उ0प्र0 को विशेष सुविधा एवं सहायता प्रदान की जायेगी -श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत जल शक्ति मंत्री भारत सरकार
प्रधान मंत्री के संकल्पों को करेगी साकार, उ0प्र0 में योगी सरकार
जल संरक्षण की दिशा में भूगर्भ जल प्रबंधन एवं नियामक अधिनियम लागू कर योगी सरकार ने स्थापित किया है ऐतिहासिक कीर्तिमान
रामायण, महाभारत काल की विलुप्त हो रही नदियों के पुर्नजीविकरण हेतु स्थापित किया गया है प्रकोष्ठ- धर्मपाल सिंह
लखनऊ, दिनांकः 02 अगस्त, 2019
उ0प्र0 के सिंचाई, सिंचाई (यांत्रिक), लघु सिंचाई एवं भूगर्भ जल मंत्री धर्म पाल सिंह ने अपने दिल्ली प्रवास के दौरान गत दिवस केन्द्रीय मंत्री जल शक्ति (जल संसाधन नदी विकास और गंगा संरक्षण) विभाग से भेंट कर प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही महत्वाकांक्षी सिंचाई परियोजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि योगी सरकार ने मा0 प्रधान मंत्री जी के सपनों को साकार करने के लिए पर ड्रॉप मोर क्रॉप को जन आंदोलन के रूप में संचालित कर रही है। इसके अन्तर्गत ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई विधियों के प्रयोग करने वाले किसानों को सहायता दी जा रही है। जिससे कम पानी में अधिक कृषि उत्पादन प्राप्त किया जा सकें। सिंचाई मंत्री ने यह बताया कि योगी सरकार ने जल संरक्षण की दिशा में एतिहासिक कदम उठाते हुए उ0प्र0 भूगर्भ जल प्रबंधन एवं नियामक अधिनियम लागू किया है जिसके तहत एक तरफ भूगर्भ दोहन रोका जा सकेगा वही दूसरी तरफ जल संरक्षण को भी नई दिशा मिलेगी।
श्री सिंह ने केन्द्रीय मंत्री को बताया कि रामायण एवं महाभारत कालीन विलुप्त हो रही नदियों के पुनर्जीवीकरण हेतु शासन स्तर पर नदी संरक्षण एवं पुनर्रीजिवीकरण प्रकोष्ठ का गठन किया गया है इसके तहत प्रथम चरण में प्रदेश की 08 नदियों आमी, गोमती, तमसा, वरूणा, अरिल और सई, सोत एवं मनोरमा को जन सहभागिता के आधार पर पुनर्जीवित किया जा रहा है।
आगरा, मथुरा जनपदों में खारे पानी की समस्या को समाप्त करने हेतु सिंचाई विभाग द्वारा प्रस्तावित अभिनव प्रयोग की जानकारी देते हुए सिचांई मंत्री ने बताया कि इसके अन्तर्गत यमुना के किनारे तालाबों को निर्माण कराके उनमें गंगा नहर का मीठा पानी भरा जाएगा जिससे इस दिशा में उत्साह जनक परिणाम प्राप्त होंगे।
सिंचाई मंत्री ने अवगत कराया कि बुंदेलखण्ड़ क्षेत्र की लंबित 07 परियोजनाए (पहॅंुज बांध पुनरोद्धार, पं0 दीनदयाल उपाध्याय पथरई बांध, लहचूरा बांध अपर्टीनेन्ट कार्यो की परियोजना, गुन्ता बांध के रेस्टोरेशनध्रिनोवेशन ऑफ एलाइड वर्क, मौदहा बांध नहर प्रणाली की क्षमता पुर्नस्थापना, जमरार बांध परियोजना) को पूर्ण किया है इस क्षेत्र में 26264 हे0 सिंचन क्षमता सृजित हुई है एवं 70 हजार जनसंख्या को पेय जल उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने बाढ सुरक्षा एवं राहत कार्य की जानकरी देते हुए बताया है कि प्रभावित क्षेंत्रो में तटबंधो, जनधन की सुरक्षा हेतु व्यापक प्रबंध किये गये है बाढ़ चैकियों पर पर्याप्त मात्रा में सामग्री उपलब्ध करा दी गयी है।
श्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि सिंचाई विभाग द्वारा सतही जल एवं भूगर्भ जल का उपयोग करके 74,659.57 कि0मी0 नहरों, 28 पम्प नहरों, 33375 राजकीय नलकूपों, 250 लघूडाल नहरों एवं 71 जलाशयों में से 69 जलाशयों के माध्यम से लगभग 98.88 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में सिंचाई सुविधा उपलब्ध करायी जाती है। सिंचाई विभाग के प्रमुख कार्यो में सिंचाई हेतु सतही जल की व्यवस्था, बडी/मध्यम व छोटी सिंचाई परियोजनाओं का निर्माण, भूमिगत जल के उपयोग हेतु नये नलकूपों का निर्माण, नहरों का उचित रख-रखाव एवं क्षेत्र में अतिरिक्त पानी की ड्रेनेज की व्यवस्था हेतु ड्रेनो का निर्माण व बाढ़ प्रबन्धन है।
केन्द्रीय मंत्री जल शक्ति श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने उ0प्र0 सरकार द्वारा किये जा रहे सिंचाई कार्यो की प्रगति पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए आश्वस्त किया कि उ0प्र0 को विशेष सुविधा एवं सहायता उपलब्ध करायी जायेगी।