रावण राम नहीं बन जाएगा

उसकी वीरता, तप-तेज बताकर, रावण को श्रेष्ठ बताओगे?

राम के सब आदर्श भुलाकर, सबके सब रावण ही बन जाओगे?

आज राम के भारत में, रावण का गुणगान हो रहा।

आदर्श बताकर भाई का, अब उसका जयगान हो रहा।

बहन से गर प्रेम था इतना, तो जाकर रघुवर से टकराता।

उनका चित्रकूट में वध करता, अथवा श्री धाम पहुंच जाता।

पर लंकापति तो कायरता से, एक अबला को हर लाया था।

वो शाप-विवश था इसीलिए, सीता को कुछ ना कर पाया था।

कुल-वंश श्रेष्ठ हो भले अधिक, तप, ज्ञान, पराक्रम ज्यादा हो।

पर पूज्य कभी ना होगा वो, जिसका भी गलत इरादा हो।

जिसने कुल किया कलंकित, वो इतना सम्मान नहीं पाएगा।

तुम कितना भी गुणगान करो, रावण राम नहीं बन जाएगा।


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