सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है रोटी, जूझ रहे हैं देशवासी : विजय पाण्डेय
वैश्विक महामारी के बीच हाई कोर्ट के अधिवक्ता विजय पाण्डेय ने अर्थ-व्यवस्था और लोगों को बचाया जाना आवश्यक बताते हुए कहा कोरोना संकट में सरकार “नागरिक केन्द्रित” सोंच विकसित करे l सरकार संसाधन संपन्न हो, इसका विकल्प सिर्फ करारोपण नहीं l सरकार को चाहिए अपने संसाधनों का व्यय, गौण, आवश्यक और अतिआवश्यक में विभाजित करे और इनमें से पहले को पूरी तरह बंद करे और दूसरे में कटौती करे l उसके बाद आवश्यक व्यय में होने वाले बजटीय भ्रष्टाचर पर लगाम लगाए जिसके लिए सरकार केन्द्रित प्रशासनिक व्यवस्था से संभव नहीं है, सरकार देश के नागरिकों पर विशवास करे और व्यवस्था पर ‘नागरिक नियंत्रित व्यवस्था’ कायम करे जिसमें नागरिक की गरिमा, सम्मान और विश्वसनीयता को मानक बनाया जाए l अधिवक्ता विजय पाण्डेय ने कहा बेलगाम प्रशासनिक-व्यवस्था से भ्रष्टाचार नियंत्रित नहीं हो सकता l
अधिवक्ता विजय पाण्डेय ने कहा कि देश में करारोपण की दर आय का करीब 30-से 40 प्रतिशत हैं, वस्तुओं की कीमते निर्धारित करने का कोई तरीका ही नहीं विकसित किया सिर्फ आद्योगिक उत्पाद में अपनी हिस्सेदारी तय कर ली और कीमतों को खुला छोड़ दिया जैसे; कोरोना महामारी में 100 रूपये का सेनेटाईजर 200-300 रूपये में बिकना l विजय पाण्डेय ने कहा कि अब लोग बेरोजगार हैं, रोटी की समस्या सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है, इसके लिए सरकार निर्यात आधारित आत्म-निर्भर प्रोद्योगिकी विकसित करे जो विश्वस्तरीय उत्पाद बनाए, कृषि एवं घरेलू उत्पाद आधारित आत्म-निर्भर अर्थ-व्यवस्था पर बल देना चाहिए, औद्योगिक उत्पाद एवं सेवाओं की कीमते निर्धारित कर देनी चाहिए जिससे मनमानी लूट को रोंका जा सके l