भ्रष्टाचार के दीमक से गौशाला में मर रहा गौवंश! फसता देख प्रभारी लिपिक ने लिखाया मुकदमा,नगर पंचायत अघ्यक्ष मान रहे कर्मचारी को दोषी

माधौगढ, माधौगढ़ नगर पंचायत के अधीन डिकौली स्थित गौशाला से दिल को कंपा  देने वाली तस्वीरें सामने आ रही हैं। दाना पानी के अभाव में गौवंशों के शरीर अस्थियों का ढांचा भर रह जाता है।  यूं कहें कि भ्रष्टाचार का दीमक गौशाला को चट कर रही है और गाय माता भूख प्यास से व्याकुल होकर जान से हाथ धो रही हैं। इसी के चलते रोज तिल तिल मरते गौवंशों को जमीन में दफन कर देते हैं। इसी का विरोध जब डिकौली के युवाओं ने किया तो नगर पंचायत प्रशासन ने वरुण, दीपक और एक दर्जन अज्ञात युवाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया। एक तरफ लापरवाही की इंतहा कि आखिरी सांसें लेते गौवंशों को चुपचाप मिट्टी में दबा दिया जाता है और मामले की किसी को भनक तक नहीं लगती और लोग जब जिम्मेदारों की नाकामी की आवाज उठाएं तो झूठे मुकदमे लादकर दबा दिया जाए जबकि हकीकत में गौशाला की जमीन में ग्रामीणों के अनुसार आधा सैकड़ा गौवंशों को दफनाया जा चुका है। हालांकि मामले ने तूल पकड़ा तो पशुपालन विभाग के एडिशनल डायरेक्टर डा. वाईएस तोमर झांसी से घटना की जांच करने आए जिन्होंने गौशाला में गौवंशों की हालत को देखा और ग्रामीणों से बात की। गौशाला में मरते हुए गौवंशों की इस हालत पर हिंदू संगठनों में उबाल आ गया। जल्द ही अगर निष्पक्ष जांच होकर दोषियों को सजा न मिली तो आंदोलन किया जाएगा। वही दूसरी ओर जब कर्मचारी पुरूषोत्तम तिवारी से गौशाला की अव्यवस्थाओं के संदर्भ में बातचीत की गई तो उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि यह सब झूठ है। गौशाला से 195  गौवंश ताला तोड कर बाहर लाने बाले लोगअपने स्वार्थ के कारण गौशाला  को बदनाम कर रहे है। नगर पंचायत के अध्यक्ष राजकिशोर  गुप्ता का कहना है कि गौशाला की अव्यवस्था की जिम्मेदारियां  कर्मचारियों के कारण बीते 2 दिन पूर्व दो गाय की मृत्यु हो गई थी। आज भी गौशाला के सामने 50 गाये खड़ी प्रभारी लिपिक ताला लगााकर नदारत है। सच और झूठ की लडाई में गौवंश सड़क पर रहने को मजबूर है।



फाइल फोटो


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