एसएमआइसी में मनाई गई भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव की जयन्ती * सोशल डिस्टेंस का किया गया पालन

 

 

 

ललितपुर।

सरस्वती मंदिर इंटर कॉलेज मड़ावरा में भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयन्ती मनाई गई। सरस्वती मंदिर इण्टर कॉलेज के प्रधानाचार्य रामसजीवन प्रजापति ने जयंती का शुभारंभ भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर किया। इसके साथ ही कॉलेज के सहायक अध्यापक संतोष कुमार त्रिपाठी सहित अन्य अध्यापकों ने भी बाबा साहब की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किये। इस मौके पर सोशल डिस्टेंस का भी पालन किया गया तथा सभी लोग दूर-दूर खड़े हुए। 

 

सरस्वती मंदिर इण्टर कॉलेज के प्रधानाचार्य रामसजीवन प्रजापति ने कहा कि बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को महू, मध्य-प्रदेश के एक गांव में हुआ था। बचपन से ही आर्थिक और सामाजिक भेदभाव देखने वाले आंबेडकर ने विषम परिस्थितियों में पढ़ाई शुरू की थी। इतना ही नहीं बाबा साहेब को स्कूल में काफी भेदभाव झेलना पड़ा था। दलित समाज के उत्थान और उन्हें जागरुक करने में डॉ. भीमराव आंबेडकर का योगदान अतुल्य है। बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का जीवन संघर्ष और सफलता की ऐसी अद्भुत मिसाल है, जो शायद ही कहीं और देखने को मिले। बाबा साहेब के विचार हमेशा इंसान को समाज के प्रति प्रेरित करते हैं। समाज के उत्थान के लिए आंबेडकर लगातार इंग्लैंड गए और भारतीय संविधान के निर्माण के समय प्रारूप समिति का अध्यक्ष बन संविधान का निरीक्षण किया और अंततः लोकतंत्र भारत के निर्माणकर्ता के रूप में प्रसिद्ध हुए।

 

इस अवसर पर विद्यालय के सहायक अध्यापक संतोष त्रिपाठी जी ने कहा कि भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर

समाज के वंचित वर्ग एवं अछूत वर्ग को आगे लाने के लिए 

वाहिस्कृत हितकारिणी सभा समता सैनिक दल जैसे सामाजिक संगठन का गठन किया तथा डिप्रेस्ड क्लासेस एजुकेशन सोसाइटी पीपल एजुकेशन सोसाइटी जैसी शैक्षणिक संस्था को जन्म दिया पुरुषों के बराबर स्त्रियों का स्थान दिलाने के लिए बराबर प्रयासरत रहे इनकी प्रथम पत्नी रमाबाई इन्हीं से प्रभावित होकर एक सामाजिक महिला बनी इनकी दूसरी पत्नी डॉक्टर सविता (शारदा कबीर) इनके अंतिम समय तक साथ रहे महान विभूतियों में से एक रहे बाबा साहब आंबेडकर जी एक ऐसे मात्र भारतीय है जिनका छाया चित्र लंदन संग्रहालय में कार्ल मार्क्स के बगल लगी हुई है नोबेल पुरस्कार प्राप्त करता महान अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने अर्थशास्त्र में डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर जी को अपना पिता माना है। इस अवसर पर कॉलेज के अध्यापक एवं अन्य स्टाफ भी उपस्थित रहा। 

 

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