संस्कार और प्रेम का रोपण करते हैं संयुक्त परिवार


चन्दौसी भागदौड़ भरी इस जिंदगी में संयुक्त परिवार अपना अस्तित्व खोता जा रहा है। बावजूद इसके कई परिवार हैं, जो संयुक्त परिवार के बिना खुद को अधूरा समझते हैं। संयुक्त परिवार को लेकर लोगों की सोच अलग-अलग हैं, लेकिन आम राय है कि यह बुजुर्गों के लिए वरदान समान होता है। भारतीय मानव कल्याण समिति के प्रबंधक डा.टीएस पाल ने संयुक्त परिवार में एक-दूसरे पर अटूट विश्वास रहता है। कहा लोगों के लिए आज का दिन खास है क्योंकि कोविड 19 के कारण देश में 50 दिन से लाकडाउन है। लोग अपने घरों में सपरिवार रहकर अपने रिश्तों को मजबूत कर रहे है। वैदिक काल में सभी संयुक्त परिवार हंसी खुशी रहा करते थेआज लॉकडाउन के चलते परिवार सयुक्त रूप से खाना बनाने और खाने और इनडोर खेल खेलने के कारण एक दूसरे के दिलों में जगह बना रहे है। इस दौरान बृजकिशोर पाल, माला देवी, दुर्गेश्वरी पाल,दुष्यंत कुमार व राधिका पाल आदि उपस्थित रहे।


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