मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लोक भवन में बुन्देलखन्ड विकास बोर्ड के सदस्य डा. पवन पुत्र बादल ने साहित्य परिक्रमा का बुन्देलखन्ड विशेषांक भेट किया
लखनऊ, इतिहास पुरूष महाराजा छत्रसाल की तरह मध्यभारत के सबसे बड़े योद्धा महाराजा छत्रसाल की मिशाल दूसरी नही है जिन्हे राज्य उत्तराधिकार में नहीं मिला था लेकिन उन्होंने अपनी तलवार के बल पर सबसे शक्तिशाली राज्य की स्थापना की और अपने जीवन में 60 से ज्यादा युद्ध लड़े इतने महान पराक्रमी रणवाकुर की उपेक्षा जिस प्रकार इतिहासकारों ने की है उतनी ही उपेक्षा बुन्देलखंड की लोक संस्कृति, कला, पुरातत्व तथा बुन्देली भाषा की आज हो रही है। उदल गरजे दस पुरवा में, दिल्ली में कांपे चैहान को फलित करने बाले क्षेत्र के साहित्य के समग्र रूप को एक स्थान पर प्रस्तुत करने के लिए डा. पवन पुत्र बादल ने साहित्य परिक्रमा का बुन्देलखन्ड विशेषांक का स्वंय संपादन कर दुलर्भ सामग्री युक्त अंक प्रकाशित करने के साथ इस अंक का विमोचन बुन्देलखन्ड के सभी जिलों साथ देश के प्रमुख शहरो में कर रहे है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लोक भवन में बुन्देलखन्ड विकास बोर्ड के सदस्य डा. पवन पुत्र बादल ने साहित्य परिक्रमा का बुन्देलखन्ड विशेषांक भेट किया।