’दीक्षा एप’ के माध्यम से अॅान लाइन शिक्षक प्रशिक्षण का निर्णय-डा0 सतीश चन्द्र द्विवेदी

दीक्षा एप’ के माध्यम से अॅान लाइन शिक्षक प्रशिक्षण का निर्णय

  ’दीक्षा एप’ के माध्यम से यह प्रशिक्षण प्रारम्भ किया गया

76926 शिक्षक घर बैठे अपने सुविधानुसार समय में यह प्रशिक्षण पूर्ण कर रहे है

डा0 सतीश चन्द्र द्विवेदी

                                             लखनऊ 04 मई,2020

उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतन्त्र प्रभार) डा0 सतीश चन्द्र द्विवेदी ने बताया कि विश्वव्यापी कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत सम्पूर्ण राष्ट्र आज लाकडाउन की अवस्था में है। अनवरत चलने वाली मानव संसाधन विकास की प्रक्रियाओं व शैक्षणिक गतिविधियों के संचालन में भी व्यवधान उत्पन्न हो गया है।  बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा इस चुनौती को एक अवसर के रूप में स्वीकार करते हुए विभाग द्वारा शिक्षकों के सतत् कौशल विकास एवं छात्र-छात्राओं के सीखने के लिए गैर परम्परागत प्रणाली को अपनाते हुए डिजिटल लर्निंग प्लेटफार्म से जोड़ने का कार्य अभूतपूर्व स्तर पर किया गया है।

डा0 द्विवेदी ने बताया कि शिक्षा विभाग शिक्षकों के इन-सर्विस प्रशिक्षण की प्रक्रिया को पूरी तरह से आॅन लाइन करने की महत्वकाॅक्षी कावायद में जुट गया है। ज्ञात हो, कि शिक्षक प्रशिक्षण की वर्तमान कैसकेड प्रणाली ;राज्य स्तर के मास्टर टेªनर्स द्वारा जनपद स्तरीय टेªनर्स का प्रशिक्षण तत्पश्चात् इन जनपद स्तरीय टेªनर्स द्वारा बी0आर0सी0 स्तर पर प्रशिक्षण करते हुए अन्तिम कड़ी में शिक्षकों का प्रशिक्षणद्ध में प्रशिक्षण की मूलभावना, तथ्यों आदि के अनिवार्य ह्यस की सम्भावना बनी रहती है। यह भी अवलोकन योग्य है, कि प्रतिवर्ष सभी 567,883 शिक्षकों के प्रशिक्षण हेतु काफी धनराशि व्यय की जाती है। यह व्यय शिक्षकों एवं प्रशिक्षकों के आवागमन हेतु टी0ए0, जलपान इत्यादि में होता है।  इसके अतिरिक्त प्रशिक्षण की अवधि में शिक्षको को अपने विद्यालय में अनुपस्थित रहकर प्रशिक्षण स्थल ;बी0आर0सी0/डायटद्ध पर उपस्थित रहना पड़ता है, जिससे शुद्ध शिक्षण घण्टों ;छमज जमंबीपदह भ्वनतेद्ध का भी लास होता है।  प्रशिक्षण के दौरान शिक्षकों द्वारा वास्तव में कितना ग्रहण किया गया, इसका भी मापन नही हो पाता है।

