्रासिंग, ठाकुरगंज, लखनऊ
मो0नं0-09415002740


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