विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजनाः शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में पारम्परिक कारीगरों की कौशल वृद्धि हेतु इच्छुक व्यक्ति आॅन लाईन करें आवेदन Û 30 मई से होगें आनलाइन आवेदन

ललितपुर।
  विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजनान्तर्गत शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में पारम्परिक कारीगरों की कौशल वृद्धि हेतु इच्छुक व्यक्तियों से आॅन लाईन आवेदन पत्र बेबसाईड ूूूण् कपनचउेउमण्नचेकबण्हवअण्पद पर दिनांक 30-05-2020 तक आमंत्रित किये जा रहे हैं। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम नीति 2017 के प्रस्तर 7.10.1 के अन्तर्गत प्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के स्थानीय दस्तकारों पर पारम्परिक कारीगरों की कौशल वृद्धि हेतु विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना का क्रियान्वयन उ0प्र0 सरकार द्वारा किया जा रहा है। जिसके अन्तर्गत 06 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम उ0प्र0 उद्यमिता विकास संस्थान के माध्यम से जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र, ललितपुर द्वारा सम्पन्न किया जायेगा। जिसमें जिले को लोहार, सुनार, हलवाई, मोची, दर्जी, बढ़ई, नाई, राजमिस्त्री, कुम्हार, एवं टोकरी बुनकर ट्रेड में प्रशिक्षण दिया जायेगा। कारीगरों का चयन शासन द्वारा गठित समिति के माध्यम से किया जायेगा। 


अप्रवासी कारीगर जो जनपद में रूककर अपना स्वरोजगार स्थापित करना चाहते हो उन्हें चयन में वरीयता दी जायेगी। प्रशिक्षण के उपरांत कारीगरों को टूल किट वितरण किये जाने का प्रावधान शासन द्वारा किया गया है ताकि परम्परागत कारीगर अपना कार्य दक्षता पूर्वक कर सकें। प्रशिक्षण प्राप्त होने के उपरान्त ऋण सुविधा हेतु इच्छुक लाभार्थियों को प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना अथवा भविष्य में भी केन्द्र/राज्य सरकार द्वारा संचालित मार्जिन मनी योजनाओं में लाभ प्राप्त करने हेतु वरीयता दी जायेगी। कहा कि 1. आवेदक की आयु न्यूनतम 18 वर्ष होनी चाहिए। 2. आवेदक उत्तर प्रदेश का निवासी होना चाहिए। 3. शैक्षिक योग्यता अनिवार्य  नहीं है। 4. पिछले 2 वर्षो में आवेदक ने केंद्र सरकार या राज्य सरकार से टूलकिट के संबंध में कोई लाभ प्राप्त नहीं किया है। 5. योजना के अनुसार आवेदक या उसके परिवार का कोई भी सदस्य केवल एक बार ही योजना के लिए आवेदन करने के लिए पात्र होगा। परिवार का अर्थ पति एवं पत्नी से है। 6. योजना के तहत पात्रता मानदंडों को पूरा करने के लिए एक शपथ पत्र प्रस्तुत किया जाना है। 7. योजनान्तर्गत पात्रता हेतु जाति एक मात्र आधार नहीं होगा योजनान्तर्गत लाभ प्राप्त करने हेतु ऐसे व्यक्ति भी पात्र होगें जो परम्परागत करीगरी करने वाली जाति से भिन्न हो ऐसे आवेदकों को परम्परागत करीगरी से जुड़े होने के प्रमाण के रूप मंे ग्राम प्रधान, अध्यक्ष, नगर  पंचायत अथवा नगर पालिका/नगर निगम द्वारा निर्गत प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अविवार्य होगा। 


 


 


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