डर के साए में जी रही है ‘वुहान डायरी’ की लेखिका, किताब में लिखा है चीन का खौफनाक सच


चीन से दुनिया भर में फैले कोरोना वायरस के बारे में बातें छिपाने को लेकर दुनिया लगातार चीन को शक की नज़रों से देख रही है। ऐसी कई खबरें सामने आयीं और दबा दी गयीं जब चीन के नागरिकों ने कोरोना वायरस को लेकर आवाज़ उठायी और उन्हें सरकार की नाराज़गी झेलनी पड़ी। ऐसे कई लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया या वे लापता हो गए। अब एक चीनी लेखिका के साथ भी कुछ ऐसा ही घटित हो रहा है। ये लेखिका हैं हाल ही में चर्चा में आई किताब ‘वुहान डायरी’ की। कोरोना वायरस महामा’री का केंद्र बन कर उभरे चीनी शहर वुहान को संक्रमणमुक्त करने के लिए सील कर दुनिया से अलग कर दिए जाने के बाद, चीनी लेखिका फेंग फांग ने अपने गृह नगर में कोरोना वायरस त्रासदी के बारे में एक ऑनलाइन डायरी लिखना शुरू किया। इस डायरी में वुहान शहर का कोरोना काल का सारा घटनाक्रम सबके सामने आ गया है. जब वुहान में कोरोना काल बनकर मंडरा रहा था, तब चीनी लेखिका फेंग फांग डायरी में वुहान का सारा सच लिखा करती थीं। उन्होंने वुहान में मौत के खौफनाक मंजर से लेकर मा’तम, या’तना तक की सारी दास्तांन को डायरी में उकेर दिया।  उनकी इस डायरी ने लाखों पाठकों का ध्यान आकर्षित किया और इसका विदेशों में कई भाषाओं में प्रकाशन भी होने वाला है। शुरू में चीनियों ने इसे काफी पंसद किया, मगर उन्हें इस डायरी के लिए अपने ही देश में आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. 64 वर्षीय लेखिका फेंग फांग को 2010 में चीन के सबसे प्रतिष्ठित साहित्यिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. आलोचकों का कहना है कि वह, उन देशों के साथ खड़ी नजर आ रही हैं


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