स्नान कब और कैसे
स्नान कब और कैसे करें घर की समृद्धि बढ़ाना हमारे हाथ में है।
सुबह के स्नान को धर्म शास्त्र में चार उपनाम दिए हैं।
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*1* *मुनि स्नान।*
जो सुबह 4 से 5 के बीच किया जाता है।
*2* *देव स्नान।*
जो सुबह 5 से 6 के बीच किया जाता है।
*3* *मानव स्नान।*
जो सुबह 6 से 8 के बीच किया जाता है।
*4* *राक्षसी स्नान।*
जो सुबह 8 के बाद किया जाता है।
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▶मुनि स्नान सर्वोत्तम है।
▶देव स्नान उत्तम है।
▶मानव स्नान सामान्य है।
▶राक्षसी स्नान धर्म में निषेध है।
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*मुनि स्नान .......*
🏻घर में सुख ,शांति ,समृद्धि, विद्या , बल , आरोग्य , चेतना , प्रदान करता है।
*देव स्नान ......*
🏻 आप के जीवन में यश , कीर्ती , धन, वैभव, सुख ,शान्ति, संतोष , प्रदान करता है।
*मानव स्नान.....*
🏻काम में सफलता ,भाग्य, अच्छे कर्मों की सूझ, परिवार में एकता, मंगलमय , प्रदान करता है।
*राक्षसी स्नान.....*
🏻 दरिद्रता , हानि , क्लेश ,धन हानि, परेशानी, प्रदान करता है ।
किसी भी मनुष्य को 8 के बाद स्नान नहीं करना चाहिए।
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पुराने जमाने में इसी लिए सभी सूरज निकलने से पहले स्नान करते थे।