दुग्ध समितियों को अधिक बढ़ावा देकर उनकी संख्या में वृद्धि की जाय कार्यों के प्रति लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्यवाही की जायेगी

लखनऊः 02 दिसम्बर, 2019

     उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग, कैबिनेट मंत्री श्री लक्ष्मी नारायण चैधरी ने प्रदेश में दुग्ध उत्पादन में वृद्धि किये जाने के लिए दुग्ध खरीद एवं विपणन पर विशेष ध्यान दिये जाने को कहा है। इसके साथ ही उन्होंने दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के अधिकाधिक उपाय ढूढ़े जाने और गुणवत्तापरक दुग्ध उपार्जन किये जाने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने कहा है कि दुग्ध विकास कार्यक्रमों के तहत सहकारी दुग्ध समितियों की संख्या बढ़ायी जाय और उनके गठन, दुग्ध उत्पादकों के प्रशिक्षण, दुग्ध उपार्जन, परिवहन, प्रसंस्करण तथा तरल दुग्ध व दुग्ध उत्पादों के उत्पादन एवं विपणन की व्यवस्था को और सुदृढ़ व प्रभावशाली बनाया जाय। 

दुग्ध विकास मंत्री आज पशुपालन निदेशालय में दुग्ध विकास कार्यक्रमों की समीक्षा कर रहे थे। श्री चैधरी ने दुग्ध विकास विभाग के अधिकारियों को प्रदेश में दुग्ध उत्पादन में तीव्र गति से वृद्धि किये जाने के कड़े निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि यदि अधिकारियों द्वारा यथाशीघ्र अपनी कार्य प्रणाली में सकारात्मक सुधार नहीं किया गया और विभागीय कार्यों के प्रति लापरवाही या उदासीनता बरती गयी तो उन पर कठोर कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने यह भी कहा कि अच्छा कार्य करने वाले अधिकारियों को पुरस्कृत भी किया जायेगा। 

श्री चैधरी ने अधिकारियों से कहा कि ग्रामीणांचल के दुग्ध उत्पादकों को तकनीकी निवेश सुविधाएं जैसे पशु स्वास्थ्य कार्यक्रम, टीकाकरण, डिवर्मिंग, थनैला रोग नियंत्रण एवं तकनीकी जानकारी उपलबध कराकर दुग्ध उत्पादन हेतु प्रोत्साहित किया जाय।

इस अवसर पर पशुधन राज्यमंत्री श्री जय प्रकाश निषाद ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था के अनवरत विकास को सुनिश्चित करने, कृषकों को उनके द्वारा उत्पादित दुग्ध का लाभकारी मूल्य दिलवाने एवं कृषि आधारित ढांचा सुदृढ़ करने में दुग्ध विकास विभाग की बहुत महत्वपूर्ण व सराहनीय योगदान रहा है। इसलिए आवश्यकता है कि दुग्ध विभाग के  अधिकारी संवेदनशीलता से अपने दायित्वों का निर्वहन करें।

बैठक में पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री बी0एल0 मीणा, पशुपालन विभाग के निदेशक श्री ओ0पी0 सिंह (प्रशासन एवं विकास) निदेशक श्री एस0के0 श्रीवास्तव (रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र) तथा मण्डलों से आये दुग्ध विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। 

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