दुनिया की पहली बोलने वाली गीता


श्रीमद् भगवत गीता केा दुनिया की पहली बोलने वाली गीता  के रुप में भोपाल स्थित आदर्श प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्रकाशित किया गया है। इस पुस्तक के बारे में अनोखी बात यह है कि पाठक किताब को पढ़ने के साथ-साथ पवित्र लिपियां को सुन भी सकते है। यह गीता मल्टीमीडिया पिं्रट रीडर 'एमपीआर' टेक्नोलाॅजी से एबेडेड है। इसमें इनबिल्ट स्पीकर के साथ टाॅकिंग पेन भी है जो पढ़ने के साथ-साथ सुनने में सहायक है। 
इसमें 2 जीबी मेमोरी कार्ड के साथ कैमरा भी है, जब हम एमपीआर पेन को ऐबेड की गई बुक के ऊपर रखते है तो इसमें प्री लोडेड आॅडियो फाइल एक्टिव हो जाती है और हमें गीता का श्लोक सुनाई देता है। इस अनोखी तकनीक के माध्यम से पाठक जब भी गीता का पढ़ते है तो संस्कृत मंे उन्हें आवाज भी सुनने को मिलती है, गीता का यह अर्थ हिन्दी में भी उपलब्ध है और यह भी एमपीआर तकनीक से युक्त है। यह 162 पृष्ठों की एक हार्ड कापी है और इसमें श्रीमद्भगवद गीता के सभी अठारह अध्याय पाठको के अनुकूल फोंट एवं आवाज से प्रस्तुत किए गए है। 


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