प्रदेश के किसी भी जनपद में टिड्डी (Locust) दलों के आक्रमण की कोई सूचना नहीं

लखनऊ: आज दिनांक 01.06.2020 को प्राप्त सूचना के अनुसार प्रदेश के किसी भी जनपद में टिड्डी (Locust) दलों के आक्रमण की कोई सूचना नहीं है। फिर भी टिड्डी दलों के आक्रमण की सम्भावना के दृष्टिगत कृषि विभाग एवं क्षेत्रीय प्रशासन द्वारा जन-सामान्य/ कृषकों को इसके आक्रमण से सावधान रहने की एडवाइजरी जारी करने के साथ-साथ बचाव हेतु आवश्यक तैयारी की गई है। राजस्थान, मध्य प्रदेश एवं पंजाब सहित प्रदेश के झॉसी, ललितपुर, सोनभद्र एवं जालौन में टिड्डी (Locust) दलों के हुए आक्रमण के दृष्टिगत प्रदेश के अन्य सीमावर्ती जनपदों आगरा, मथुरा, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, महोबा, बॉदा, चित्रकूट, हमीरपुर एवं मिर्जापुर आदि को सावधान रहने की आवश्यकता प्रदेश के समस्त जनपदों में टिड्डी (Locust) दलों से बचाव हेतु आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था कर ली गई है। राजस्थान, मध्यप्रदेश एवं पंजाब/हरियाणा से लगे सीमावर्ती जनपदों झांसी, ललितपुर, जालौन, सोनभद्र, मिर्जापुर, महोबा, बॉदा, चित्रकूट, हमीरपुर, आगरा, मथुरा, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर एवं बागपत में अग्निशमन की 86 गाड़ियों, 1286 ट्रैक्टर माउन्टेड स्प्रेयर्स, 317 नगर निकायों के ट्रैक्टर/टैंकर, 204 नगर निकायों के छिड़काव यंत्र, 544 चीनी मिल/गन्ना आदि विभागों के छिड़काव यंत्र, 28382 किसानों/विभागीय पावर स्प्रेयर्स, 35160 किसानों/विभागीय नैपसेक एवं फुट स्प्रेयर्स, 18261 आवाज करने हेतु ध्वनि यंत्रों, ढोल, नगाडे, डी0जे0 आदि, 314110 लीo/किग्रा कृषि रक्षा रसायनों आदि की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली गई है। समस्त जिलाधिकारियो को टिड्डी दल से बचाव एवं रोकथाम हेतु निर्देश दिये गये है, जिसमें आपदा प्रबन्धन अधिनियम की व्यवस्था के अनुसार कोषागार नियम-27 के अन्तर्गत संसाधनों की व्यवस्था हेतु धनराशि व्यय करने के निर्देश है। कृषि विश्वविद्यालयों एवं केन्द्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबन्धन केन्द्रों लखनऊ, गोरखपुर एवं आगरा का भी सहयोग लेने के निर्देश दिये गये है जनपद स्तरीय टीम के साथ-साथ भारत सरकार के लोकस्ट कन्ट्रोल आर्गेनाइजेशन की टीम भी टिड्डियों नियंत्रण/समाप्त करने का कार्य कर रही है, जिससे इनको उनके रात्रि प्रवास के ठिकानों पर ही नियंत्रित/समाप्त करने में सहायता मिल रही हैजनपदों में कृषि एवं अन्य विभागों द्वारा कराये जा रहे मॉक ड्रिल के माध्यम से किसानों में टिड्डियों के नियंत्रण के प्रति जागरुकता आई है और वे स्वयं टीम के साथ मिलकर टिड्डियों के भगाने में सहयोग कर हैं।


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