कोषागार कार्मिकों की पदोन्नति, रिक्तियों पर शीघ्र विचार करेगी सरकार

कोषागार प्रतिनिधि मण्डल अपर मुख्य सचिव वित्त से मिला
लखनऊ। उत्तर प्रदेश कोषागार कर्मचारी संघ का प्रतिनिधि मण्डल अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल से मिला। प्रतिनिधि मण्डल ने इस दौरान लम्बे समय से रूकी पदोन्नति और लगभग 700 सहायक लेखाकार को पदों पर रिक्तियों सहित कई मुद्दो पर अपना पक्ष रखा। अपर मुख्य सचिव वित्त ने देश एवं प्रदेश के हालात सामान्य होने पर अतिशीघ्र उचित कार्रवाई का आश्वासन प्रतिनिधि मण्डल को दिया।उ.प्र. कोषागार कर्मचारी संघ के प्रतिनिधि मंडल ने अपर मुख्य सचिव वित्त से मुलाकात के दौरान प्रतिनिधि मंडल में अध्यक्ष अखिलेश चंद्र अग्निहोत्री , महामंत्री हेमन्त कुमार श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष मनोज कुमार श्रीवास्तव एवं संप्रेक्षक नितिन शंकर शुक्ल शामिल थे।
प्रदेश महामंत्री हेेमन्त कुमार श्रीवास्तव ने बताय कि  प्रतिनिधि मंडल ने अपर मुख्य सचिव से संवर्ग की पदोंन्नति ,एसीपी असैरा नियुक्तियों तथा छुट्टियों संबंधी समस्याओं और मानगो के संबंध में चर्चा करते हुए समस्याओं के निराकरण का अनुरूध किया। गौरतलब है कि तीन वर्षों से ठप पदोन्नतियों तथा एसीपी कराये जाने की मांग की संघ द्वारा पहले भी उठायी जाती रही है। अपर मुख्य सचिव वित्त के समक्ष मुख्य मांगों में लेखाधिकारी के लगभग 55 रिक्त पदों पर सहायक कोषाधिकारी की पदोन्नति की जाए। सहायक कोषाधिकारी के लगभग 150 रिक्त पदों पर कोषागार लेखाकारों की पूर्व से उपलब्ध पात्रता सूचीध्ज्येष्ठता सूची के अनुसार  प्रोन्नति की जाए। सहायक कोषागार लेखाकर को लेखाकार के रिक्त पदों पर पदोन्नत कर दिया जाए। कनिष्ठ सहायको को स कोषागार लेखाकार के रिक्त पदों पर पदोन्नत किया जाए।रोकी गई एसीपी प्रदान की जाए। सहायक कोषागार लेखाकर के लगभग 700 पद रिक्त है उन पर भर्ती कराई जाए। कोषागारों को बैंकों की तरह चतुर्थ शनिवार का भी अवकाश दिया जाए अथवा अन्य विभागों की तरह समस्त अवकाश दिए जाए। संघ के प्रतिनधि मंडल ने कोविड 19 के कारण आयी वित्तीय कठिनाइयों के मद्देनजर संघ के सदस्यों द्वारा अपने वेतन से 35 लाख रुपये मुख्य मंत्री राहत कोष में भेजे जाने तथा तथा  डीए और सीसीए रोके जाने के निर्णय पर सदस्यों की भावनाएं रखते हुए कहा कि यह विषय राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी  द्वारा उठाया जा चुका है। कोषागार कर्मचारी संघ परिषद के घटक संघ के रूप में उसे शतप्रतिशत स्वीकार करता है। आने वाले समय में टीए डीए को लेकर जो भी परिषद के निर्णय होगे उसमें कोषागार कर्मचारी संगठन शामिल रहेगा। लेकिन संवर्ग की तरफ से संकट की इस घड़ी में यही कहा जाएगा कि भले ही डीए एवं सीसीए प्रदेश की आर्थिक स्थिति सामान्य होने तक स्थगित किए जाए लेकिन इनकी समाप्ति कतई न की जाए यह कर्मचारी संवर्ग का मौलिक हक है।


इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सबसे बड़ा वेद कौन-सा है ?

कर्नाटक में विगत दिनों हुयी जघन्य जैन आचार्य हत्या पर,देश के नेताओं से आव्हान,