प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में ‘आत्म निर्भर उ0प्र0 रोजगार कार्यक्रम’ का शुभारम्भ हो रहा: मुख्यमंत्री
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत 01 लाख 69 हजार वापस लौटे श्रमिकों को कार्य में लगाया गया
वापस लौटीं 29 हजार 600 महिला कामगारों को स्वयं सहायता समूह से जोड़ा गया
अनलाॅक की कार्रवाई के पश्चात लगभग 7 लाख 80 हजार औद्योगिक इकाइयों संचालित
लखनऊ: 26 जून, 2020
भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश आपदा को अवसर में बदलने में सफल रहा है। संकट में साहस और सूझबूझ दिखाने वाले को सफलता मिलती है। राज्य सरकार और प्रदेशवासियों ने जो साहस और सूझबूझ दिखायी, उससे आपत्ति के समय में भी उत्तर प्रदेश सफलतापूर्वक आगे बढ़ा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी तथा उनकी पूरी टीम चाहे जनप्रतिनिधि हों या कर्मचारी हों सभी ने सराहनीय कार्य किया है। सभी ने मिलकर प्रदेश को जिस मुश्किल स्थिति में संभाला है, आने वाली पीढ़ियां उस पर गर्व करेंगी।
प्रधानमंत्री जी ने यह विचार आज वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ के अन्तर्गत ‘आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार कार्यक्रम’ के शुभारम्भ अवसर पर अपने सम्बोधन में व्यक्त किये। इस अवसर पर प्रधानमंत्री जी ने रिमोट से अनावरण कर ‘आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार कार्यक्रम’ का शुभारम्भ किया। इस मौके पर लाॅकडाउन तथा अनलाॅक की कार्यवाही के दौरान राज्य सरकार द्वारा उठाये गये कदमों की जानकारी से सम्बन्धित एक फिल्म भी प्रस्तुत की गयी।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि श्रम की महत्ता से हम सभी परिचित हैं। ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ से ‘आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार कार्यक्रम’ को प्रेरणा मिली। राज्य सरकार ने इस योजना को क्वालिटेटिव एवं क्वांटिटेटिव विस्तार दिया। प्रदेश सरकार ने लाभार्थियों की संख्या बढ़ायी और इस कार्यक्रम को आत्मनिर्भर भारत अभियान से भी जोड़ा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि उत्तर प्रदेश से प्रेरणा लेकर देश के अन्य राज्य भी इसी प्रकार के कार्यक्रम अपने प्रदेशों में प्रारम्भ करेंगे।
राज्य सरकार और प्रदेश के नागरिकों की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के प्रयास और उपलब्धि पूरी दुनिया के लिए मिसाल है। उत्तर प्रदेश के आंकड़े चकित कर देने वाले हैं। इसके लिए प्रदेश के सभी नागरिक, डाॅक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, नर्सिंग स्टाफ, पुलिस, बैंक, टेलीग्राम, परिवहन आदि के साथियों ने पूरी निष्ठा से योगदान किया है।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि तुलनात्मक अध्ययन से पता चलता है कि उत्तर प्रदेश ने कितनी बड़ी सिद्धि प्राप्त की है। जनसंख्या के दृष्टि से यह प्रदेश कई देशों से बड़ा है। इंग्लैण्ड, फ्रांस, इटली, स्पेन की सम्मिलित जनसंख्या उत्तर प्रदेश के बराबर है। साधन सम्पन्न इन देशों में कोरोना वायरस से 1.30 लाख लोगों की मृत्यु हुई है। जबकि उत्तर प्रदेश में कोरोना से 600 लोगों की मृत्यु हुई है। सभी तरह से समर्थ अमेरिका की आबादी लगभग 33 करोड़ है। यहां कोरोना से 1.25 लाख लोगों की मृत्यु हुई है। पहले से तैयारी तथा निरन्तर प्रयास से योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व की प्रदेश सरकार ने अब तक कम से कम 85 हजार लोगों का जीवन बचाया है। नागरिकों की रक्षा संतोष का विषय तो है ही, इससे देश का आत्मविश्वास भी बढ़ा है।