ऋषि कपूर अपने अभिनय के लिए सदैव याद आते रहेंगे


भारतीय फिल्म उद्योग के शोमैन के रूप में विख्यात राज कपूर की फिल्म बॉबी अल्प वयस्क अल्हड़ और भटकाव की बेमिसाल कहानी  पर बनी  है । प्रेम परंपरा को बड़े ही करीने के साथ निभाने वाले ऋषि कपूर प्रेम कहानियों को मादक अंदाज से परदे पर पेश करके अपनी अलग पहचान बनाने बाले फिल्म अभिनेता, फिल्म निर्माता और निर्देशक ऋषि कपूर  स्‍वर्गीय राज कपूर के बेटे और पृथ्‍वीराज कपूर के पोते थे।मेरा नाम जोकर यह उनकी पहली फिल्‍म है जिसमें उन्‍होने अपने पिता के बचपन का रोल किया। जो किशोर अवस्‍था में अपने टिचर से ही प्‍यार करने लगता है।  उनके बेटे रणबीर कपूर  एक सफल अभिनेता है और बेटी रिदीमा कपूर ड्रैस डिजाइनर है। बॉबी 1973 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह फिल्म डिम्पल कपाडिया और ऋषि कपूर की पहली फिल्म है। यह फिल्म १९७३ की सबसे हिट फिल्म मानी जाती है।हिन्दी सिनेमा के इतिहास में मील का पत्थर साबित होने बाली फिल्म बॉबी के पहले हिंदुजा परिवार के वैभव का श्री गणेश राज कपूर की फिल्म संगम से हो चुका था । हिंदुजा परिवार ने फिल्म बॉबी केे लिए फाइनेंस किया लेकिन फिल्म के प्रदर्शन के पूर्व भी उन्हें ऋषि कपूर के अभिनय  पर संदेह पैदा हो गया और वह फिल्म बॉबी के  प्रदर्शन के पूर्व ही राज कपूर सेे  लगाए गए अपने धन की मांग करने लगे ,फिल्म बॉबी के रोकने के लिए नोटिस भी दे दिया।  राजकपूर को ऋषि कपूर की अभिनय क्षमता और अपने निर्देशन तथा फिल्म पर पूरा भरोसा था।  अपने मित्रों और दोस्त के अलावा अपना बंगला, कीमती सामान को रहन रखकर फिल्म के प्रदर्शन के पूर्व हिंदुजा परिवार का सारा खर्च कर्जा उतार दिया और उन्होंने कहा कि देख लेना ऋषि कपूर कि यह फिल्म बॉबी इतनी चलेगी कि हमारे लिए ही नहीं सबके लिए मालामाल कर देगी। और  बाद में  राजकपूर की यह बात सत्य साबित हुई। भारतीय सिनेमा के लीजेंड अभिनेता ऋषि कपूर से मेरी पहली मुलाकात आर के स्टूडियो में फिल्म पत्रकार तथा माधुरी पत्रिका से जुडे संवाद लेखक जिनेंद्र जैन के कारण संभव हो सकी थी। जिनेंद्र जैन ने आर के की कई फिल्मों को लिखा है। आर के परिवार से बड़ा गहरा नाता था। जब मैं मुंबई घूमने गया तो मैंने जिनेंद्र जैन जी से अनुरोध किया कि मुझे आर के स्टूडियो घुमाने की व्यवस्था करें। दादा ने हमें आर के स्टूडियो में ऋषि कपूर से मिलवाया और बताया कि यह हमारे गृह जनपद ललितपुर के हमारे पड़ोस के पारिवारिक व्यक्ति हैं। ऋषि कपूर की ने पहली ही मुलाकात में दिल जीत लिया उन्होंने ललिजपुर के नाम और उसके इतिहास और संस्कृति पर बड़ी देर तक बातचीत की। उन्हे हमने बताया कि बुंदेलखंड वह वीर भूमि है जहां से 1857 से पहले 1840 में पहली बार अंग्रेजों को ललकारा गया था।यह बात सुनकर वह बड़े प्रसन्न हुए।  अमिताभ बच्चन के पितामह का भी जन्म ललितपुर में हुआ था यह बात सुनकर  ललितपुर  कभी आने का बादा किया था ।फिल्म खेल खेल में की कामयाबी के बाद ऋषि कपूर और नीतू सिंह की जोड़ी दर्शको के बीच काफी मशहूर हो गई। ऋषि और नीतू की जोड़ी ने रफूचक्कर, जहरीला इंसान, जिंदादिल, कभी-कभी, अमर अकबर एंथनी, अनजाने, दुनिया मेरी जेब में, झूठा कहीं का, धन दौलत, दूसरा आदमी आदि फिल्मों में युवा प्रेम की भावनाओं को निराले अंदाज में पेश किया। वर्ष 1977 में प्रदर्शित फिल्म अमर अकबर एंथोनी ऋषि कपूर के सिने करियर की महत्वपूर्ण फिल्मों में एक है। अमिताभ बच्चन, विनोद खन्ना जैसे मंझे हुए कलाकारों की मौजूदगी में भी ऋषि कपूर ने अपने दमदार अभिनय से दर्शको को दीवाना बना दिया। मनमोहन देसाई के निर्देशन में बनी इस फिल्म में ऋषि कपूर अकबर इलाहाबादी की भूमिका में दिखाई दिए।
4 सितंबर 1952 को मुंबई में जन्में ऋषि कपूर   की ३० अप्रैल २०२० को मुम्बई में, ६७ वर्ष की आयु में मृत्यु होने के समाचार ने दुखी कर दिया है।  ऋषि कपूर  अपने अभिनय के  लिए सदैव  याद आते रहेंगे।


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