26 नवम्बर, 2019 को संविधान दिवस के उपलक्ष्य में विशेष सत्र आहूत-हृदय नारायण दीक्षित
उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष, श्री हृदय नारायण दीक्षित ने संविधान दिवस के उपलक्ष्य में विशेष सत्र आहूत किये जाने के सम्बन्ध में विचार-विमर्श के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई। बैठक में नेता सदन, योगी आदित्य नाथ, नेता प्रतिपक्ष श्री राम गोविन्द चैधरी सहित सभी दलीय नेताओं ने भाग लिया।
बैठक में मा0 मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने विस्तार से विषय रखते हुए कहा कि भारत के संवैधानिक इतिहास में 26 नवम्बर, 1949 की तिथि महत्वपूर्ण है। इसी दिन संविधान सभा में डा0 भीमराव अम्बेडकर के प्रस्ताव पर संविधान पारित किया।
उन्होंने बताया की संविधान सभा में हमारे देश के बहुत ही प्रबुद्व विद्वान एवं मेधावी सदस्यों ने अनेक बिन्दुओं पर अपने-अपने विचार प्रकट किए थे। हमारी नई पीढ़ी को संविधान सभा की बहसों के बारे में और संविधान में वर्णित उद्वेशिका व मूल कर्तव्यों की जानकारी दी जानी चाहिए। इसी को लेकर सदन का संविधान दिवस के रूप में विशेष सत्र बुलाये जाने का निर्णय लिया गया है। मा0 राज्यपाल सदन की संयुक्त बैठक को सम्बोधित करेंगी उसके बाद सभी नेता एवं सदस्यगण अपना विचार रखेंगे।
उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। लोकतंत्र की असली ताकत संवाद है। विधान मण्डल में विभिन्न संवैधानिक विषयों को लेकर गम्भीर एवं सार्थक चर्चा व बहस होगी जिसका प्रसारण निरंतर दूरदर्शन पर किया जायेगा। दूरदर्शन पर प्रदेश की 22 करोड़ जनता को अपने पूर्वजो द्वारा संविधान निर्माण की चर्चा के बारे में विधान सभा के सदस्यों द्वारा चर्चा के माध्यम से जानकारी होगी।
इस विशेष सत्र के माध्यम से हम संविधान संस्थापकों/निर्माताओं के प्रति अपनी कृतज्ञता ज्ञपित कर सकेंगे। हमने इसीलिए उ0प्र0 विधान सभा में संविधान दिवस पर विशेष चर्चा कराने का निर्णय लिया है। इसमें सभी दलीय नेताओं से सहयोग अपेक्षित है।
विधान सभा अध्यक्ष, श्री दीक्षित ने कहा कि संविधान भारत का राजधर्म है। संविधान के कृपा प्रसाद से ही हमारी संस्थाएं एवं उन पर हम लोग आसीन है। संविधान निर्माताओं ने बड़े लम्बे परिश्रम के बाद 26 नवम्बर 1949 के दिन डा0 अम्बेडकर द्वारा रखे गये प्रस्ताव का अनुमोदन किया था और संविधान स्वीकृत हुआ था। तब से हम लोगांे के लिए संविधान दिवस बड़ा ही महत्वपूर्ण है। हमारा देश दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। संविधान हमारी सबसे पवित्र निष्ठा है। संविधान से ही संसद विधान मण्डल तमाम संस्थाएं, सारे आयोग हमारे अधिकार और कर्तव्य निर्धारित होते है। हम सब लोग संविधान की सर्वोपरिता को स्वीकार करते हैं। संविधान एवं संवैधानिक संस्थाओं के प्रति आदर व्यक्त करने के लिए सदन की बैठक का प्रस्ताव रखा गया है।
उन्होंने संविधान की उद्वेशिका के बारे में विस्तार से बताया कि इस संविधान की उद्वेशिका भारत के संविधान का मूल स्रोत एवं आधार मानी जाती है। संविधान की शुरूआत ''वी द पीपुल आॅफ इण्डिया'' 'हम भारत के लोग' से होती है। यही महत्वपूर्ण शब्द संविधान को बनाने का मूल स्रोत हम भारत के लोग है। उद्वेशिका में जो बातें आयी है यह एक-एक शब्द बीज मंत्र जैसा है। श्री अध्यक्ष ने संविधान के भाग-4 'क' में अनुच्छेद-51 में वर्णित मूल कर्तव्यों के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला है।
संसदीय कार्य मंत्री, श्री सुरेश कुमार खन्ना जी ने मा0 मुख्यमंत्री जी की भावनाओं के साथ सम्बद्ध करते हुए सभी दलीय नेताओं से विशेष सत्र के आयोजन में सहयोग करने की अपील की।
बैठक में नेता विरोधी दल, श्री राम गोविन्द चैधरी, बहुजन समाज पार्टी के नेता, श्री लाल जी वर्मा, कांगेस पार्टी के नेता, श्री सोहिल अख्तर अंसारी, अपना दल (सोनेलाल) के नेता, श्री नील रतन पटेल ने अपने-अपने विचार प्रकट किये सबने इस विशेष सत्र पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए विशेष सत्र पर प्रत्येक प्रकार का सहयोग देने का आश्वासन दिया।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश विधान सभा के प्रमुख सचिव, श्री प्रदीप कुमार दुबे भी उपस्थित रहे।