शराब की कड़वी लत को छुडायेंगी होम्योपैथी की मीठी गोलियाँ

आपने अनेक लोगो को यह कहते हुये सुना होेगा कि डाक्टर साहब मैं बहुत परेशान हूँ, क्या करूँ कुछ समझ मंे नहीं आता है, मेरा पति, भाई, बेटा, दामाद अथवा कोई सम्बन्धी शराब की लत में पड़ गया है। आप ही कुछ करियें, क्या होम्योपैथी में ऐसी दवाइयाँ है जो इस लत से छुटकारा दिला सकती है? ऐसे अनेको सवाल हैं जिसका सामना प्रतिदिन एक चिकित्सक को अपने दवाखाने पर करना पडता है।


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 पहले लोग शराब को मजा लेने के लिये पीते है, परन्तु जब इसका सेवन अत्याधिक मात्रा में किया जाने लगता है तो इसे अल्कोहलिज्म में कहा जाता है और ऐसे व्यक्ति को शराबी। शराब का लती व्यक्ति इसके बिना रह नही पाता है और इसके लिये वह कुछ भी कर सकता है। समाचार पत्रों में ऐसी खबरे अकसर आती है कि शराबी ने शराब के लिये किसी का खून कर दिया, चोरी कर ली, पत्नी के गहने बेच दिये। शराब शराबी के मानसिक संतुलन को बिगाड देती है, उसमंे अच्छे एवं बूरे कार्य के बीच अन्तर करने की समझ समाप्त हो जाती है। शराब शराबी को मानसिक रोगी बना देती है। आपने शराब के कारण अनेक लोगों को बिगडते हुये देखा होगा। जमीन, जायजाद, घर, जेवर बिकते हुये देखा होगा। ज्यादातर वाहन दुर्घटनाएं शराब पीकर गाड़ी चलाने से ही होती है। शराब की लत किसी भी व्यक्ति की खुशियांे को छीनने के लिए काफी है। इस जानलेवा लत से बचने के लिए जरूरी है कि इसके सेवन से बचा जायं।
 शराब शराबी के शरीर को खोखला कर देती है उसे कमजोर कर देती है। लगातर शराब का सेवन उसके शरीर को बीमारियों का घर बना देता है। यदि शीघ्र शराब छोडी न जायं तो वह उसे मौत के घाट तक पहुँचा देती है। शराब शरीर के सभी महत्वपूर्ण अंगो पर घातक प्रभाव डालती है। शराब के कारण अनेक मानसिक परेशानियां उत्पन्न हो जाती है। शराबी व्यक्ति में याददास्त में कमी, सोचने समझने क्षमता में कमी, बेचेनी, अनिद्रा, सरदर्द आदि की समस्याएं उत्पन्न हो जाती है।
 शराब का पाचन तंत्र पर बहुत ही कुप्रभाव पड़ता है, भूख मंे कमी, अपच सुबह उल्टी महसूस होना, दस्त होना, गैस बनना यहां तक की आंत नली की कैंसर जैसी अनेक जानलेवा समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। शराब का लीवर पर बहुत ही खतरनाक असर होता है। इससे फैटी लीवर, लीवर सिरोसिस, पैंक्रियाज में सुजन जैसी जान लेवा समस्याएं उत्पन्न हो जाती है। शराब के कारण शरीर की मांसपेशियां सुखने लगती है, हड्डियां कमजोर होने लगती है, टूटी हड्डी जुडने मंे दिक्कत होती है। हड्डी की मज्जा कमजोर होकर लाल एवं स्वेत रक्तकण तथा प्लेटलेट को कम कर देती है।
 शराबी व्यक्ति को उच्च रक्त चाप की समस्या हो सकती है उसमे दमा की सम्भावना बढ़ जाती है। वह अनेक चर्म रोगो का शिकार हो सकता है, पुरूषो में नपुंसकता हो सकती है उसके अण्डकोष सुख जाते है। शराब की आदि महिलाआंें में ओवरी एवं बच्चेदानी के रोग, बच्चा न होना, बार-बार गर्भपात होना, कम वजन के बच्चे का जन्म इत्यादि समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। शराब की लत आज बहुत बड़ी सामाजिक एवं स्वास्थ्य की समस्या बन गयी है। शराब पीना स्टेटस सिम्बल बन गया है, जगह-जगह शराबघर खुल गये है। शादी, विवाह एवं हर खुशी के मौके पर शराब की दावतें होने लगी है। अनेक प्रयासों के बावजूद भी अभी इस समस्या पर प्रभावी नियंत्रण नही हो पा रहा है फिर भी कुछ उपाय एवं सावधानियां अपनाकर इस समस्या पर काबू पाया जा सकता है।
ऽ शराबी व्यक्ति से दोस्ती न करे।
ऽ दोस्तों द्वारा शराब आफर किये जाने पर हमेशा न करें।
ऽ तनाव, अवसाद, चिन्ता, क्रोध की स्थिति में हमेशा योग, प्राणायाम, व्यायाम एवं संगीत आदि का सहारा लें।
ऽ शराबी को जब शराब की तलब लगे तो उसे कोल्ड ड्रिंक, फलो का रस आदि देना चाहिए। 
ऽ शराब के लती व्यक्ति को हमेशा शराब से होने वाली परेशानियों के सम्बन्ध में जानकारी दें।
ऽ सरकार को शराब के विज्ञापनों पर सख्ती के साथ रोक लगानी चाहिए।



