आंगनबाड़ी केंद्रों के लाभार्थियों का होगा डिजिटलीकरण
कॉमन सर्विस सेंटरों को सौंपी गई जिम्मेदारी, सोमवार से शुरू होगा काम
जरूरतमंदों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने में होगी आसानी
हमीरपुर। 05 जुलाई 2020
जनपद के आंगनबाड़ी केंद्रों के लाभार्थियों का डिजिटलीकरण होगा। इसकी शुरुआत सोमवार से हो जाएगी। लाभार्थियों का डाटा पोर्टल में फीड किया जाएगा, जिसमें एक क्लिक मात्र से ही लाभार्थियों को केंद्रों से मिलने वाली सुविधाओं का ब्योरा सामने होगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को जल्द ही स्मार्ट फोन भी दिए जाएंगे। इस योजना से लाभार्थियों को पोषाहार और दूसरी अन्य सुविधाएं मिलने में आसानी होगी। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी सुरजीत सिंह ने बताया कि जनपद में 1500 आंगनबाड़ी केंद्र हैं, जिसमें इतनी ही संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं। अभी तक केंद्रों में सारा काम मैन्युअल होता है। लेकिन अब डिजिलीकरण की प्रक्रिया को शुरू किया जा रहा है। इसके लिए कॉमन सर्विस सेंटरों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। गांव-गांव सेंटर खुले हैं, जिनके ग्राम स्तरीय उद्यमी (वीएलई) आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर डिजिटलीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने बताया कि अभी पूरे मण्डल सिर्फ चित्रकूट के ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता स्मार्ट फोन से लैस हैं। अब जल्द ही इस जनपद (हमीरपुर) के कार्यकर्ताओं को भी स्मार्टफोन से लैस किया जाएगा ताकि आगे से जो भी लाभार्थियों का डाटा होगा, उसे सीधे स्मार्ट फोन में ही अपलोड कर दिया जाएगा। जब तक स्मार्ट फोन नहीं मिल जाते तब तक कॉमन सर्विस सेंटरों की मदद से इस काम को आगे बढ़ाया जाएगा। कॉमन सर्विस सेंटर के जिला प्रबंधक अमित सिंह का कहना है कि इस अभियान को शुरू करने के आदेश मिल चुके हैं। सोमवार से काम शुरू कराया जाएगा।
"1.95 लाख लाभार्थी हैं पंजीकृत*
हमीरपुर। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि जनपद में 7 माह से 6 साल तक के कुल बच्चों की संख्या 1.34 लाख के आसपास है। गर्भवती व धात्री महिलाओं की संख्या का आंकड़ा 61000 के पार है जबकि स्कूल न जाने वाली 11 से 14 साल की किशोरियों की संख्या 765 हैं। इन सभी को केंद्रों से पोषाहार का वितरण किया जाता है। अब यह सारा डाटा पोर्टल में फीड किया जाना है। इसके लिए लाभार्थी को आधार कार्ड, राशन कार्ड का नंबर देना होगा। अगर बच्चों के पास आधार नहीं हैं तो उनके परिवार का राशन कार्ड का नंबर लिया जाएगा। अगर यह दोनों नहीं हैं तो अभिभावक का भी राशन कार्ड या आधार का नंबर लिया जा सकता है।