फिल्म प्रथा के निन्नी पान्डे (इरफान खान) बहुत याद आयेगें!

 


 


 



दमदार आवाज, बड़ी -बड़ी आंखें और संवाद अदायगी का अनूठा तरीका इरफान खान को औरों से अलग बनाता था । मेरी इरफान खान से पहली मुलाकात दिल्ली में राजा बुन्देला के साथ हुई थी तब वह राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) में  थे । राजा बुन्देला फिल्म प्रथा बनाने की कल्पना को साकार करने की दिशा में कलाकारों का चयन करने के लिए अलग-अलग जगहों पर घूम रहे थे। उनके निर्देशन में बनने वाली है  यह पहली फिल्म थी जिसे वह समानांतर सिनेमा की तर्ज पर बुंदेलखंड की एक विशेष समस्या को रेखांकित करते हुए बनाना चाह रहे थे। इमरान खान से।बातचीत में हम लोगों को फिल्म प्रथा का निन्नी पान्डे मिल गया और वहीं मन ही मन तय कर लिया गया। फिल्म में निन्नी पांडे की भूमिका में इरफान खान ही रहेंगे। इरफान को यह बात तब नहीं बताई और बाद में जब फिल्म की शूटिंग शुरू हुई तो इरफान को ललितपुर बुलाया गयों। तब इरफान को पता चला कि शूटिंग के लिए बुलाया गया। फिल्म प्रथा इरफान की पहली फिल्म थी। फिल्म प्रथा की लगभग 45 दिन से अधिक समय तक ललितपुर में शूटिंग के दौरान इरफान  रहे। बुंदेलखंड के सीमावर्ती क्षेत्र राजस्थान के मूल निवासी इरफान खान ऐसे घुलमिल गए कि हम लोगों को लगने लगा कि वह बुंदेलखन्डी ही है। बुंदेली भाषा के संवादों की अदायगी में इरफान खान ने जो पात्रता हासिल की वह अपने आप में लाजवाब है। जब इस फिल्म को देखते हैं तो लगता है कि कोई बुंदेली बांका जवान ही बुंदेलखंड की समस्या को बुंदेली भाषा में प्रस्तुत कर रहा है। फिल्म प्रथा सदियों से सताई जा रही महिलाओं के  की एक सच्ची कहानी पर आधारित थी। इस फिल्म के एक पक्ष का दायित्व मेरे हाथों में होने के कारण बडी गहराई के साथ रहा। फिल्म में बड़े ही सुंदर ढंग से अपने किरदार को जीवंतता प्रदान करने बाले  इरफान के साथ लम्बी बातचीत का सिलसिला रहा । बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक में अपनी एक्टिंग की छाप छोड़ने वाले इरफान  बहुमुखी प्रतिभा के धनी पठान परिवार से ताल्लुक रखने के बावजूद शुद्ध शाकाहारी होने के कारण घर में अक्सर ताने मिलते थे।उन्होने द वारियर, मकबूल, हासिल, द नेमसेक, रोग जैसी फिल्मों मे अपने अभिनय  का जलवा दिखाया। हासिल फिल्म के लिये उन्हे वर्ष २००४ का फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ खलनायक पुरस्कार भी प्राप्त हुआ। वे बालीवुड की ३० से ज्यादा फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं। इरफान हॉलीवुड मे भी एक जाना पहचाना नाम हैं। वह ए माइटी हार्ट, स्लमडॉग मिलियनेयर, लाइफ ऑफ पाई और द अमेजिंग स्पाइडर मैन फिल्मों मे भी काम कर चुके हैं। 2011 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया 60वे राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 2012 में इरफान खान को फिल्म पान सिंह तोमर में अभिनय के लिए श्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार दिया गया था। आज जब पता चला साँझ डूब जाने की
जिन्दगी खुशबू बन सारे जहां में फैल जाने की तो फिर वह कहानी याद आने लगी। सफर मंे अधूरी रह गयी बात के बीच श्रद्धा सुमन अर्पित करते हम तो यही कह सकते है फिल्म प्रथा के निन्नी पान्डे (इरफान  खान)   बहुत याद आते रहोगें। हमारा गृह नगर ललितपुर तुम्हें नहीं भूल पायेगा।  



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