कोरोना के विरळद्ध लड़ाई सिर्फ सरकार की ही नहीं बल्कि हर भारतीय को इसे हराने में बराबर की जिम्मेदारी निभानी होगी - सहाराश्री सुब्रत राॅय सहारा

लखनऊ, 18 अप्रैल, 2020: भारत के प्रमुख व्यावसायिक समूह सहारा इंडिया परिवार के मैनेजिंग वर्कर एवं चेयरमैन, सहाराश्री सुब्रत राॅय सहारा ने आज एक व्यक्त्तव्य जारी कर हर एक भारतीय से अपील करते हुए कहा कि कोरोना के विरळद्ध लड़ाई सिर्फ सरकार की नहीं है बल्कि हम सब भारतीयों को एकजुट होकर इस महामारी को हराने में बराबर से अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।
सहाराश्री ने अपने व्यक्त्तव्य में जोर दिया कि हम सबको यह समझना होगा कि कोरोना के विरळद्ध यह लड़ाई संपूर्ण मनुष्य जाति की है। मनुष्य जाति के हर सदस्य की लड़ाई है। इस लड़ाई में हर व्यक्ति सिपाही है। हर व्यक्ति की कोई न कोई जिम्मेदारी और महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर हम सब यह मान लेंगे कि जो कुछ करना है वह सरकार को करना है, अस्पतालों और डाॅक्टरों को करना है, पुलिस और प्रशासन को करना है, तो यकीन मानिए हम कोरोना के विरळद्ध लड़ाई हार जाएंगे। अगर हमें कोरोना को हराना है तो हमें भी स्वयं को एक सिपाही मानना होगा। हम जहां भी हैं और जैसे भी हैं, हमें वहीं अपनी भूमिका निभानी होगी।
कोरोना की महामारी ने समूची दुनिया को हिलाकर रख दिया है। अमेरिका, इंग्लैंड, इटली, फ्रांस, स्पेन जैसे देशों में इसका कहर काबू से बाहर हो रहा है। दुनिया में संक्रमित लोगों की संख्या लाखों में हो गयी है। इससे मरने वालों की संख्या भी एक लाख के पार हो गयी है। हमारे प्यारे देश भारत में भी यह तेजी से फैल रहा है। लाॅकडाउन का यह दूसरा चरण पूरे देश के लिए, देश के एक-एक नागरिक के लिए, बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस लाॅकडाउन में हमें कोरोना को काबू करना ही होगा।
यह बेहद कठिन दौर है। इंसान खतरे में है, इंसानियत खतरे में है। मैं सभी से अपील करता हूं कि कोरोना के खतरे को समझें। आपका चाहे कोई भी धर्म हो, कोई भी सम्प्रदाय हो, कोई भी मजहब हो, सबको इनसे उळपर उठने की जरूरत है। इस समय हम सबका मजहब इंसानियत ही होना चाहिए। इंसानों को बचाना होना चाहिए। हमारे पास कोई दूसरा रास्ता नहीं है। अगर लाॅकडाउन लागू नहीं करते तो हमारे यहां हालात बहुत ही बुरे होते।
लाॅकडाउन के दौरान घर में रहें। सरकार जो भी दिशा-निर्देश जारी कर रही है उनका कड़ाई से पालन करें। डाॅक्टर, नर्स, पुलिस-प्रशासन के लोग आगे रहकर कोरोना से लड़ रहे हैं। ये हमारा जीवन बचाने के लिए अपना जीवन दांव पर लगा रहे हैं। इन लोगों का साथ दें। तन-मन-धन से साथ दें। हम सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, लेकिन इमोशनल डिस्टेंसिंग न होने दें। टेलीफोन एवं इंटरनेट के जरिए अपनों से संपर्क बनाए रखें। भावनाएं बहुत बड़ा संबल होती हैं। जब हम कोरोना को हरा देंगे तो जिंदगी की नयी शुरळआत करेंगे। सब मिल-जुलकर एक-दूसरे का साथ देंगे और पहले से भी मजबूत भारत का निर्माण करेंगे।


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