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में पिछले कुछ सप्ताह में लगभग 35 लाख कामगार/श्रमिक वापस लौटे हैं। राज्य सरकार ने सैकड़ों श्रमिक स्पेशल रेलगाड़ियां संचालित कराकर मुश्किल में फंसे प्रदेशवासियों को वापस बुलवाया। वापस लौटने वाले इन प्रदेशवासियों से संक्रमण के प्रसार का जोखिम बढ़ गया था, किन्तु राज्य सरकार ने जिस तरह स्थिति को संवेदनशीलता के साथ सम्भाला, उससे न केवल राज्य एक बड़े संकट से बाहर आया बल्कि देश की भी बड़ी सेवा की।
प्रधानमंत्री जी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का अभिनन्दन करते हुए कहा कि अपने पिता के स्वर्गवास पर उनकी अन्त्येष्टि में सम्मिलित होने के स्थान पर मुख्यमंत्री जी, प्रदेश की जनता की कोरोना से रक्षा में लगे रहे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा हालात को समझते हुए युद्धस्तर पर कार्य किया गया। क्वारंटीन सेण्टर व शेल्टर होम्स के निर्माण के लिए पूरी ताकत लगा दी गयी। वापस लौटे श्रमिकों के लिए बहुत कम अवधि में जनसहभागिता के आधार पर ग्रामीण इलाकों में 60 हजार निगरानी समितियों का गठन किया गया। इन समितियों ने क्वारंटीन व्यवस्था को सुदृढ़ और सुव्यवस्थित करने में उपयोगी योगदान किया। इसी प्रकार, कोरोना के उपचार के लिए बहुत कम समय में अस्पतालों में एक लाख से अधिक बिस्तरों का प्रबन्ध भी किया गया।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि लाॅकडाउन के दौरान प्रदेशवासियों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए अभूतपूर्व व्यवस्था की गयी। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत उत्तर प्रदेश ने बहुत तेजी से गरीबों व वापस लौटे श्रमिकों को निःशुल्क राशन उपलब्ध कराया। प्रदेश का कोई भी नागरिक भूखा न रहे, इस भावना व संवेदनशीलता से राज्य सरकार ने कार्य किया। 15 करोड़ लोगों के लिए खाद्यान्न का प्रबन्ध किया गया। इसके लिए प्रदेश की गरीब जनता में 42 लाख मीट्रिक टन राशन वितरित किया गया। राशन कार्ड न होने पर भी गरीबों को निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया। उत्तर प्रदेश के लगभग 3.25 करोड़ महिलाओं के जनधन खाते में 5 हजार करोड़ रुपये की धनराशि अंतरित की गयी। आजादी के बाद के इतिहास में आज तक सम्भवतः किसी सरकार ने गरीबों की ऐसी मदद नहीं की।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि भारत की आत्मनिर्भरता के लिए ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ में भी उत्तर प्रदेश आगे है। ग्रामीण इलाकों में गरीबों के आय के साधन बढ़ाने के लिए अनेक प्रकार के कार्य शुरु कराये जा रहे हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना, सामुदायिक शौचालय निर्माण, पंचायत भवन, तालाब निर्माण, इण्टरनेट की लाइनों के बिछाने आदि कार्याें के माध्यम से प्रदेश सरकार ने लगभग 1.25 करोड़ श्रमिकों/कामगारों को रोजगार देने का प्रयास किया है। 50 लाख लोगों को एम0एस0एम0ई0 इकाइयों में रोजगार दिया जा रहा है। इसके अलावा, स्वरोजगार के लिए हजारों उद्यमियों को मुद्रा योजना के तहत करीब 10 हजार करोड़ रुपये का ऋण आवंटित किया गया है। ऋण के साथ-साथ आज हजारों हस्तशिल्पियों को आधुनिक मशीनें और उनके काम के लिए आवश्यक टूल किट भी दी गयी है। इससे हस्तशिल्पियों का काम भी बढ़ेगा और उन्हें सुविधा भी मिलेगी।