प्रवासी मजदूरों व श्रमिकों को रोजगार देने के लिए शीघ्र बनेगी कार्ययोजना-स्वामी प्रसाद मौर्य


लखनऊः 1 मई 2020

 

कोविड-19 महामारी के कारण उद्योग-धंधे बन्द होने से उपजी परिस्थितियों के मद्देनजर मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के निर्देश पर श्रम एवं सेवायोजन मंत्री श्री स्वामी प्रसाद मौर्य की अध्यक्षता में प्रवासी मजदूरों एवं श्रमिकों को तत्काल काम मुहैया कराने के लिए कार्ययोजना बनाने हेतु विचार-विमर्श के लिए औद्योगिक विकास मंत्री तथा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री व उच्च अधिकारियों के साथ विधान भवन सचिवालय में बैठक आयोजित हुई।

बैठक में श्रम मंत्री श्री मौर्य ने कहा कि दूसरे राज्यों एवं शहरों से लौटकर अपने गांव आने वाले प्रवासी श्रमिकों के सामने उद्योग-धन्धा बंद होने से रोजी-रोटी का संकट न पैदा हो जाए, इससे पहले ही सरकार इस पर कार्ययोजना बनाकर इन्हें रोजगार मुहैया करायेगी। इसकी निगरानी व कोआर्डिनेशन के लिए जिला, मण्डल व प्रदेश स्तर पर समितियों का गठन भी किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को शीघ्र ही एक ठोस कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूरों के क्वारंटाइन के दौरान ही उनकी दक्षता के साथ अन्य जानकारी भी हासिल कर श्रम पोर्टल पर अपलोड किया जाए। अन्तर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर उन्होंने श्रमिकों व मजदूरों को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं दी ।

इस दौरान औद्योगिक विकास मंत्री श्री सतीश महाना ने कहा कि सरकार बेरोगार हुए प्रवासी मजदूरों के साथ-साथ यहां के श्रमिकों को भी रोजगार देने की कार्ययोजना पर कार्य करेगी। इसके लिए लघु उद्योगों, कृषि क्षेत्रों तथा निर्माण क्षेत्र की इकाइयों पर ध्यान केन्द्रित करना होगा। बैठक में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों को शीघ्र रोजगार मिले इसके लिए प्रदेश स्तरीय रिपोर्ट तैयार करनी होगी कि कितने उद्योग चल रहे हैं एवं निर्माण कार्य स्थलों पर कितने मजदूरों की आवश्यकता है। सभी श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार मिले इसके प्रयास किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए औद्योगिक इकाइयों व श्रम संगठनों से भी विचार-विमर्श आवश्यकता है।

बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक सिन्हा ने बताया कि सरकारी योजनाओं के माध्यम से चलायी जा रही रोजगारपरक योजनाओं में प्रवासी मजदूरों को रोजगार दिलाया जायेगा। इसमें ग्राम विकास, पंचायतीराज, लघु उद्योग, समाज कल्याण, कौशल विकास व उद्यान विभाग की योजनाओं तथा मनरेगा में इन्हें सेवायोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 03 मई से रोजगार सृजन के क्षेत्र में कार्य किया जाना है। 15 लाख लोगों को रोजगार देना सुनिश्चित है। जिस क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं होंगी उसकी तलाश की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस महामारी के चलते 1.5 से 02 करोड़ लोंगों को बेरोजगारी की मार झेलनी पड़ेगी। 

बैठक में औद्योगिक विकास आयुक्त श्री आलोक टण्डन, प्रमुख सचिव लघु उद्योग श्री नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास श्री आलोक कुमार, प्रमुख सचिव श्रम एवं सेवायोजन श्री सुरेश चन्द्रा, श्रमायुक्त डा0 सुधीर एम0 बोबड़े, प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशक श्री कुणाल सिल्कू उपस्थित थे।

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