राज्य खाद्य आयोग की तीन सदस्यीय टीम ने जनपद लखनऊ के खाद्यान्न गोदामों का किया निरीक्षण दोषी पाये गये कर्मचारियों व अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही के निर्देश

लखनऊः 31.07.2019
    उत्तर प्रदेश राज्य खाद्य आयोग की तीन सदस्यीय टीम ने प्राप्त शिकायतों के आधार पर जिला पूर्ति अधिकारी लखनऊ, क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी गोमती नगर, क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी आलमबाग एवं वरिष्ठ बांट-माप निरीक्षक आलमबाग के साथ खाद्य एवं रसद विभाग की विपणन शाखा द्वारा संचालित जनपद लखनऊ के खाद्यान्न गोदाम ऐशबाग ए, ऐशबाग बी, महानगर ए और महानगर बी का आकस्मिक निरीक्षण किया। यह जानकारी राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष श्री नन्द किशोर यादव ने दी।
      अध्यक्ष ने बताया कि लखनऊ के खाद्यान्न गोदाम ऐशबाग ए और ऐशबाग बी-जिस पर श्री आदित्य सिंह विपणन निरीक्षक, महानगर ए-जिस पर श्रीमती अभिलाषा सिंह विपणन निरीक्षक, महानगर बी-जिस पर प्रियंका श्रीवास्तव विपणन निरीक्षक, गोदाम प्रभारी के रूप मंे तैनात हैं, के आकस्मिक निरीक्षण में पाया गया कि किसी भी गोदाम प्रभारी द्वारा रोस्टर के अनुसार खाद्यान्न निकासी नहीं दी जा रही थी। यहां तक कि किसी भी गोदाम प्रभारी के पास रोस्टर ही नहीं था। यह स्थिति अत्यन्त ही असन्तोषजनक एवं शासनादेशों का स्पष्ट उल्लंघन है। इसके लिए राज्य खाद्य आयोग ने अपर आयुक्त (विपणन) को जिम्मेदार कार्मिकों के विरूद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं।
      श्री यादव ने बताया कि मौके पर गोदाम पर तैनात श्री आदित्य सिंह, विपणन निरीक्षक एवं श्रीमती इन्दु सिंह क्षेत्रीय विपणन अधिकारी ने बताया कि शासन द्वारा प्रदत्त 05 टन का इलेक्ट्रानिक कांटा जब से लगा है तब से आज तक कभी भी क्रियाशील नहीं रहा। इसलिए उचित दर विक्रेताओं को परिसर के बाहर तौल के लिये भेजा जाता है। सी0डब्ल्यू0सी0 का कांटा भी पानी भर जाने के कारण क्रियाशील नहीं था। गोदाम परिसर में लगभग 02 फिट तक पानी भरे होने के कारण बोरो का सत्यापन कराने की कार्यवाही नहीं हो सकी। टोकन के रूप में बाहर भेजकर गोदाम में उपलब्ध बोरो का वजन कराया गया, जो लगभग 50.50 कि0ग्रा0 से 51.50 कि0ग्रा0 तक पाया गया।
     अध्यक्ष ने बताया कि सबसे बड़ी कमी गोदाम पर पायी गयी। उचित दर विक्रेताओं को बारदाने के वजन (585 ग्राम) का खाद्यान्न नहीं दिया जाता, जो इनकी तकपट्टी में भी अंकित नहीं पाया गया। जैसे यदि उचित दर विक्रेता को 50 कि0ग्रा0 खाद्यान्न दिया जाना है, तो उसके आवंटन के सापेक्ष 585 ग्राम प्रति बोरे कोटेदार को देना चाहिए, जो किसी भी गोदाम प्रभारी द्वारा नहीं दिया गया। श्री आदित्य सिंह, विपणन निरीक्षक द्वारा की गयी अनियमितता के दृष्टिगत सम्भागीय खाद्य नियंत्रक, लखनऊ सम्भाग लखनऊ के द्वारा इनके विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही के निर्देश आयोग ने दिये हैं।  
     श्री यादव ने बताया कि गोदाम पर रोस्टर के अनुसार उचित दर विक्रेताओं को खाद्यान्न निकासी नहीं दिया जाना भी अधिकांश प्रकरणों में पाया गया गया। निर्धारित तिथि के बाद गोदाम प्रभारी द्वारा अपनी मर्जी से अग्रेतर तिथि में निकासी दी जा रही थी, जिस हेतु सम्बन्धित जिला पूर्ति अधिकारी, उपजिलाधिकारी या जिलाधिकारी से एतदर्थ अनुमति प्राप्त नहीं की जा रही है और न ही सभी गोदामों से सम्बन्धित रोस्टर से उठान न करने की सूचना सम्बन्धित क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी, जिला पूर्ति अधिकारी व उपजिलाधिकारी को दी जा रही है, ताकि दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही हो सके। अपर आयुक्त (विपणन) के द्वारा दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही कराने के निर्देश आयोग ने दिए।
     अध्यक्ष ने बताया कि गोदाम के निरीक्षण में यह भी तथ्य प्रकाश में आया है कि निकासी के समय कोई भी पर्यवेक्षणीय अधिकारी व कर्मचारी मौके पर उपस्थित नही मिले, जो शासनादेश का स्पष्ट उल्लंघन है, क्योंकि बिना किसी पर्यवेक्षणीय अधिकारी व कर्मचारी के गोदाम प्रभारी द्वारा निकासी देना, शासनादेश का स्पष्ट उल्लंघन है। इनके विरूद्ध नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही के निर्देश आयोग ने दिये हैं।
    उन्होंने बताया कि जनपद लखनऊ के खाद्य विभागों के गोदामों में विद्यमान स्थिति को देखते हुए सभी गोदामों का विशेष आडिट कराया जाना अति आवश्यक है, जिसके लिए आयुक्त खाद्य एवं रसद तथा प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद को निर्देशित कर दिया गया है।


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