जांच करने पहुंचे पूर्ति निरीक्षक बैरंग लौटे

इंसाफ दिलाने का आश्वासन न मिलने पर एकत्रित उपभोक्ताओं ने की नारेबाजी



बीसलपुर। राशन कोटेदारों द्वारा मनमानी के चलते नगर के कई वार्डों के उपभोक्ता गुरुवार को उस समय अपना धैर्य खो बैठे जब वह राशन की दुकानों पर गल्ला लेने गए तो उन्हें पांच-पांच किलो गल्ला कम दिया गया। उपभोक्ताओं की मांग पर जांच करने पहुंचे पूर्ति निरीक्षक का घेराव कर उस समय उपभोक्ताओं ने उनके विरुद्ध नारेबाजी शुरू कर दी जब उन्होंने उन्हें इंसाफ दिलाने का आश्वासन नहीं दिया। - कोरोना संक्रमण के चलते प्रदेश सरकार ने गरीब उपभोक्ताओं को निःशुल्क चावल, गेहूं, चना वितरित करवाना शुरू करायाजिसको पाकर गरीब तपके लोगों के चेहरे खिल उठे। किंतु इसी बीच उपभोक्ताओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि वह जब राशन दुकानों पर पहुंचते हैं तो उन्हें शारीरिक दूरी बनाते हुए घंटों लाइन में खड़े होकर गल्ला लेना पड़ता है। साथ ही प्रशासन के सख्त निर्देशों के बावजूद भी विभाग की मिलीभगत के चलते उपभोक्ताओं के कार्ड पर यदि 30 किलो गल्ला बनता है तो उन्हें 25 किलो कोटेदार उपलब्ध कराता है। मामले की शिकायत नगर के मोहल्ला दुबे निवासी मनोज कुमार यादव ने उपजिलाधिकारी चंद्रभानु सिंह व जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव सहित जिला पूर्ति अधिकारी से कई बार कीकिंतु मामले में विभाग द्वारा कोई निर्णायक कदम न उठाने के कारण राशन पाने वाले उपभोक्ता बौखला गए और उन्होंने बड़ी संख्या में मोहल्ला दुबे में एक स्थान पर एकत्र हो गए और उन्होंने पूर्ति निरीक्षक यशपाल मिश्रा को जांच पहले ही करने के लिए आमंत्रित कियावह कुछ ही देर में मौके पर पहुंच गए, जहां एकत्र महिला व पुरुष उपभोक्ताओं ने उनको अपने कार्ड दिखाकर 30 किलो के स्थान पर 25 किलो कोटेदार द्वारा गल्ला देने की एंट्री भी दिखाई, जिसके पश्चात पूर्ति निरीक्षक उपभोक्ताओं को कोई संतोषजनक कार्यवाही करने आप का उत्तर न दे सके और बारबार शारीरिक दूरी बनाए रखने के नियम का उल्लंघन करने की बात कहकर बात घुमाने लगे। इसी समय वहां मौजूद उपभोक्ताओं में से एक महिला गुड्डी देवी व हरीश कुमार ने आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्ति निरीक्षक साहब जब आप ही मास्क नहीं लगाए हैं तो आप हमसे दूरी बनाए रखने की बात कैसे कह रहे हैं। यह सुनकर वह बौखला गए और वहां से बाइक स्टार्ट कर अपने कार्यालय को चले आए। पूर्ति निरीक्षक यशपाल मिश्रा का का कहना है कि सामूहिक हस्ताक्षरों से युक्त एक शिकायती पत्र उन्हें प्राप्त हुआ था, जिसकी जांच करने मोहल्ला दुबे गए किंतु वहां भीड़ एकत्र हो जाने के कारण उन्होंने मौके पर जांच नहीं की। अब वह शिकायतकर्ताओं को बुलाकर घर-घर जाकर इस मामले की जांच करेंगे। यदि कोटेदार दोषी पाए गए तो उनके विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।


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