घृणा और उपहास की राजनीति
चीज हो गयी राजनीति यह बात देश में भाजपा के छै माह गुजर जाने के बाद उठना लाजिमी है। आखिर क्या गुनाह किया रार्बट बढेरा ने जमीन के सौदे करने में यदि कोई गुनाह था तो उस पर अब तक क्या किया सरकार ने यह जानने के लिऐ पूरा देश कौतहल के साथ देख रहा है। राजनैतिक वोट के लिए लड़ते दल ने किस्से खूब उछाले उनका मकसद साफ था वोट की फसल काट कर चुप्पी क्यो! चुप साधे बेसुध पड़े दलो की बौखलाहट कहा चली गयी ? खैर
सोनिया गांधी के दामाद रार्बट वाड्रा की संपत्ति तीन साल में दो गुना बड़ी है। द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने यह नया खुलासा करते हुए कहा है कि 2012 में वाड्रा की संपत्ति 252 कराड़ रुपए थी। वर्ष 2012 में 72 करोड़ रुपए की जायदाद बेची है। वर्ष 2012 के बाद आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। सोनिया गांधी की पुत्री प्रियंका गांधी के पति राबर्ट वाड्रा के पास वर्ष 2012 में 324 करोड़़ रुपए की जायदाद थी। वहीं इस खबर आने के बाद राबर्ट वाड्रा के प्रवक्ता ने कहा कि राजनीतिक कारणों से बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। राबर्ट वाड्रा ने जो भी किया है वह कानून के तहत ही किया है।सोशन मीडिया पर वाड्रा को लेकर तरह-तरह की बातें आती रहती है। वाड्रा की पृष्ठभूमि और कांग्रेस की सत्ता में उसके अर्श तक पहुंचने की गाथा और उस पर लगे आरोपों ने वाड्रा का कवच और भी कमजोर कर दिया है। वाड्रा रियल एस्टेट में खोले अपने कारोबार को समेटने में लग गयी है। तीन कम्पनी बंद कर दी है।
वर्ष 2012 में उसने रियल एस्टेट कारोबार की 12 कंपनियां खोली। ये कंपनियां हरियाणा और राजस्थान राज्यों में थी जहां कांग्रेस सत्ता में इन कंपनियों को लेकर आरोप लगने लगे। हरियाणा के तत्कालीन कांग्रेसी मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने तत्काल ही गांधी परिवार से स्वामी भक्ति दिखाते हुए खेमका को जांच से रोक दिया। इस मामले में हुड्डा सरकार ने वाड्रा की कंपनी स्कायलाइट हास्पटैलिटी को गुडग़ांव में साढे तीन एकड़ के प्लाट पर कालोनी विकसित करने की इजाजत दी थी। स्कायलाइट कंपनी ने एक अन्य रियल एस्टेट कंपनी को यह प्लाट 58 करोड़ में बेच कर 4- -6 करोड़ का सीधा मुनाफा कमा लिया। हरियाणा सरकार और स्कायलाइट कंपनी के बीच यह करार भी हुआ था कि भूमि की लागत, अन्य खर्च व मुनाफे के बाद जो भी धन बचेगा उसे कंपनी को हरियाणा सरकार को देना होगा। खेमका ने जब यह सौदा रद्द किया तो वाड्रा आगबबूला हो गये और हुड्डा की जमकर क्लास लगाई। इसी दौरान वाड्रा ने अपनी 12 में से चार कंपनिया लाईफलाईन एग्रोटेक प्राईवेट लिमटिड, ग्रीनवे एग्रो प्राईवेट लिमटिड, राईटलाईन एग्रीकलचर प्राईवेट लिमटिड और प्राइमटाइम एग्रो प्राईवेट लिमटिड बंद कर दी। इधर राजस्थान सरकार पहलें से ही वाड्रा के खिलाफ जांच शुरू कर चुकी है। अब हरियाणा सरकार ने भी वाड्रा की कंपनियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। यानि कि वाड्र फंसते नजर आ रहे है। दिलचस्प बात यह है कि वाड्रा पर शिंकजा कसा जा रहा है!