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि 1.25 करोड़ कामगारों की पहचान करना, 30 लाख से ज्यादा श्रमिकों के कौशल व अनुभव का डेटा तैयार करना और उनके रोजगार की समुचित व्यवस्था करना, यह प्रदेश सरकार और उसके कर्मचारियों की सघन तैयारी को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना में प्रदेश में पहले से ही स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दिया जा रहा है। ‘आत्मनिर्भर भारत योजना’ में औद्योगिक क्लस्टर विकसित किये जा रहे हैं। इससे प्रदेश को भी लाभ मिलेगा। ‘आत्मनिर्भर भारत योजना’ से किसानों को भी लाभ होगा। किसानों को मण्डी के बाहर अपनी उपज बेचने का अधिकार दिया गया है। इससे वह जहां ज्यादा दाम मिले वहां अपना सामान बेच सकता है। वह बुवाई के समय भी उत्पाद का दाम तय कर सकता है।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि पशुपालकों के लिए 15 हजार करोड़ रुपये का डेरी इन्फ्रास्ट्रक्चर फण्ड बनाया गया है। इसके माध्यम से डेरी उद्योग के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के साथ ही एक करोड़ किसानों को डेरी उद्योग से जोड़ने की योजना है। आने वाले समय में इसके माध्यम से 35 लाख रोजगार सृजन की सम्भावना है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा बौद्ध सर्किट के तहत कुशीनगर एयरपोर्ट को अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट घोषित किया गया है। इससे पूरी दुनिया से बौद्ध श्रद्धालु उत्तर प्रदेश आ सकेंगे तथा बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि भारत की प्रगति पथ में उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रदेश सरकार द्वारा विगत 3 वर्षाें में 30 लाख से अधिक पक्के घर बनाये गये हैं। 03 लाख से अधिक युवाओं की सरकारी नौकरियों में नियोजन हुआ है। प्रदेश को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया गया है। मातृ मृत्यु दर में 3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी है। इनसेफेलाइटिस की बीमारी में कमी के साथ ही मृत्यु दर में 90 प्रतिशत से अधिक की कमी आयी है। राज्य में बड़ी संख्या में मेडिकल काॅलेजों का निर्माण हो रहा है। प्रदेश में बिजली, पानी, सड़क की स्थिति में व्यापक सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश में शान्ति है, इससे पूरी दुनिया के निवेशक प्रदेश में आने के इच्छुक हैं।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि व्यक्तिगत व सामाजिक जीवन में अलग-अलग तरह की कठिनाइयां आती रहती हैं, लेकिन सम्पूर्ण मानव जाति पर एक साथ एक तरह के संकट की कल्पना किसी ने नहीं की थी। नोवल कोरोना वायरस नामक यह संकट ऐसा है जिसमें कोई किसी की मदद भी नहीं कर सकता। इस समय में सभी लोगों को किसी न किसी परेशानी का सामना करना पड़ा है। इससे मुक्ति का भी कुछ पता नहीं है। जब तक इसके संक्रमण से बचाव की कोई वैक्सीन नहीं बन जाती, तब तक 2 गज की दूरी का पालन, मास्क अथवा किसी कपड़े से मुंह को ढकना, साफ-सफाई ही इससे बचाव में सहायक है। कोरोना वायरस के विरुद्ध संघर्ष निरन्तर जारी है। उन्होंने भरोसा जताया कि इस संघर्ष में उत्तर प्रदेश व भारत दोनों विजयी होंगे।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने अपने स्वागत उद्बोधन में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी ने कोरोना संकट के दौरान पूरे देश का मार्गदर्शन किया। उन्होंने ‘जान भी, जहान भी’ का मंत्र दिया। इसी क्रम में उनके मार्गदर्शन में ‘आत्म निर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार कार्यक्रम’ का शुभारम्भ हो रहा है। