यूपी में दस लाख कोरोना संक्रमित वाले मुख्यमन्त्री के बयान को गम्भीरता से नहीं लेना चाहिए-रामगोविन्द चौधरी






देश व प्रदेश में कानून व्यवस्था की साख समाप्त, माडल राज्य के इंतजाम को हाईकोर्ट बोल रहा है डूबता जहाज, यूपी में सर्वाधिक खराब स्थिति, इसका लाभ उठाकर अफसर पढ़वा दे रहे हैं मुख्यमन्त्री से शर्मिंदा होने वाला आंकड़ा - नेता प्रतिपक्ष 

लखनऊ। नेता प्रतिपक्ष उत्तर प्रदेश रामगोविंद चौधरी ने कहा है कि मुख्यमंत्री योगी श्री आदित्यनाथ के उस बयान को जिसके आधार पर उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या तकरीबन दस लाख हो जाती है, गम्भीरता से नहीं लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा है कि इसके लिए मुख्यमन्त्री योगी श्री आदित्य नाथ दोषी नहीं है क्योंकि उनके अफसरों ने जो उन्हें लिखकर दिया, उन्होंने उसे पढ़ दिया। उन्हें इसका बोध ही नहीं है कि 75 फीसदी और 50 फीसदी कहने से कितनी भयानक स्थिति पैदा होती है। इसलिए इस फीसदी वाले उनके बयान के लिए जवाब तलब अफसरों से होना चाहिए।

 

सोमवार को जारी आन लाइन प्रेसनोट में नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की गरिमा को गिराने वाले इस बयान को लेकर उन अफसरों के खिलाफ कड़ी करवाई होनी चाहिए जो मुख्यमन्त्री को पढ़ने के लिए यह प्रेसनोट बनाए। यह कार्रवाई नहीं हुई तो ये अफसर आगे भी मुख्यमन्त्री के लिए इसी तरह का प्रेसनोट बनाएंगे, जिसे मुख्यमन्त्री पढ़ेंगे और पूरे देश में मुख्यमन्त्री की "विद्वता" को लेकर उत्तर प्रदेश का माथा शर्म से झुकता रहेगा। उन्होंने कहा है कि इसकी वजह से दूसरे प्रदेश के नेताओं को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जैसे गम्भीर पद की खिल्ली उड़ाने का आगे भी अवसर मिलता रहेगा जो इस सम्मानीय पद के लिए उचित नहीं है।

 

नेता प्रतिपक्ष उत्तर प्रदेश रामगोविन्द चौधरी ने कहा कि पहले भारतीय जनता पार्टी के दो शीर्ष नेता भी इस तरह की "विद्वता" का बयान देकर चर्चा में रहते थे। आजकल कोरोना की वजह से उनके राज्य की स्थिति चिंताजनक है। खासतौर से उस अहमदाबाद की जहाँ कोरोना की जानकारी के बाद ट्रम्प के स्वागत के लिए अनगिनित देशी विदेशी लोग जुटाए गए थे। उन्होंने कहा है कि वहाँ के इंतजाम के बारे में अब हाईकोर्ट कह रहा है कि यहाँ की स्वास्थ्य व्यवस्था एक डूबता जहाज है। इधर यूपी की माडल व्यवस्था जनपद आगरा की भी पोल खुल गई है। इसे लेकर भाजपा का कोर थिंकटैंक चिंतित है। इसका लाभ उठाकर अफसर भारत सरकार के मन्त्री से बोलवा दे रहे हैं कि अब तक 80 करोड़ परिवारों की मदद की जा चुकी है। मुख्यमन्त्री योगी श्री आदित्यनाथ से कोरोना संक्रमितों का ऐसा आंकड़ा बोलवा दे रहे हैं जिससे उत्तरप्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या दस लाख साबित हो रही है। इसलिए इसे लेकर मुख्यमन्त्री द्वारा पढ़े गए बयान को गम्भीरता से नहीं लिया जाना चाहिए।

 

नेता प्रतिपक्ष उत्तर प्रदेश रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि देश और प्रदेश की भाजपा सरकारें सभी मोर्चे पर फेल हैं। इसकी वजह से 6 साल में ही देश फिर 1947 वाली स्थिति में पहुंच गया है। अब इनके पास एक ही काम है जनता को भ्रमित करना जिसके लिए तरह तरह के फर्जी बयान जारी किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा है कि देश की इस वास्तविक स्थिति का ज्ञान अफसरों को भी हो गया है। इसी का लाभ उठा कर ये अफसर भी जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों से शर्मिंदा होने वाला प्रेसनोट पढ़वा कर मजा ले रहे हैं।

 

नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि कानून व्यवस्था को लेकर उत्तर प्रदेश की स्थिति सर्वाधिक खराब है। उत्तर प्रदेश में शासन की साख नाम की चीज नहीं रह गई है। अब लोग बाइक टकराने जैसी सामान्य घटना में गोली मारकर हत्या कर दे रहे हैं। उन्होंने कहा है कि इसे रोकने के लिए जिम्मेदार शासन के अफसरों व पुलिस प्रशासन के पास इस समय कुल दो महत्वपूर्ण कार्य हैं। नम्बर एक- नियुक्ति उद्योग के उस पावर सेंटर में अपनी पकड़ बनाए रखना जो इस समय एसटीएफ जांच के घेरे में है। दूसरा-घर वापस आ रहे मजदूरों को पीटना और कोरेन्टीन होम तथा कोरोना के मुकाबले के नाम पर बिल बनाना। इसलिए कानून व्यवस्था की तरफ ध्यान देने की किसी को फुर्सत किसी के पास नहीं है।

 

नेता प्रतिपक्ष उत्तर प्रदेश रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि सूबे के मुख्यमन्त्री के पास जो सर्वाधिक महत्वपूर्ण काम है, वह है शासन की कमियों को उजागर करने वालों को उत्पीड़ित करना, जेल में बन्द करा देना और दुखी श्रमिकों की मदद करने वालों के खिलाफ भी एफआईआर करा देना, जो वह कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि मुख्यमन्त्री के इस कार्य के शिकार राजनीतिक, सामाजिक कार्यकर्ता, पत्रकार, वकील तथा अन्य जिम्मेदार नागरिक भी हैं। दुर्भाग्य यह है कि लोकतन्त्र को शर्मिंदा करने वाली इस कार्य को ही मुख्यमन्त्री अपना गौरव मान लिए हैं जो सूबे की बदहाली का मुख्य कारण है।

 

 



 



 




 



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