उच्च न्यायालय की शरण लेगें एडेड विद्यालयों के प्रबन्धक एडेड विद्यालयों की समस्याओं पर ध्यान नही दे रही सरकार

लखनऊ। प्रदेश में सहायता प्राप्त माध्यमिक (एडेड) विद्यालयों में शिक्षकों, तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की भर्तियों तथा इन विद्यालयों में फीस व सभी शुल्कों में  बढोत्तरी न होने के विरोध में एडेड विद्यालयों के प्रबन्धक अब  मजबूरन माननीय उच्च न्यायालय की शरण लेंगें।
यह निर्णय दिनांक 5 अक्टूबर को अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालय प्रबन्धक सभा,उ0प्र0 की एक बैठक स्थानीय नारी सेेवा समिति के कक्ष कैसरबाग में संघ के कार्यवाहक अध्यक्ष श्री अरविन्द कुमार की अध्यक्षता तथा महासचिव अनिल कुमार अग्रवाल व अन्य पदाधिकारियों व सदस्यों की उपस्थित में सम्पन्न हुई जिसमें यह तय किया गया कि सरकार की उपेक्षा के चलतें एडेड विद्यालयों की समस्याओं के निदान के लिए मजबूरन अब मा0उच्च न्यायालय में शीघ्र ही एक याचिका दायर की जाएगी।  
बैठक में प्रबन्धक डाॅ0 अनिल कुमार अग्रवालं ने बताया कि पूर्व में एडेड स्कूलों की समस्याओं को लेकर अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालय प्रबन्धक सभा,उ0प्र0 द्वारा जोर शोर से मामले को शिक्षा निदेशक तथा अपर प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा के सामने भी कई बार रख चुकें हैं किन्तु सरकार ने कोई ध्यान नही दिया।
प्रबन्धकों की मांग है कि वर्तमान प्रशासन योजना की व्यवस्था समाप्त की जाये, क्योकि यह मा0 उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेशों द्वारा निरस्त की जा चुकी है। अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों के अध्यापकों की नियुक्ति का अधिकार प्रबन्धतन्त्र को दिया जाये या उनकी नियुक्ति हेतु प्रक्रिया में प्रबन्धतन्त्र को भी भागीदार बनाय जाय, माध्यमिक शिक्षा सेवा आयोग नियमावली की धारा 21 को भी समाप्त किया जाय, सभी शुल्कों का पुर्नरीक्षण किया जाय, विकास शुल्क को बढाया जाय , रिक्त शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के पदो पर शीघ्र नियुक्ति की अनुमति दी जाय, विभागीय अधिकारियों द्वारा प्रबन्धको को लिखे जाने वाले पत्रों की भाषा मर्यादित हो, विद्यालय का विद्युत चार्ज घरेलु दरो पर लिया जाये तथा जलकर भी माफ किया जाय,जो विषय सिर्फ और सिर्फ प्रबन्धकों से संबन्धित हों उनसे संबन्धित पत्र सिर्फ प्रबन्धकों को सीधे भेजे जाने चाहिए न कि प्रधानाचार्य/प्रधानाचार्या के ई-मेल आई0डी0 पर।
जिला विद्यालय प्रबन्धक संघ के महासचिव अरविन्द शुक्ला ने कहा  कि प्रबन्धकों की उचित समस्याओं पर शिक्षा अधिकारियों द्वारा ध्यान नही दिया जा रहा है। राजधानी के शिक्षा अधिकारी प्रबन्धकों के संगठनों से मिलने का समय नही दे रहे हैं, उनके असहयोग पूर्ण रवैंये ये क्षुब्ध होकर  मजबूरन न्यायपालिका की शरण में जाना पडेगा।
बैठक में प्रबन्धक सर्वश्री विजय दयाल, प्रेम प्रकाश मौर्य, डाॅ0 माया गुप्ता, अरुण कुमार (मुजफ्फरनगर) सहित विभिन्न जिलों के प्रबन्धक मौजूद थे।


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