लौट रहे प्रवासियों की लोगों ने की मदद


संत कबीर नगर।कोरोना संक्रमण काल में राष्ट्रीय राजमार्ग 28 से होकर गुजरने वाले प्रवासियों के लिए स्वयंसेवी संगठन व समाजसेवी देवदूत साबित हो रहे हैं। लॉकडाउन के कारण अपने कर्मभूमि को छोड़ मातृभूमि की ओर लौटने और इस दौरान भूख-प्यास से बेहाल प्रवासियों के लिए राजमार्ग पर अनेक स्थानों पर भोजन-पानी की व्यवस्था करने समेत उन्हें कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रति भी आगाह कर रहे हैं।


       शनिवार की दोपहर 36° में जिले के खलीलाबाद में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तत्व्वावधा में जिला प्रचारक श्री अमरनाथ, वरिष्ठ भाजपा नेता श्री वेद प्रकाश सिंह, जिला सह-संघचालक श्री रामगोपाल, जिला सरकार्यवाह श्री भाष्कर मणि त्रिपाठी, श्री नित्यानंद, श्री नागेन्द्र भारती जी,श्री बालेन्द्र यादव सहित दर्जनो स्व स्वयंसेवकों ने बसो द्वारा लाए जा रहे हजारों प्रवासियों को यहाँ विधिवत भोजन  करा कर गंतव्य की ओर रवाना किया। इस दौरान वरिष्ठ भाजपा नेता  श्री वेद प्रकाश सिंह ने बताया कि शारीरिक दूरी एवं साफ-सफाई के साथ भोजन कराया जा रहा है। इस दौरान पैदल, साइकिल या अपने-अपने साधनों से जा रहे सभी मजदूरों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।

 

वही नेदुला चौराहे पर  श्री रामरक्षा मौर्य अपने दर्जनों साथियों के साथ अपने गांवों की ओर पैदल, सायकिल, ट्रक आदि माध्यमों से आने वाले  प्रवासियों को  भोजन पानी  की व्यवस्था करने में तल्लीन थे इसी दौरान पूछने पर 

श्री मौर्या ने बताया की जब तक प्रवासी आते रहेंगे तब तक हम अपने साथियों सहित सेवा करते रहेंगे।

                आगे बढ़ने पर हियुवा के प्रभारी श्री आनन्द शंकर पाठक और जिला अध्यक्ष टुनटुन राय अपने दल बल के साथ प्रवासियों का हालचाल पूछते हुए उनकी आवश्यकता की पूर्ति नर सेवा नारायण सेवा है के ध्येय के साथ अनवरत कर रहे हैं।

 

        राष्ट्रीय राजमार्ग 28 पर ही स्थित ग्राम पंचायत भैंसहइया के पूर्व प्रधान श्री चंदबली यादव के पुत्रगण प्रधान अजय कुमार यादव व विजय कुमार यादव अपने ग्रामवासियों के साथ प्रवासियों की सेवा कर रहे हैं। विजय यादव ने बताया कि मार्ग से गुजरने वालों को भोजन के पैकेट और पानी की बोतलें दी जा रही है।

 

भोजन पानी व अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ ही  लोग इन प्रवासियों को कोरोना संक्रमण के खतरे के प्रति आगाह करते हुये उन्हे अपनी यात्रा के दौरान जहां-तहां बस्ती के अन्दर न रुकने और बस्ती से बाहर रूककर भोजन-पानी करने की सलाह देकर विदा कर रहे है।

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