डा0 द्विवेदी ने बताया कि वर्तमान प्रचिलित शिक्षक प्रशिक्षण व्यवस्था की उपरोक्त वर्णित चुनौतियों से निपटने व और अधिक सुगम मितव्ययी व सुलभ बनाने हेतु ’दीक्षा एप’ के माध्यम से अॅान लाइन शिक्षक प्रशिक्षण का निर्णय लेते हुए इस दिशा में एक अच्छा प्रयास किया गया है।  विभाग द्वारा इस लाकडाउन की अवधि का सदुपयोग करते हुए बिना किसी अतिरिक्त व्यय के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा विकसित  ’दीक्षा एप’ के माध्यम से यह प्रशिक्षण प्रारम्भ किया गया है।  उन्होने बताया कि प्रशिक्षण की शुरूआत करते हुए ’दीक्षा एप’ पर 33 प्रशिक्षण कोर्स डाले गये हैं। यह प्रशिक्षण कोर्स ’पैडागाजी’ ;शिक्षण शास्त्रद्ध, ’ऐक्टिविटी बेस्ड लर्निंग’, ’उपचारात्मक शिक्षा’, ’लर्निंग आउटकम’ इत्यादि विषयों पर आधारित है, जिनमें अद्यतन  1.54 लाख ने पंजीकरण कराते हुए 76926 शिक्षक घर बैठे अपने सुविधानुसार समय में यह प्रशिक्षण पूर्ण कर रहे हैं। उन्होेने बताया कि परिषदीय शिक्षकों हेतु आरम्भ में यह प्रशिक्षण स्वैच्छिक रखा गया है। विभाग की योजना है कि कालान्तर में सभी शिक्षकों के सेवारत् प्रशिक्षण  आॅन लाइन ही ’दीक्षा एप’ के माध्यम से कराए जाएंगे। शिक्षकों द्वारा मानव सम्पदा पर अपने पंजीकृत मोबाईल नम्बर से स्वह पद करते हुए ओ0टी0पी0 तथा अपने म.भ्त्डै कोड से स्वयं को प्रमाणीकृत करेंगे तथा प्रशिक्षण में सम्मिलित होकर कोर्स पूर्ण करेंगे।

डा0 द्विवेदी ने बताया कि कस्तूरबा गाॅधी बालिका विद्यालयों के शिक्षकों हेतु औपचारिक रूप से दीक्षा अॅान लाइन प्रशिक्षण 01 मई से प्रारम्भ किया गया है,  इसके लिए राज्य परियोजना कार्यालय द्वारा एक कैलेण्डर भी जारी किया गया है, जिसमें कस्तूरबा गाॅधी बालिका विद्यालय की 5000 शिक्षक अपने रजिस्टर्ड मोबाईल नम्बर से स्वह पद  करते हुए अपने व्ज्च्  एवं विभाग द्वारा दी गयी यूनिक प्क्  से स्वप्रमाणीकरण  कर प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। उन्होने बताया कि कस्तूरबा गाॅधी बालिका विद्यालय शिक्षकों हेतु 12 प्रशिक्षण कोर्स उपलब्ध कराये गये हैं और वह सभी कोर्स समस्त शिक्षकों को निर्धारित अवधि में कैलेण्डर में दिये गये लिंक पर क्लिक करके अथवा कैलेण्डर में दिये गये क्यू0आर0कोड का स्केन करके प्रति सप्ताह एक कोर्स पूरा करना है। प्रथम चरण में यह प्रशिक्षण 20 जुलाई, 2020 तक चलाया जायेगा। 

डा0 द्विवेदी ने बताया कि दीक्षा के माध्यम से आॅन लाइन प्रशिक्षण प्रणाली अपनाएं जाने में यह लाभ होंगे कि आॅन लाइन प्रशिक्षण के उपरान्त आॅन लाइन मूल्यांकन भी दीक्षा पर किया जायेगा तथा सफल शिक्षकों को ैलेजमउ हमदमतंजमक प्रमाण पत्र भी उपलब्ध कराया जाएगा। आॅन लाइन प्रशिक्षण के सभी आॅंकड़े/मैट्रिैक्स वेब पोर्टल पर जनपदवार, विद्यालयवार तथा  अध्यापक स्तर पर उपस्थिति एवं उपभोग की सतत् सूचना, लक्षित हस्तक्षेप व विश्लेषण हेतु उपलब्ध रहेंगी। इस आॅन लाइन व्यवस्था में कोई अतिरिक्त व्यय नही होगा तथा शिक्षकों की क्षमता वृद्धि निश्चित रूप से होगी। साथ ही साथ प्रशिक्षण के उद्देश्यों/मूलभावना-तथ्यों का प्रवाह सीधे स्रोत से ग्राही तक संचारित होने के फलस्वरूप शत्-प्रतिशत् गुणवत्ता में सुधार परिलक्षित होगा। आॅन लाइन प्रशिक्षण में सम्मिलित होने हेतु रजिस्टर्ड नम्बर  पर व्ज्च् तथा म.भ्त्डै कोड से प्रमाणीकरण की व्यवस्था के फलस्वरूप एवजी प्रशिक्षण ;च्तवगल जतंपदपदहद्ध तथा अनुपस्थिति की सम्भावना भी न्यूनतम होगी। 

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