कोरोना संक्रमण से बचाव में जुटी आशा व संगिनियों को मिली प्रोत्साहन राशि





पिछले दो माह में 1,636,500 लाख रुपये से अधिक का किया भुगतान
* जनपद में 960 आशा कार्यकर्ता व 37 संगिनी हर मोर्चे पर तैनात





ललितपुर।
कोरोना संक्रमण काल में लोगों के लिए ढाल बनकर खड़ी फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं की हिम्मत और काम दोनों ही सराहनीय हैं। आशा कार्यकर्ता अपनी जान जोखिम में डालते हुए लगातार लोगों को कोरोना के प्रति जागरुक करने के साथ-साथ बाहर से आए प्रवासियों की जानकारी भी इक_ा कर रही हैं। इसलिए सरकार आशा और आशा संगिनियों को उनके काम के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दे रही है। जनपद में पिछले दो माह में करीब 1,636,500 लाख रुपये बतौर प्रोत्साहन राशि दिए जा चुके हैं।
डीसीपीएम गणेश का कहना है कि जनपद की आशा कार्यकर्ता व संगिनी इस समय घर-घर जाकर सामाजिक दूरी का पालन करते हुए प्रवासियों की जानकारी जुटाने व लोगों को कोरोना के प्रति जागरुक कर रही हैं। निगरानी समिति के सदस्य के रूप में भी वे महत्वूर्ण भूमिका निभा रही हैं। प्रवासी व्यक्तियों की निगरानी कर रही हैं। प्रवासी या उनके परिवार के किसी भी सदस्य में खांसी, बुखार व सांस लेने में मुश्किल होने जैसे कोरोना के लक्षण दिखने पर स्वास्थ्य विभाग को तुरंत अवगत करा रही हैं। इसके साथ ही आशा कार्यकर्ता प्रवासी व्यक्ति के घर के बाहर होम क्वारंटाइन फ्लायर लगा रही हैं जिसे क्वारंटाइन अवधि समाप्त होने पर घर से हटा देती हैं। जहाँ सब लोग लम्बे समय से घरों में बंद हैं वहीं आशा कार्यकर्ता और संगिनी अपने परिवारों की चिंता छोड़ संक्रमण का खतरा मोल लेते हुए भी अपना कर्तव्य बखूबी निभा रही हैं। सरकार ने उनके इस योगदान को सराहा है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन-उत्तर प्रदेश के मिशन निदेशक विजय विश्वास पन्त ने कोविड-19 के नियंत्रण के लिए आशा को 1000 रुपये प्रति माह व संगिनी को 500 रुपये प्रतिमाह के हिसाब से अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि देने के निर्देश दिए थे। डीसीपीएम ने बताया कि जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में 947 व शहरी क्षेत्र में 13 आशा कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त जिले में 37 आशा संगिनी भी अपनी सेवाएं दे रही हैं। इन्हें अप्रैल माह में 909500 लाख रुपये और मई माह में 727000 लाख रुपये, कुल मिलाकर करीब 1,636,500 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है।






 

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