निजामुद्दीन मरकज' में आए थे 34 देशों के 900 जमाती

जांच-पड़ताल-195 जमातियों के पास नहीं था पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज, वीजा में नहीं किया था धार्मिक कार्यक्रम का खुलासा


निजामुद्दीन के मरकज में 34 देशों के करीब 900 विदेशी नागरिक शामिल हुए थे। सभी ने भारत आने के अपने धार्मिक एजेंडे छिपाया था। यह सभी विदेशी नागरिक, टूरिस्ट वीजा लेकर यहां धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। दिल्ली पुलिस के अनुसार इन विदेशियों ने सबसे बड़ा अपराध तो वीजा के लिए गलत जानकारी देकर किया दिल्ली पुलिस की ओर से बताया गया कि धार्मिक आयोजन में आए 900 से ज्यादा विदेशी नागरिकों में से 195 के पास पासपोर्ट व दूसरे दस्तावेज हैं ही नहीं। दिल्ली पुलिस इस बात को लेकर भी जांच में जुटी कि ये बिना पासपोर्ट व वीजा के भारत कैसे आ गए? आशंका जताई जा रही है कि जमाती गैरकानूनी तरीके से भारत में रह रहे थे। वहीं विदेशी नागरिकों पर जो आरोप लगे हैं, इनके साबित होने की स्थिति में इन्हें कम से कम छह महीने और अधिकतम आठ साल तक की सजा हो सकती है। इसके अलावा कानून में अलग-अलग जुर्माना किए जाने का भी प्रावधान है। केंद्र सरकार ने मामला सामने आने के बाद सभी आरोपी विदेशी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिये हैं। इसके साथ ही इन सभी लोगों को ब्लैकलिस्ट में डाल दिया गया है


मौलाना साद अब भी लापता



दिल्ली पुलिस ने 31 मार्च को निजामुद्दीन थाना प्रमुख की शिकायत पर तबलीगी जमात के नेता मौलाना साद कंधालवी सहित सात लोगों के खिलाफ पहली प्राथमिकी दर्ज की थी। उसके बाद इस मामले में नए-नए खुलासे हो रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने भी मामले की जांच शुरू कर दी है। लेकिन अभी तक जमात नेता मौलाना साद सामने नहीं आया है।


अमृत विचार से साभार


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