कर्मचारियों को देश-प्रदेश के हालात व परिस्थिति को देखकर महामारी के इस दौर में देश एवं प्रदेश को अपना भरपूर सहयोग देना चाहिए-सुरेश कुमार खन्ना




लखनऊ 13 मई,2020

 

राज्य सरकार द्वारा नगर प्रतिकर, सचिवालय भत्ता, पुलिस विभाग के कतिपय संगठनों में अनुमन्य विशेष भत्ते आदि जैसे कतिपय भत्तों को समाप्त किये जाने पर विचार किया गया है जो भारत सरकार में या तो है ही नहीं या भारत सरकार द्वारा समाप्त किये जा चुके हैं। राज्य सरकार में यह भत्ते पूर्व से अनुमन्य हो रहे थे। सातवें केन्द्रीय वेतन आयोग द्वारा जिस प्रकार सम्मानजनक जीवन स्तर के लिए आकार्षक वेतन संरचना की संस्तुति की गयी है उसे देखते हुए इस प्रकार के भत्तों को, जो केन्द्र सरकार मे हैं ही  नही अथवा जिन्हें केन्द्र सरकार द्वारा समाप्त किया जा चुका है इन भत्तों को समाप्त किया जाना औचित्यपूर्ण हो चुका था। प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने आज जहां अपने सरकारी आवास पर यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इन सभी भत्तों को समाप्त किये जाने से राज्य सरकार का अनुमानतः प्रति वर्ष लगभग रू0 1,300 करोड़ व्यय कम होगा।

 

सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शासकीय कर्मचारियों को निरन्तर केन्द्रीय कर्मचारियों की भांति वेतन संरचना एवं मंहगाई भत्ते की दर अनुमन्य की जा रही है और राज्य सरकार द्वारा सातवें केन्द्रीय वेतन आयोग की संस्तुतियों के अनुरूप राज्य कर्मचारियों को केन्द्रीय कर्मचारियों के समान पुनरीक्षित वेतन संरचना अनुमन्य की जा चुकी है। 

 

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकारी कर्मचारी वेतन आयोग की संस्तुतियों को लागू करने की बात अक्सर करते हैं, परंतु जो भत्ते छठे वेतन आयोग में समाप्त कर दिए गए तथा सातवें वेतन आयोग में राज्य कर्मचारियों की स्थिति वेतन के कारण अत्यंत सम्मानजनक हो चुकी है। फिर कोरोना जैसी महामारी के समय में इन भत्तों का दिया जाना उपयुक्त नहीं है। कोरोना विश्व की ऐसी समस्या सामने आई है, जिसके अंत होने का समय निश्चित नहीं है। कर्मचारियों को भी देश-प्रदेश के हालात व परिस्थिति को देखकर महामारी के इस दौर में देश एवं प्रदेश को अपना भरपूर सहयोग देना चाहिए।

श्री खन्ना ने बताया कि कोविड-19 महामारी के कारण राज्य सरकार के राजस्व में आयी कमी एवं साथ ही महामारी के रोकथाम संबंधी कार्यों को सम्पन्न करने के लिए वित्तीय संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने के दृष्टि से राज्य सरकार द्वारा अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये हैं। उन्होंने कहा कि विधायकगण एवं  मंत्रीगण के वेतन से 30 प्रतिशत की कटौती की गयी है।  विधायक निधि को एक वर्ष तक के लिये स्थगित किया गया है। अनेक राजकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा भी महामारी की गम्भीर स्थिति में स्वेच्छा से अपने एक दिन के वेतन का योगदान उत्तर प्रदेश कोविड केयर फण्ड में किया गया है।

 

 

 



 

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