सी.एम. योगी को ज्ञापनः स्कूलों की टीचर्स के वेतन पर कुठाराघात न होने दें

लखनऊ, 01 जून 2020ः एसोसिएशन आॅफ प्राइवेट स्कूल्स, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष
श्री अतुल कुमार ने बताया कि उन्होने उ0प्र0 के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन भेजकर उत्तर प्रदेश शासन द्वारा 27 अप्रैल को तथा 01 मई 2020 को जारी दोनो शासनादेशों को निरस्त करवाने की प्रार्थना की है। क्योंकि ये दोनों ही शासनादेश
25 सितम्बर 2018 को उ0प्र0 विधान सभा द्वारा पारित यू.पी. फीस रैगुलेशन एक्ट के विरूद्ध हैं। अतः गैर कानूनी है।
उत्तर प्रदेश सरकार की अपर मुख्य सचिव, श्रीमती रेणुका कुमार ने 1 मई 2020 को शासनादेश (GO) जारी किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि लाॅक-डाउन के कारण स्कूलों में तीन माह तक कोई पढ़ाई नहीं होगी। इसलिए वर्तमान सत्र 2020-2021 में फीस बढ़ाने का कोई औचित्य नहीं है। अतः कोई भी स्कूल यू.पी. फीस रैगुलेशन एक्ट 2018 के अन्तरगत वर्तमान सत्र 2020-21 में फीस में वृद्धि नहीं करेगा।
सत्य यह है, कि लाॅक-डाउन शुरू होते ही 24 मार्च से स्कूलों ने आॅन-लाइन पढ़ाई शुरू कर दी तथा यह पढ़ाई निरन्तर जारी है और 30 जून तक चलेगी। तथा जब तक लाॅक-डाउन रहेगा तब तक यह आॅन-लाईन पढ़ाई जारी रहेगी।
इसलिए यह कहना कि वर्तमान सत्र 2020-2021 में तीन महीने कोई पढ़ाई नहीं होगी इसलिये सन् 2020-21 में फीस वृद्धि का कोई औचित्य नहीं है। सरासर अविचार पूर्ण तथा यू.पी. फीस रैगुलेशन एक्ट 2018 के विरूद्ध है एवं पूर्णतया गैर कानूनी है।
अतः माननीय मुख्य मंत्री जी से प्रार्थना है, कि दोनों ही गैर कानूनी शासनादेशों को निरस्त करने की कृपा करें। और बजट प्राईवेट स्कूलों एवं उनमें पढ़ाने वाले टीचर्स एवं कर्मचारियों के वेतन पर कुठाराघात न होने दें।


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