विवाद वाड्रा की राजस्थान में तीन रियल एस्टेट कंपनियों को लेकर भी है। वाड्रा की तीन कंपनियों ने राजस्थान में रियल स्टेट में निवेश कर तीन सालों में 600 फीसदी मुनाफा कमा लिया। वाड्रा की फर्म्स ने 2009-19 में खरीदी जमीन को 2012 में तीन से सात गुना कीमत पर बेचा और इसी साल 2009-10 की दरों पर दूसरी जमीन खरीदी।वाड्रा के साथ इस जमीन को राजस्थान के पूर्व वित्त मंत्री के रिश्तेदार और दो अन्य लोगों ने खरीदी जो जमीन सौदे में गवाह भी थे।
कौन है वाड्रा ?
सोनिया गांधी के दामाद रार्बट वाड्रा को लेकर सोशल साईटस पर अफवाहों और चर्चाओं का बाजार अभी तक गर्म है। रियल एस्टेट में रातों रात किंग बने वाड्रा हरियाणा में एक भूमि सौदे को लेकर चर्चा में आये। भारत-पाक विभाजन से पूर्व वाड्रा के दादा हकूमतराए अविभाजित पंजाब में स्पोटर्स की दुकान चलाते थे। वाड्रा के पिता राजेन्द्र वाड्रा मूल रूप से सियालकोट के निवासी थे जो विभाजन के बाद कर्नाटक आ गये और बाद में मुरादाबाद में शिफ्ट हो गये। इसी दौरान उन्होने काम भी बदलें। रार्बट वाड्रा का जन्म 18 मई 1969 को हुआ। उनके पिता का नाम राजेन्द्र वाड्रा है, जिनका पीतल और लकड़ी के इस्तेमाल से बनने वाले घरेलूं और सजावाटी वस्तुओं का कारोबार है।
उनकी मां मरीन एक स्कॉटिश नागरिक है। रार्बट की एक बहन और एक भाई भी था जिनका नाम क्रमवार रिचार्ड और मिशेल था। रार्बट के पिता दिल्ली के एक गैस्ट हाऊस में मृत मिले थे। उनकी मौत कैसे हुई, यह बात आज तक रहस्य है। बाद में रार्बट के भाई ने वर्ष 200- में आत्महत्या कर ली और बहन की मौत कार हादसे में हो गई। इन सब मौतों पर अभी तक रहस्य बरकरार है। इन्ही बातों को लेकर शोसल साईटस पर लगातार चर्चाऐं चलती रहती है। रार्बट की प्रियंका से शादी 1997 में हुई। रार्बट व प्रियंका पहली बार एक संयुक्त इटैलियन मित्र की पार्टी में मिले थे। तब प्रियंका 20 वर्ष की थी और रार्बट 25 वर्ष के थे। यह मुलाकत मित्रता और फिर रिश्ते में बदल गई। वाड्रा वेस्टर्न डांस व पॅाप म्यूजिक के शौकीन है। बॉडी फिटनैस के अलावा बाईकस उनकी कमजोरी है।बताते है कि रार्बट के पिता भी इस शादी से खुश नहीं थे।
-ःअब गहलोत व हुड्डा भी निशाने परः-
रोबर्ट वाड्रा को बचाने वाले हरियाण के पूर्व मुख्यमंत्री भुपेंद्र सिंह हुड्डा भी नरेन्द्र मोदी सरकार के निशाने पर है। सूत्रों की माने तो हरियाणा सरकार द्वारा रार्बट वाड्रा की कंपनियों की शुरू की गई जांच में तमाम दस्तावेज मंगवाये जा रहे है। वाड्रा की विवादित डील को रद्व करने वाली रिर्पाट को किसके निर्देशों पर रोका गया और किस के कहने पर रार्बट की कंपनी को क्लीन चिट दी गई। इस बात के दस्तावेज एकत्र किये जा रहे है। भाजप के केन्द्रीय सूत्रों अनुसार,पूरे दस्तावेज मिलने के बाद ही हुड्डा पर हाथ डाला जायेगा। ऐसे ही राजस्थान में भी अतीत की गहलोत सरकार में रोबर्ट की कंपनी को तमाम नियमों को दरकरार करके भूमि किसके हुक्मों पर दी गई, इसकी भी पड़ताल चल रही है। यानि कि पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत की भूमिका को देखा जा रहा है।उल्लेखनीय है कि राबर्ट वाड्रा नरेंद्र मोदी और तेज तर्रार नेत्री उमा भारती के निशाने पर बने हुए हैं।
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यह स्टोरी 2014 में कई पत्र और पत्रिकाओं में प्रमुखता से प्रकाशित हुई थी,दस्तावेज-2014 के तहत तत्कालीन समय के राजनैतिक माहौल को समझाने के उद्देश्य से पुनः प्रकाशित कर रहे है।
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