बेगम अख्तर सुरों की बेगम

भजन सम्राट अनूप जलोटा जो अपने भजनों के कारण जाने जाते हैं, आजकल अपना
ध्यान भजन से हटाकर गजल की ओर लगा रहे हैं. अनूप जलोटा जो बेगम अख्तर के
शहर लखनऊ से हैं, वह गायिकी के क्षेत्र में अच्छा खासा नाम कमा चुके हैं.
उन्हें हमेशा बेगम अख्तर की उपलब्धियों और उनकी गायिकी से प्रेरणा मिली
है. वह मानते हैं कि बेगम अख्तर जैसी गायिका इस पूरी दुनिया में और कोई
नहीं हो सकती. अनूप बताते हैं कि उनके पिता पुरुषोत्तमदास जलोटा जो अपनी
धार्मिक गायिकी के लिए जाने जाते हैं, वह गायिकी के मामले में अनूप से
बेहद कठोरता से पेश आते थे. उन्होंने अनूप को पंजाब के श्याम चौरसिया
घराने से गाना सिखवाया. अनूप की इच्छा थी कि वह क्लासिकल गाने गाएं,
लेकिन उन्हें यह एहसास हुआ कि लोग रोजाना गजल नहीं सुनते बल्कि उन्हें
रोजाना भजन सुनना पसंद आता है. इसलिए उन्होंने भजन गायिकी को चुना. अनूप
के पिता और बेगम अख्तर के एक कॉमन म्यूजिशियन थे, मुन्ना खान साहब जो
उनके ग्रुप में तबला बजाते थे, वह बताते थे कि बेगम ने अपनी जिंदगी में
बहुत से उतार-चढ.ाव देखे हैं और बड.ी मुश्किल भरा जीवन बिताया है. बेगम
की शादी के बाद उनके पति ने यह शर्त रखी कि बेगम फिर दोबारा कभी गाना
नहीं गाएंगीं, लेकिन इससे बेगम की तबीयत खराब रहने लगी जिसके चलते डॉक्टर
ने उनके पति को उनका गाना दोबारा शुरू करवाने को कहा जिस पर उनके पति ने
दोबारा शर्त रख दी कि वह लखनऊ में कभी गाना नहीं गाएंगीं.' इसके बाद
उन्होंने लखनऊ में कभी नहीं गाया और उनकी अंतिम सांस भी अहमदाबाद में एक
प्रोग्राम के दौरान रुकी.
अब गायिकी में नाम कमाने के बाद अनूप अपनी फिल्म बनाने की इच्छा को पूरा
करना चाहते हैं. जलोटा जो बेगम अख्तर से इंस्पायर हैं वह उन्हीं पर एक
बायोपिक फिल्म बनाना चाहते हैं. इस फिल्म में वह बेगम अख्तर के फैमिली
बैकग्राउंड से लेकर उनके बचपन की बातें और उनकी जीवन से जुड.ी छोटी-बड.ी
बातें जैसे उन्हें जहर देना, उनका घर जलना, उनके पिता द्वारा उन्हें
अकेला छोड. जाना, उनके पति द्वारा उन पर लगाई पाबंदियां और इन सब
मुश्किलों से बाहर आकर एक बार फिर अपनी खुशी यानी गायिकी को पाने के बारे
में दिखाएंगे. अनूप जलोटा पूरी कोशिश में लगे हैं कि बेगम के किरदार को
इस तरह से दिखाया जाए कि उनकी छवि से कोई छोड.छाड. न हो और उनसे जुड.ी
किसी भी बात में कोई गलती न हो. अनूप जलोटा बिना बातों की गहराई तक जाए
बेगम अख्तर की जिंदगी को दर्शकों के सामने केवल उनके मनोरंजन के लिए पेश
नहीं करना चाहते.
अनूप जलोटा ने इस फिल्म का नाम 'ऐ मोहब्बत' रखा है जो कि बेगम की ही एक
गजल 'ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पर रोना आया..' से लिया गया है. यह फिल्म बेगम
अख्तर की बायोपिक है इसलिए फिल्म को असली लोकेशन पर शूट किया जाएगा.
जहां-जहां बेगम अख्तर ने अपनी जिंदगी के दिन गुजारे थे फिल्म की शूटिंग
भी उन्हीं जगहों पर की जाएगी. इस तरह लखनऊ, फैजाबाद, कोलकाता, मुंबई आदि
जगहों पर शूटिंग की जाएगी.
आजकल अनूप एक जिम्मेदार फिल्म निर्माता की तरह बेगम अख्तर की जिंदगी से
जुड.ी हर बात को जानने में लगे हुए हैं. अनूप जलोटा फिल्म के साथ हर तरह
से इंसाफ करना चाहते हैं. इसलिए उन्होंने बेगम की सबसे खास शिष्या रीता
गांगुली को अपनी फिल्म का हिस्सा बनाया है. इस फिल्म की कहानी रीता
गांगुली ने लिखी है और फिल्म को नेशनल अवार्ड विजेता और रंगरसिया - मांझी
के डायरेक्टर केतन मेहता डायरेक्ट करेंगे. बेगम अख्तर जैसी बेहतरीन
गायिका के किरदार से इंसाफ करने के लिए जलोटा और केतन मेहता ने कंगना
रनौत को बेगम अख्तर के किरदार के लिए चुना है. उन्हें लगता है कि एक
कंगना ही हैं जो अपने किरदार के साथ तरह-तरह के एक्सपेरिमेंट्स करती रहती
हैं और उनमें हमेशा सफल होती हैं. बेगम अख्तर के किरदार मेंबहुत से
उतार-चढ.ाव हैं और हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में एक कंगना ही हैं जिनमें
इतनी क्षमता है कि वह स्क्रीन पर अलग अलग इमोशंस को बहुत ही खूबसूरती से
दर्शा सकें. कंगना केतन मेहता की दूसरी बायोपिक फिल्म रानी लक्ष्मीबाई कर
रही हैं. इसलिए केतन मेहता को यह उम्मीद है कि रानी लक्ष्मीबाई जैसे
किरदार करने के बाद कंगना बेगम अख्तर के किरदार को भी उतने ही बेहतरीन
तरीके से करेंगी. कंगना के अलावा इस फिल्म में इरफान खान बेगम अख्तर के
पति इश्ताक अहमद अबासत् - कैलाश सिंह


 

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