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत 1.25 करोड़ से अधिक कामगार व श्रमिकों को रोजगार, उद्योगों में समायोजन और स्वतः रोजगार के अन्तर्गत कार्य दिया जा रहा है। साथ ही, इस अवसर पर प्रधानमंत्री जी के माध्यम से 4.03 लाख एम0एस0एम0ई0 इकाइयों को 10,600 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण का आॅनलाइन वितरण भी किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ‘आत्म निर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार कार्यक्रम’ के अन्तर्गत ग्राम्य विकास विभाग, पंचायतीराज विभाग के द्वारा सामुदायिक शौचालय के निर्माण, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास निर्माण, मनरेगा के अन्तर्गत ग्रामीण सड़कों व तालाबों की खुदाई एवं अन्य कार्यक्रमों में 60 लाख से अधिक श्रमिकों व कामगारों को नियोजित किया जा रहा है। इसके अलावा, एम0एस0एम0ई0 सेक्टर में 50 लाख श्रमिकों व कामगारों, स्वयं सहायता समूह एवं फाॅर्मर्स प्रोडूसर्स ग्रुप के अन्तर्गत 05 लाख श्रमिकों व कामगारों, केन्द्र व राज्य सरकार के अन्तर्गत संचालित विभिन्न एक्सप्रेस-वेज़, अन्य मार्गाें, सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण तथा वन विभाग, नगर विकास विभाग व अन्य विभागों की परियोजनाओं में 10 लाख श्रमिकों व कामगारों का नियोजन किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा ‘आत्मनिर्भर भारत पैकेज’ के अन्तर्गत आज 02 लाख 68 हजार इकाइयों को 6,565 करोड़ रुपये का ऋण, 01 लाख 35 हजार नई इकाइयों को लगभग 4,034 करोड़ रुपये का ऋण वितरण किया जा रहा है। साथ ही, प्रधानमंत्री जी द्वारा ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ व ‘एक जनपद, एक उत्पाद योजना’ के अन्तर्गत 05 हजार से अधिक उत्तर प्रदेश के परम्परागत कारीगरों को टूल किट का वितरण किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना वायरस की वैश्विक महामारी के दृष्टिगत आदरणीय प्रधानमंत्री जी द्वारा समय से लिए गये निर्णयों के लिए पूरा देश कृतज्ञ है। उत्तर प्रदेश में 35.92 लाख से अधिक श्रमिकों और कामगारों की सकुशल वापसी हुई। प्रधानमंत्री जी ने वापस लौटे कामगारों व श्रमिकों की स्किल मैपिंग के लिए कहा था। राज्य सरकार ने समयबद्ध ढंग से वापस लौटे हुए कामगारों में, 18 वर्ष से कम आयु वर्ग के लोगों को इसमें शामिल किए बगैर, 30.47 लाख की स्किल मैपिंग करायी। इसमें से 24 लाख 75 हजार कंस्ट्रक्शन, रियल एस्टेट व अन्य निर्माण कार्याें, 92 हजार कारखाना मजदूर, 62 हजार 800 टेलर, 45 हजार ड्राइवर, 10 हजार 700 हस्तकला तथा 03 लाख 61 हजार सेल्स, वंेडिंग, सिक्योरिटी गाॅर्ड, कूरियर सेवा आदि से जुड़े हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में वापस आये 26.12 लाख कामगार व श्रमिक तथा नगरीय क्षेत्रों में वापस आये 1.63 लाख कामगार व श्रमिक होम क्वारंटीन से बाहर आ गये हैं। 4.71 लाख अभी भी होम क्वारंटीन में हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में 62 लाख श्रमिक व कामगार मनरेगा के अन्तर्गत काम कर रहे हैं। इसमें अधिकतर श्रमिक व कामगार कृषि, मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्र में सामुदायिक शौचालय निर्माण, प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, एक्सप्रेस-वेज, वृक्षारोपण कार्यक्रम आदि में समायोजित किये गये हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में अन्य राज्यों से वापस लौटे 15 लाख से अधिक कामगारों व श्रमिकों को इन योजनाओं में कार्य दिया गया है। इसके अलावा, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत 04 लाख 22 हजार वापस लौटे श्रमिकों की स्किल मैपिंग कराते हुए 01 लाख 69 हजार श्रमिकों को उनकी कुशलता के अनुसार कार्य में लगाया गया। साथ ही, वापस लौटीं 29 हजार 600 महिला कामगारों को स्वयं सहायता समूह से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि अनलाॅक की कार्रवाई के पश्चात लगभग 7 लाख 80 हजार औद्योगिक इकाइयों संचालित की गयीं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत योजना के पहले चरण में प्रदेश में लगभग 57 हजार नई एम0एस0एम0ई0 इकाइयों को 02 हजार 02 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया। इन इकाइयों द्वारा कार्य का संचालन भी प्रारम्भ कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा 05 हजार कामगारों को टूल किट दिया जा रहा है। इनमंे 1650 दर्जी, जरदोजी, 1088 धातु उद्योग, सुनार, लोहार, 250 शीशा उद्योग, 120 दरी एवं कालीन उद्योग, 1082 फर्नीचर, बढ़ई, 669 खाद्य प्रसंस्करण, हलवाई, 212 नाई, 137 टोकरी बुनकर, 120 कुम्हार, 95 राजमिस्त्री, 112 फुट वियर की मरम्मत से जुड़े कारीगर शामिल हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने अनलाॅक की कार्रवाई के पश्चात जो मार्गदर्शन दिया, उसके अनुरूप आज प्रदेश में आत्मनिर्भर भारत के अन्तर्गत बड़े पैमाने पर श्रमिकों और कामगारों के सेवायोजन, रोजगार व स्वतः रोजगार की कार्रवाई को आगे बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि होम क्वारंटीन के पश्चात जो श्रमिक व कामगार बाहर आएंगे, इन श्रमिकों के लिए भी राज्य सरकार के पास पर्याप्त रोजगार के अवसर हैं। उन्होंने भरोसा जताया कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार को सभी श्रमिकों व कामगारों को विभिन्न कार्याें से जोड़ने में सफलता मिलेगी।
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री जी ने जनपद गोण्डा, बहराइच, सिद्धार्थनगर, गोरखपुर, जालौन तथा सन्तकबीर नगर के लाभार्थियों से संवाद किया। जनपद गोण्डा के विकास खण्ड हलधरमऊ की ग्राम पंचायत कमालपुर के मजरा विशुनपुरा गड़ेरियनपुरवा में गठित धनगर महिला स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष सुश्री विनीता पाल से संवाद कर समूह की महिलाओं का हौसला बढ़ाया। उल्लेखनीय है कि धनगर महिला स्वयं सहायता समूह ने लॉकडाउन के दौरान नर्सरी का प्रशिक्षण लिया तथा लॉकडाउन में सिलाई का काम बंद होने पर नर्सरी लगाने का कार्य किया, जिसके फलस्वरूप रोजगार सृजन के साथ ही सरकारी व निजी क्षेत्र की बिक्री से लाखों रुपए की धनराशि अर्जित की।
प्रधानमंत्री जी ने जनपद बहराइच के ग्राम पंचायत रखोना, विकास खण्ड शिवपुर के प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थी श्री तिलक राम से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वार्ता की। प्रधानमंत्री जी ने श्री तिलक राम से पूछा कि आपको प्रधानमंत्री आवास मिला, इसके बदले आप प्रधानमंत्री को क्या देंगे? इस पर श्री तिलक राम ने कहा कि मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि जीवन भर प्रधानमंत्री के पद पर बने रहें। प्रधानमंत्री जी ने श्री तिलक राम से वादा लिया कि वे अपने बच्चों को जितना पढ़ना चाहें, उतना पढ़ाएंगे। उन्होंने यह भी सीख दी कि बच्चों की पढ़ाई के लिए अगर थोड़ी परेशानी उठानी पड़े तो वह भी उठा लेनी चाहिए।
