एक जमाने में चंबल में आतंक पूर्व दस्यु मोहर सिंह का निधन,चंबल  के बागीयों की पहली जोडी माधव सिंह- मोहरसिंह  की जोडी टूट गयी



एक जमाने में चंबल में आतंक का पर्याय बने पूर्व डकैत मोहरसिंह पूर्व दस्यु सम्राट  ने आज सुबह 9 बजे अपने निज निवास पर 92 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। चंबल में पचास के दशक में जैसे बागियों की एक पूरी बाढ़ आई थी तब आचार्य बिनोबा भावे तथा जयप्रकाश जी ने चम्बल में खूंखार डकैतों को आत्मसर्मपण करने को प्रेरित किया। पूर्व डकैत मोहरसिंह ने आत्मसर्मपण कर   दस्यु जीवन  छोड़ दिया।मुगावली की खुली जेल में सता काट कर रिहा हुए  मोहर सिंह ने
1958 में पहला अपराध किया था। पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज  होने वाले मोहर सिंह ने जब अपने कंधें से बंदूक उतारी तब तक वो ऑफिशियल रिकॉर्ड में दो लाख रुपए का इनामी हो चुके थे और उनकी गैंग पर 12 लाख रुपए का इनाम था।


चंबल  के बागीयों की पहली जोडी माधव सिंह- मोहरसिंह  की जोडी टूट गयी। अपने साथी के निधन पर माधव सिंह ने भरे मन से गम का इजहार किया।


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