परिचालन दक्षता में सुधार के लिए 21 विषयों पर काम कर रही भारतीय रेल

कोविड -19 लॉकडाउन के बाद परिचालन, अनुरक्षण, निर्माण और विनिर्माण गतिविधियों के संबंध में योजना तैयार करने के लिए बनी समिति के नोडल अधिकारी बने महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे एवं उत्तर रेलवे राजीव चौधरी
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रेल मंत्रालय ने भारतीय रेल की परिचालन दक्षता में सुधार करने के लिए 21 विषयों की पहचान की है और इस संबंध में प्रत्येक विषय के लिए एक नोडल अधिकारी और रेलवे बोर्ड के एक समन्वय अधिकारी सहित प्रमुख विभागाध्यक्षों, कार्यकारी निदेशकों, महाप्रबंधकों से युक्त वरीष्ठ अधिकारियों की समितियों का गठन किया है। ये समितियां लॉकडाउन अवधि के दौरान विभिन्न डिजिटल प्लेटफार्मों का उपयोग करके बैठक, चर्चा आदि के माध्यम से अपने विचार करेगी और समन्वय अधिकारी के माध्यम से अपनी रिपोर्ट रेल मंत्रालय को प्रस्तुत करेगी। राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर की परिचालन दक्षता में सुधार के लिए भारतीय रेल द्वारा पहचाने  गए विषय जिनकी विभिन्न समितियों द्वारा समीक्षा की जाएगी निम्नवत हैं: नई दिल्ली-हावड़ा, नई दिल्ली-चेन्नई, नई दिल्ली- मुंबई, हावड़ा- मुंबई और चेन्नई-हावड़ा खंडों पर  ट्रेनों का ज़ीरो बेस्ड समय सारणीकरण। भारतीय रेलवे के केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थानों द्वारा मैनुअलों की समीक्षा और अद्यतीकरण। सेक्शनों और टर्मिनलों पर कंजेशन को कम करने के लिए टाइमलाईन और रोड मैप के साथ महत्वपूर्ण कार्यों की पहचान करना।  सेक्शन और लूप लाइनों में गति बढ़ाने के लिए वैधानिक सीआरएस निरीक्षण के लिए आवश्यक विभिन्न दस्तावेजों की समीक्षा और प्रोसेसिंग। रेल संचालन और अनुरक्षण में बचत करने और दक्षता लाने के लिए सामग्रियों की खपत की समीक्षा। फिजिकल फ़ाइल मूवमेंट से बचने और साथ ही कार्य कुशलता लाने के लिए भारतीय रेल की सभी इकाइयों में ई-ऑफिस का कार्यान्वयन ।  लोकोमोटिव, कोच, वैगन्, सिग्नलिंग गियर आदि जैसे विभिन्न परिसंपत्तियों के अनुरक्षण अवधि  की समीक्षा और दुनिया भर के सर्वोत्तम  मापदंडों के साथ तुलना तकनीकी प्रगति के दृष्टिगत  विभिन्न रेल परिसंपत्तियों के कोडल लाइफ़ और रिप्लेसमेंट मानकों की समीक्षा। दक्षता और पारदर्शिता में सुधार के लिए कॉन्ट्रैक्टों के तहत निष्पादित कार्यों के आंकलन के लिए ऑनलाइन मेज़रमेंट बुक की शुरुआत करना। परिवहन के लिए नई वस्तुओं की पहचान करने और रेल के माध्यम से परिवहन में बढ़ोत्तरी के लिए व्यावसायिक अध्ययन।  अधिक से अधिक रेल प्रतिष्ठानों जैसे कारखानों, अस्पतालों, कोचिंग डिपो, पिटलाइन, लोडिंग पॉइंट, डिपो, स्टेशन, कार्यालयों, ट्रैक्शन सबस्टेशन, रिले रूम आदि को सीसीटीवी निगरानी के तहत लाना। रेल की भूमि आदि के संबंध में रेलवे अधिनियम का अध्ययन और सुझाव। डीएफसी परियोजना के पूरा होने के दृष्टिगत   वैगन, कोच और लोकोमोटिव आदि आवश्यकताओं की समीक्षा। ट्रैक्शन और गैर-ट्रैक्शन ऊर्जा / ईंधन बिल में कमी लाने के उपायों संबंध में।  रेल के वविभिन्न रेलवे क्षेत्रों में डेटा एनालिटिक्स, आर्टीफीशियल इंटैलिजेंस जैसी तकनीक का उपयोग । व्यय कम करने और आय में सुधार करने के उपाय। ऑन बोर्ड हाउसकीपिंग गतिविधि की व्यापक समीक्षा । कर्मचारियों की मल्टी स्किलिंग और नए क्षेत्र में री- स्किलिंग करना। ट्रेन संचालन के लिए एंड ऑफ ट्रेन टेलीमिट्री और अन्य प्रौद्योगिकियों का प्रयोग । मालगाड़ियों की गति को बढ़ाकर माल और यात्री गाड़ियों के बीच की गति के अंतर को कम करना। कोविड -19 लॉकडाउन के बाद भारतीय रेल पर संचालन अनुरक्षण, निर्माण और विनिर्माण गतिविधियों के लिए की कार्य योजना - यह मद कोविड -19 लॉकडाउन के बाद भारतीय रेल के लिए सबसे महत्वपूर्ण है और इस पर विचार एवं कार्यान्वयन उत्तर मध्य रेलवे, पूर्व तटीय रेलवे, मध्य रेल, इंटीग्रेटेड कोच फैक्ट्री के महाप्रबंधकों की समिति द्वारा किया जा रहा है और उत्तर मध्य रेलवे तथा उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक राजीव चौधरी इस समिति के नोडल अधिकारी हैं।



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