शानदार है मंदिर की नक्‍काशी ऐरावतेश्‍वर मंदिर

ऐरावतेश्‍वर मंदिर की नक्‍काशी दर्शनार्थियों को बहुत भाती है। खासतौर पर यहां की तीन सीढ़‍ियां, जिन्‍हें इस प्रकार बनाया गया है कि इनपर जरा सा भी तेज पैर रखने पर संगीत की अलग-अलग ध्‍वन‍ि सुनाई देने लगती है। इसके अलावा मंदिर के आंगन में दक्षिण-पश्चिमी कोने में 4 तीर्थ वाला एक मंडप बना है। इसपर बनी यम की छवि बरबस ही सबकी नजरें अपनी ओर खींच लेती है। साथ ही मंदिर में सात आकाशीय देव‍ियों की भी आकृतियां बनी हुई हैं।



** मंदिर के विषय में पौराणिक मान्‍यता


ऐरावतेश्‍वर मंदिर भोलेनाथ को समर्पित है। मंदिर की स्‍थापना को लेकर स्‍थानीय किवंदतियों के अनुसार यहां देवताओं के राजा इंद्र के सफेद हाथी ऐरावत ने शिव जी की पूजा की थी। इस वजह से इस मंदिर का नाम ऐरावतेश्‍वर मंदिर हो गया। यह भी उल्‍लेख मिलता है कि मृत्‍यु के राजा यम जो कि एक ऋषि द्वारा शापित थे और शरीर की जलन से पीड़‍ित थे। इसके बाद वह इसी मंदिर में आए परिसर में बने पवित्र जल में स्‍नान कर भोलेनाथ की पूजा की। इसके बाद वह पूर्ण रूप से स्‍वस्‍थ हो गए। यही वजह है कि मंदिर में यम की भी छवि अंकित है।



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