अंगदान है महादान, जाते जाते अंग किसी के काम आ जाये इससे अच्छी बात क्या होगी



आगरा : आप किसी को नया जीवन दे सकते हैं, आप किसी के चेहरे पर फिर से मुस्कान ला सकते हैं। आप किसी को फिर से ये दुनिया दिखा सकते हैं। अंगदान करके आप फिर किसी की जिंदगी को नई उम्मीद से भर सकते हैं। इस तरह अंगदान करने से एक महान् शक्ति पैदा होती है, वह अद्भुत होती है। इस तरह की उदारता मन की महानता की द्योतक है, जो न केवल आपको बल्कि दूसरे को भी खुशी देती है। ये कहना था बल्केश्वर स्थित रामकृष्ण कन्या महाविद्यालय में ऑर्गन डोनेशन इंडिया फाउंडेशन के चेयरमेन लाल गोयल का | संत रामकृष्ण ग्रुप ऑफ़ इंस्टीटूशन एंव सकारात्मक फाउंडेशन के सयुक्त तत्वावधान में आगरा में पहली बार अंगदान जागरूकता सेमिनार की शुरुआत मुख्य अतिथि के विधायक योगेंद्र उपाध्याय, चेयरमैन मनमोहन चावला, संस्था के संस्थापक पार्षद अमित गवाला, चंद्रेश गर्ग, डीपी शर्मा, डॉ० अरुण कुलश्रेष्ठ, डॉ० एमएम सिंह तथा दीपक गोयल ने माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रवज्जलित कर की | 

 

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही एसएन मेडिकल कालेज की पूर्व प्राचार्य डॉ० सरोज सिंह ने कहा कि भारत में ही हर साल लगभग 5 लाख लोग अंग प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा कर रहे हैं। प्रत्यारोपण की संख्या और अंग उपलब्ध होने की संख्या के बीच एक बड़ा फासला है। अंग दान एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें अंग दाता अंग ग्राही को अंगदान करता है। दाता जीवित या मृत हो सकता है। दान किए जा सकने वाले अंग गुर्दे, फेफड़े, दिल, आंख, यकृत, पैनक्रिया, कॉर्निया, छोटी आंत, त्वचा के ऊतक, हड्डी के ऊतक, हृदय वाल्व और नस हैं। जो स्वइच्छा से दान किये जा सकते है | 

 

डॉ० एसके सत्संगी ने कहा कि अंगदान की बड़ी संख्या में जरूरत होते हुए भी भारत में हर दस लाख में सिर्फ 0.08 डोनर ही अपना अंगदान करते हैं। वहीं भारत के मुकाबले अमेरिका, यूके, जर्मनी में 10 लाख में 30 डोनर और सिंगापुर, स्पेन में हर 10 लाख में 40 डोनर अंगदान करते हैं। इस मामले में दुनिया के कई मुल्कों के मुकाबले भारत काफी पीछे है। आकार और आबादी के हिसाब से स्पेन, क्रोएशिया, इटली और ऑस्ट्रिया जैसे छोटे देश भारत से काफी आगे हैं। विधायक योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि  अपने अच्छे क्रियाशील अंगों को दान करने के द्वारा कोई अंग दाता 8 से ज्यादा जीवन को बचा सकता है। प्राचार्य डॉ० मोहिनी तिवारी ने धन्यवाद ज्ञापित किया | इस अवसर पर प्रमुख रूप से रविकांत चावला, डॉ० रमेश खनेजा, सोनू मित्तल, चंद्रभान कहरवार, मनुराज मित्तल, राजकुमार वासीन, ई० बीएम शर्मा, नागेंद्र प्रसाद अग्रवाल, कृष्ण कुमार अग्रवाल आदि मौजूद रहे | 





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