भानुप्रसाद गुप्ता की खुदकुशी है यूपी पर मंडरा रहे भूख के भयंकर तूफान की सूचना, तत्काल आहूत हो विशेष सत्र - रामगोविन्द चौधरी

मुकाबले के लिए विधायकों और विधानपरिषद सदस्यों की राय से बने जमीनी रणनीति, गुप्ता के परिजनों को राज्य सरकार तत्काल दे दस लाख रुपये की आर्थिक मदद - नेता प्रतिपक्ष


लखनऊ। नेता प्रतिपक्ष उत्तर प्रदेश रामगोविन्द चौधरी ने मुख्यमन्त्री योगी श्री आदित्यनाथ से आग्रह किया है कि वह मैगलगंज में लाकबन्दी को लेकर हुई खुदकुशी के मामले को गम्भीरता से लें और इसे लाकडाउन की वजह से सूबे पर मंडरा रहे भूख के भयंकर तूफान की सूचना समझें। इसके मुकाबले के लिए जमीनी रणनीति तैयार करें जो अफसरों के कागजी आंकड़ों की जगह प्रदेश के सभी विधायकों और विधानपरिषद सदस्यों की राय पर आधारित हो। उन्होंने कहा है कि इस राय के लिए दोनों सदनों का तत्काल विशेष सत्र तत्काल आहूत होना चाहिए।

 

शनिवार को जारी आनलाइन प्रेसनोट में नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि मैगलगंज, लखीमपुरखीरी  निवासी श्री भानु प्रसाद गुप्ता शाहजहाँपुर के एक होटल में काम करता था। इसी कमाई से वह अपनी बीमार माँ का और अपना इलाज करा रहा था। इसी कमाई से तीन बेटी व एक बेटे सहित परिवार का भरण पोषण भी कर रहा था। लाकडाउन की वजह से उसका होटल बन्द हो गया। वह मजबूर होकर घर आ गया और उसकी यह कमाई भी लाकडाउन की वजह से बन्द हो गई।

 

नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि भानु ने स्थानीय स्तर पर काम की तलाश की जो उसे नहीं मिला जिसकी वजह से पहले से ही कमजोर उसकी आर्थिक स्थिति और कमजोर हो गई। इससे उबरने के लिए उसने प्रशासन से मदद हासिल करने की कोशिश की लेकिन उसे सफलता नहीं मिली और उसने 29 मई को ट्रेन की पटरी पर सोकर खुदकुशी कर ली। 

 

उसकी जेब से एक सुसाइड नोट  बरामद हुआ जिसमें उपरोक्त तथ्यों का जिक्र जिक्र करते हुए भानु ने लिखा है कि राशन की दुकान से उसको गेहूँ चावल तो मिल जाता था लेकिन ये सब नाकाफी था। चीनी चायपत्ती, दाल, सब्जी, मसाले जैसी रोजमर्रा की चींजे अब परचून वाला भी उधार नहीं दे रहा था। मैं और मेरी विधवा माँ लम्बे समय से बीमार हैं । गरीबी के चलते तड़प तड़प के जी रहे हैं। शासन प्रसाशन से भी कोई सहयोग नहीं मिला। गरीबी का आलम ये है कि मेरे मरने के बाद मेरे अंतिम संस्कार भर का भी पैसा मेरे परिवार के पास नहीं है।

नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि माननीय मुख्यमंत्री जी, भानु प्रसाद गुप्ता की इस खुदकुशी को अफसरों के चश्में से देखिएगा तो यह केवल एक आदमी की खुदकुशी है। इससे केवल एक परिवार प्रभावित है। इसे एक जनप्रतिनिधि की नज़र से देखिएगा तो भानु प्रसाद गुप्ता की मौतउत्तर प्रदेश पर मंडरा रहे भूख के भयंकर तूफान की हृदय विदारक सूचना है जिसे रोका नहीं गया तो गांव गांव में इस तरह की दुःखद घटनाएं होंगी। इसलिए मैं कह रहा हूँ कि मैकलगंज में लाकडाउन की वजह से हुए इस खुदकुशी के मामले को गभीरता से लें।

 

नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि हमें पता है कि अचानक और अनियोजित लाकबन्दी की घोषणा भारत सरकार ने की है जिससे आपका कोई लेना देना नहीं था, लेकिन इस घोषणा से उत्तर प्रदेश बुरी तरह प्रभावित है। इसकी वजह से  सूबे की एक बड़ी आबादी भुखमरी की चपेट में है। इसलिए इससे आपका भी लेना देना है और समस्त विधायकों और विधानपरिषद सदस्यों का भी। इसलिए इसे लेकर सदन का विशेष सत्र जल्द से जल्द बुलाया जाना आवश्यक है।

 

नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि भानु प्रसाद गुप्ता अपने परिवार में अकेले कमाने वाले व्यक्ति थे। उनकी मौत से पहले से परेशान परिवार और अधिक परेशानी की मार झेल रहा है। उन्होंने मुख्यमन्त्री से आग्रह किया है कि वह मृत भानु प्रसाद गुप्ता के परिवार को कम से कम दस लाख रुपये की आर्थिक सहायता तत्काल प्रदान करें ताकि परिवार के शेष लोगों को आगे का जीवन जीने का सहारा मिल सके।

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