प्रधानमंत्री जी ने जनपद सिद्धार्थनगर के विकास खण्ड नौगढ़, ग्राम पंचायत कोडरा ग्रांट के श्री कुर्बान अली से भी संवाद किया। श्री कुर्बान अली लाॅकडाउन के दौरान मुम्बई से लौटे हैं। राजमिस्त्री का कार्य करने वाले श्री कुर्बान अली को गांव में ही सामुदायिक शौचालय निर्माण का कार्य कर रहे हैं। लाॅकडाउन के दौरान सकुशल घर वापस लाने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री जी और मुख्यमंत्री जी के प्रति आभार प्रकट किया।
प्रधानमंत्री जी ने जनपद गोरखपुर के विकास खण्ड पाली, ग्राम पंचायत टिकरिया खोर के श्री नागेन्द्र सिंह से भी संवाद किया। श्री सिंह अहमदाबाद में स्टील कम्पनी में 8000 रुपये प्रतिमाह पर काम करते थे। 29 अप्रैल, 2020 को गांव वापस लौटने के पश्चात वह 15 दिन क्वारंटीन सेण्टर में रहे, जहां उन्हें मुद्रा लोन के बारे में जानकारी दी गयी। उन्होंने मुद्रा लोन से भैंस खरीदकर पशुपालन का कार्य शुरु किया। इससे उन्हें प्रतिदिन 200 रुपये की आय हो जाती है। प्रधानमंत्री जी ने संवाद के दौरान श्री सिंह को बताया कि केन्द्र सरकार ने पशुपालन के लिए किसान क्रेडिट कार्ड बनाने की व्यवस्था की है। उन्होंने सलाह दी कि श्री सिंह भी क्रेडिट कार्ड बनवा लें। प्रधानमंत्री जी ने श्री सिंह को पशुओं का टीकाकरण कराने के लिए भी कहा।
प्रधानमंत्री जी ने जनपद जालौन के विकास खण्ड डकोर, ग्राम पंचायत बरहा के श्री दीपू से भी वार्ता की। श्री दीपू हैदराबाद में कूलिंग पाइप बनाने का काम करते थे। वर्तमान में वह बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण के कार्य से जुड़े हुए हैं। वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री जी ने कहा कि बुन्देलखण्ड में पानी की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही, बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे का भी निर्माण कराया जा रहा है। इससे इस क्षेत्र में भी रोजगार के अनेक अवसर उपलब्ध होंगे।
प्रधानमंत्री जी ने जनपद सन्तकबीर नगर के विकास खण्ड व ग्राम पंचायत नाथनगर के श्री रामचन्द्र तथा विकास खण्ड खलीलाबाद, ग्राम पंचायत दुघरा के श्री अमरेन्द्र कुमार से भी संवाद किया। श्री रामचन्द्र की होजरी की छोटी सी दुकान है। ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना के तहत इन्हें 11 लाख रुपये का ऋण प्राप्त हुआ है। इसकी सहायता से श्री रामचन्द्र होजरी व रेडीमेड कपड़ों का उत्पादन भी कर रहे हैं। श्री अमरेन्द्र कुमार की बेकरी की दुकान है। इन्हें पी0एम0ई0जी0पी0 योजना के तहत 25 लाख रुपये की ऋण धनराशि प्राप्त हुई है। इस धनराशि से श्री अमरेन्द्र कुमार, रस्क सहित अन्य बेकरी उत्पाद तथा नमकीन का उत्पादन कर रहे हैं। प्रधानमंत्री जी ने कहा कि लगन व निरन्तर परिश्रम से छोटे स्तर पर शुरु किये गये कार्य बड़े व्यवसायों में परिवर्तित हो जाते हैं। उन्होंने दोनों व्यवसायियों को समय से बैंक ऋण अदा करने का सुझाव दिया।
वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के दौरान औद्योगिक विकास मंत्री श्री सतीश महाना, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन मंत्री श्री सिद्धार्थनाथ सिंह, ग्राम्य विकास मंत्री श्री राजेन्द्र प्रताप सिंह (मोती सिंह), ग्राम्य विकास राज्य मंत्री श्री आनन्द स्वरूप शुक्ला, मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक कुमार, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त श्री आलोक टण्डन, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव एम0एस0एम0ई0 श्री नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज श्री मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री संजय प्रसाद, निदेशक सूचना श्री शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।