सम्भव है होम्योपैथिक समाधानः-
 जब किसी को शराब की लत लग जाये तब उसे इस लत से निकालने में होम्योपैथिक काफी कारगर साबित हो सकती है परन्तु इसके साथ लती व्यक्ति को अपनी इच्छा शक्ति को मजबूत करना पडेगा, साथ ही परिवार को भी उसका पूरी तरह सहयोग करना पड़ेगा तभी इस समस्या का सामाधान संभव हो सकेगा। शराब की लत को छुड़ाने मंे अनेक होम्योपैथिक दवाइयां कारगर है जो लती व्यक्ति के आचार, विचार, व्यवहार एवं उसके मानसीक एवं व्यक्तिगत लक्षणों के आधार पर दी जाती है। होम्योपैथिक दवाइयों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि शरीर पर किसी प्रकार का दुष्परिणाम नही उत्पन्न करती है, साथ ही लती व्यक्ति इनको बड़ी आसानी से ले लेता है। इस समस्या के समाधान के लिये प्रमुख रूप से प्रयोग होने वाली औषधियां इस प्रकार है।
अवेना सटाइवाः-
 जब मानसिक यौन संबंधी कमजोरी लगे, उसे शराब के बिना एक भी पल रहना भारी लगे, नींद बिल्कुल समाप्त हो जायें ऐसे में अवेना सटाइवा क्यू की 10-15 बूंद पानी के साथ दिन मंे दो बार लें।
नक्स वोमिकाः-
 जो शराब अधिक लेते हो तो दुबले पतले चिडचिडे हो, शारीरिक श्रम न करते हांे, सुबह उठते ही या खाना खाने के बाद उल्टी महसूस हो, भूख कि कमी हो, शोर एवं रोशनी बरदाश्त न होती हो, हमेशा शराब की जरूरत महसूस होती हो तब नक्स वोमिका 200 शक्ति की औषधि शाम को सोते समय लेना चाहिए, इससे शराब के द्वारा शरीर में उत्पन्न खराबियों को ठीक करने में मद्द मिलेगी। 
स्टरकुलिया एकुमिनाटाः-
 शरीर मंे अत्यधिक कमजोरी लगेे जैसा हृदय की गति कम हो गयी हो, यह दवा भूख बढ़ाती है और खाना पचाने में सहायक होती है, मुंह का स्वाद ऐसा कर देती है कि शराब की महक से नफरत होने लगती है और उसकी इच्छा को कम कर देती है, स्टरकुलिया एकुमिनाटा क्यू की 5-10 बूंद सुबह-शाम पानी के साथ लेना चाहिए।
 इसके अतिरिक्त ऐसिड सल्फ, आरसेनिक, चाईना, चिलिडोनियम, कार्डुवस, कालीफास आदि होम्योपैथिक दवाइयोें का प्रयोग शराबी व्यक्ति के लक्षणों के आधार पर किया जा सकता है, परन्तु ध्यान रहे की यह औषधियां प्रशिक्षित चिकित्सक की सलाह पर लेनी चाहिए।


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